पेड़ की जड़ें और ज्योतिष
astro jyotish coaching kid's story Best home remedie
पेड़ की जड़ें और ज्योतिष
रत्नो की जगह आप धारण कर सकते है पेड़ों की जड़ें भी
ज्योतिष विद्या भी एक विज्ञान हैं । इस विद्या से भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी मिल सकती है। साथ ही, जीवन को सुखी और समृद्धिशाली बनाने के उपाय भी मालूम किए जा सकते हैं। कुंडली के 12 घरों में ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही हमारा जीवन चलता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति अच्