ओह फिर साडी जिंदगी रोये
जिना पेका नहीं छ डया ,ऊना ने जिंदगी विच कुछ नहीं वडया
जेडी सोरया दी नहीं होई ,ओह फिर साडी जिंदगी रोई
जेड़ा सोरया डा नहीं होया ,उसने खटया कट ते ज्यादा खोया
ओह फिर साडी जिंदगी रोये
जिना पेका नहीं छ डया ,ऊना ने जिंदगी विच कुछ नहीं वडया
जेडी सोरया दी नहीं होई ,ओह फिर साडी जिंदगी रोई
जेड़ा सोरया डा नहीं होया ,उसने खटया कट ते ज्यादा खोया
जब हम रोज सर में तेल लगते है तो हमारा सर हर प्रकार के कीटाणुया का काल बन जाता है क्योकि इससे टकराने वाला हर कीटाणु वंहा के तेल के संपर्क में आकर नेतनानाबूद हो जाता है ,वंही दूसरी तरफ जब हम सर सूखा रखते है तो वो सर जिस पर तेल नहीं लगा वो हर प्रकार के कीटाणुया का पोषक दाता बन जाता है ,,जरा कलपना कीजिये अरबो सर तेल लगा कर घूम रहे है तो वो सारा दिन में जंहा जंहा भी जायेगे वंहा उनके सर से टकराने वाला हर कीटाणु खतम समझो ,वंही दूसरी तरफ ,जो ट्रेंड आज कल चल रहा की सूखे खुश्क सर रखने का ऐसे अरबो सर ऐसे कीटाणयूओ के पोषक दाता है , सर पर तेल घने से शनि प्रस्सन होते है, व सर की नसों को तरावट मिलती है ,
बहुत पहले 10TH क्लस्सपढ़ा था की डिटर्जेंट पानी में पहुंच कर ALGE काई का भोजन होने के कारन अलगे बहुत हो जाती है व पानी में ऑक्सीजन कम ,यही हाल शैम्पू सर में करते है
नवग्रह इस सुगन्ध से मुठी में हो जाएंगे
प्राकृतिक सुगन्ध किसी भी प्रकार की हो सभी के मन को भाती जरूर है। यदि ग्रहो की प्रकृति के अनुसार सुगन्ध का स्तेमाल किया जाय तो निश्चित ही ग्रहों के दुष्प्रभाव से स्वयं को बचाया जा सकता है। सूर्य, चप्द्र, मंगल, बुध, ग्ररू, शुक्र शनि, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव मनुष्य को अशान्त व दुखी कर देते है। यदि आपअन्य उपयो के साथ यह सुगन्ध वाले उपाये भी श्रद्धा एवं विश्वास के साथ करेंगे तो आप पर नवग्रह अवश्य ही प्रसन्न होंगे व असीम कृपा करेंगे।
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सूर्यः- सूर्यदेव पृथ्वी पर साक्षात् प्रगट देव हैं। इनका तत्व अग्नि है यदि कुंडली मे अकेले सूर्य बलवान हो तो शुभ सूर्य कुंडली के बहुत से दोषों का नाश कर देते है
सूर्य देव को प्रसन्न करने लिए अन्य उपयो को जो भी आप कर रहे है उनके साथ साथ यदि आप केसर व गुलाब का इतर भी जल में डाल कर सूर्य देव को अर्पित करेंगे ,या मंदिर में जा कर शिवलिंग पर रखेंगे , या अपने ऊपर इस्तेमाल करेंगे , या जल में डाल कर स्न्नान करेंगे तो सूर्यदेव ओर अधिक जल्दी प्रसन्न होंगे व बहुत ही शुभ फल प्रदान करेंगे ,।
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चंद्रः-
चप्द्रमा का मन व मष्तिक पर अधिकार है हमरी कुंडली के 70% शुभ अथवा अशुभ फल चंद्रमा की स्तिथि पर निर्भर करते है, इनका तत्व जल है,तन मन पर पूर्ण
अदिकार के कारण तन व मन की स्वछता बहुत मायने रखती है ।
जीवन मे शुभ फल कितने प्राप्त होंगे ,साथी हमसे कितना प्रसन्न रहेगा यह सब चन्द्र देव की शुभता पर निरभर करता है , चन्द्रदेव को प्रसन्न करने के लिए चमेली व रात की रानी के फूलों का इतर खुद पर लगाये, चन्द्र देव का स्मरण करते हुए मंदिर में जा कर शिवलिंग पर अर्पित करे व ,नहाने के पानी मे डाल कर इस्तेमाल करे ऐसा करने से ,जीवन की बहुत सारी मानसिक पीड़ाएँ कम हो जाएंगी,
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मंगलः-
मंगल शरीर में रक्त का कारक है। अग्नि तत्व का ग्रह है। मंगल्रदेव को प्रसन्न करने के लिए लाल चन्दन की सुगंध ,इत्र ,अथवा तेल उपयोग करना शुरू कर दे ,इन्हे जल में
डाल कर स्नान करे,इन्हे शिवलिंग पर मंगलदेव का स्मरण करते हुए अपर्ण करे, हनुमान जी को मंगलवार अर्पित करे ,इससे मंगल देव प्रसन्न होंगे व अगर कोई कष्ट दे रहे है तो वह समाप्त होने शुरू हो जाएंगे।
बुधः-
बुध बुद्धि , विवेक ,वाणी , व समझ का कारक ग्रह है ,इसका तत्व पृथिवी है ,बुध देव को प्रसन्न करने के लिए अन्य उपायों के साथ अगर आप सुगंध से समबन्दित उपाए भी करेंगे तो बुध देव बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जायेंगे, बुध देव को प्रसन्न करने के लिए
इलाइची या ,चंपा का इत्र उपयोग करना शुरू करे, इन में से किसी एक इत्र को जलमें डाल कर स्नान करे, शिवलिंग पर अर्पित करे ,बहिन बुआ या बेटी को कोई एक इत्र उपहार में दे ,,ऐसा करने से बुध देव प्रसन्न होंगे व मनवांछित फल प्रधान करेंगे ,
गुरूः-
गुरु ज्ञान के कारक ग्रह हैं। गुरु व्योम है अंनत है आकाश तत्व है सुख समृद्धि व शांति व ज्ञान प्रधान करने वाले है ,,पीला केसरी रंग गुरु का सबसे प्रिय रंग है ,गुरु देव को प्रसन करने के लिए किसी भी प्रकार के पीले सुगंदित फूलो का इत्र, खासतौर पर केसर अथवा केवड़े का इत्र मुख्यता
शिवलिंग पर अर्पित करे ,जल में डाल क्र स्नान करे , दैनिक जीवन में प्रतिदिन स्वयं पर उपयोग करे ,इससे गुरुदेव प्रसन्न होंगे ,अगर किसी प्रकार की पीड़ा दे रहे है तो कम होगी , समाप्त होनी शुरू हो जाएगी ,व गुरु कृपा आनी शुरू हो जाएगी ,
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शुक्रः-
शुक्र ऐश्वर्या ,सुंदरता, काम ,luxuries ,के करक है , इनका तत्व जल है ,सुगंध इनहे प्रिये है , परन्तु सफ़ेद सुगंदित फूलो का इत्र चन्दन व कपूर का इत्र इनहे विशेष प्रिये है। गुलाब चमेली , चंपा जैसे तीक्ष्ण सुगन्ध वाले
इत्र शुक्रदेव को कम प्रिये है। यदि कोई शुक्र देव की सम्पूर्ण कृपा प्राप्त करना चाहता है तो सफ़ेद फूल ,या सफ़ेद फूलो का इत्र , या चन्दन या कपूर का इत्र जल में डाल कर स्नान करे ,इनका उपयोग शरीर व कपड़ो पर करे , शुक्रवार को या प्रतिदिन जल में मिला कर शुक्रदेव का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर पर अर्पित ,करे।
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शनिः-
शनि शरीर के अन्दर हड्डी आदि के कारक है । शनि ग्रह का तत्व वायु है । यदि आप शनिदेव की प्रसन्ता चाहते हैं तो दैनिक
जीवन में कस्तूरी, लोबान, व सौंफ का इत्र या सुगन्ध शनि देव का स्मरण करते हुय शिवलिंग पर अर्पित करें अथवा स्नान के जल में डालकर स्वयम पर उपयोग करे ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जातक की पीड़ा नही देते है
राहु और केतुः- राहु-केतु छाया ग्रह हैं। काली गाय का घी इनको बहुत प्रिय है। शरीर पर इसकी मालिश करने अथवा भोजन में खाने से राहु-केतू प्रसन्न होते है। इसके अलावा इन्हें लोबान व कस्तुरी का इत्र भी बहुत प्रिय है।
महाशिवरात्रि
शिवरात्रि पर करे यह उपाए सभी प्रकार के कष्ट दूर जायेंगे
गुरुवार, 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। एक अटूट सत्य है की इस दिन की गई शिव पूजा से पिछले समय से चली आ रहे दुःख संकट परेशानियां खत्म हो सकती हैं और धन लाभ भी मिल सकता है। आईये जानते है शास्त्रों में बताए गए उपाए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
**** शिवरात्रि पर इन 8 में से कोई 1 उपाय, पूर्ण श्रद्धा से करने पर आप की परेशनिया निश्चित रूप से दूर हो जाएगी।
*** महाशिवरात्रि की रात को किसी शिव मंदिर में दीपक अवश्य जलाएं । शिव पुराण के अनुसार धन के देवता कुबेर ने अपने किसी पूर्व जन्म में रात के समय शिवलिंग के पास दीपक से प्रकाश किया था , इसी वजह से अगले जन्म में वे देवताओं के कोषाध्यक्ष बने।
***महाशिवरात्रि पर छोटा सा पारद (पारा) शिवलिंग जो ४ इंच से बड़ा न हो ,, लेकर आएं और घर के मंदिर में इसे स्थापित करें। शिवरात्रि से शुरू करके रोज इसकी पूजा करें । इस उपाय से घर की दरिद्रता दुर होती है और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है।शिवलिंग स्थापित करने बाद शुचिता का पूर्ण ध्यान रखे।
*** शिवरात्रि पर स्फटिक के शिवलिंग की पूजा भी कर सकते हैं। घर के मंदिर में जल, दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से इस शिवलिंग को स्नान कराएं । मंत्र - ॐ नम: शिवाय का 108 बार जप अवश्य करें।
*** हनुमानजी भगवान शिव के ही अंशावतार हैं। शिवरात्रि की रात हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमानजी और शिवजी की प्रसन्नता व पूर्ण कृपा प्राप्त होती है। इनकी कृपा से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
*** जिनके वैवाहिक जीवन में संकट है वे किसी सुहागिन को सुहाग का सामान उपहार में दें । जो लोग यह उपाय करते है, उनके वैवाहिक जीवन के संकट दूर हो जाते हैं। सुहाग का सामान जैसे - लाल साड़ी, लाल चूडियां, कुम -कुम आदि।
*** महाशिवरात्रि पर किसी जरुरतमंद व्यक्ति को अनाज और धन का दान अपने समर्थ अनुसार करें। शास्त्रों में बताया गया है कि गरिबों को दान करने से पुराने से पुराने व घोर से घोर पापो का नाश होता है ,और इस दिन अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
*** जो लोग शिवरात्रि पर किसी बेल के वृक्ष के नीचे खड़े होकर खीर और घी का दान करते हैं, उन्हें माँ लक्ष्मी की खास कृपा प्राप्ति होती है। ऐसे लोग जीवनभर सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं और सभी कार्यों में सफल होते हैं।
*** शिव पुराण के अनुसार बेल का वृक्ष महादेव का रुप है। इसलिए इसकी पूजा अवश्य करें।फूल, कुम -कुम, प्रसाद आदि चीजें विशेष रुप से चढ़ाएं । इसकी पूजा से जल्दी शुभ फल मिलते हैं। शिवरात्रि पर बेल के वृक्ष के पास दीपक अवश्य जलाएं ।
महाशिवरात्रि
**** भगवान शिव बहुत भोले हैं, और भोलेनाथ को भोले लोग बहुत भाते है , यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा व मन से उन्हें सिर्फ एक लोटा जल भी अर्पित करे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। इस वर्ष २०२१ को महाशिवरात्रि (११ मार्च, गुरुवार) को शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय कर सकते है ,जो बहुत ही सरल है ,,,,,,,,,
ऐसे बहुत से छोटे सरल और अचूक उपायों के बारे में शिवपुराण में भी लिखा है। ये उपाय इतने सरल हैं व् इन्हे बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। हर समस्या के समाधान के लिए शिवपुराण में एक अलग उपाय बताया गया है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
************* महाशिवरात्रि पर करें ये आसान उपाय, प्रसन्न होंगे भोलेनाथ *******************
********** शिवपुराण के अनुसार जानिए, भगवान शिव को कौन सा रस (द्रव्य liquid ) चढ़ाने से क्या फल मिलता है-
**** 1.*** यदि बुखार उत्तर नहीं रहा तो भगवान शिव को जल चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि व उनके अच्छे भविष्य के लिए भी जल द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
*** 2.*** तेज व स्वस्थ दिमाग के लिए ,मानसिक परेशनिया दूर करने के लिए ,शक्कर मिला दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
*** 3***. ऐसा माना जाता है की शिवलिंग पर यदि गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
***4***. भगवान शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
*** 5***. शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से आसाध्य रोगो से आराम मिलता है।
*** 6***. शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति अगर भगवान शिव का अभिषेक गाय के शुद्ध घी से करे तो उसकी कमजोरी दूर होनी शुरू हो जाती है।
******* शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है******-
1.दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करने पर आयु बढ़ती है।
2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख प्राप्ति होती है।
3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने वाला मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
4. शमी के वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील झगड़ा न करने वाली पत्नी मिलती है।
6.हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
7. कनेर के फूलों से भगवान शिव का पूजन करने से ऐश्वर्य प्राप्त होता हैं।
8. जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं रहती ।
9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर आज्ञाकारी पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
10. लाल डंठल वाला धतूरा शिव पूजन बहुत ही शुभ माना गया है।
11. लाल व सफेद आक के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
***** आमदनी बढ़ाने के लिए विशेष उपाय
महाशिवरात्रि पर घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें व उसकी विधिवत पूजा करें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें-
ऊं नम: शिवाय:
प्रत्येक मंत्र के साथ बेलपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं। बेलपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे अपने पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें।ऐसा करने से व्यक्ति की आमदनी में इजाफा होता है।
**** संतान प्राप्ति के लिए उपाय विशेष उपाय
महाशिवरात्रि की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा करें। इसके बाद गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। अब प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिमा स्रोत्र से जलाभिषेक करें। इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें। उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें। गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष भी धारण करें। इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर ही धारण करें।
*** बीमारी ठीक करने के लिए विशेष उपाय
महाशिवरात्रि पर पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय। ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करते रहें ।
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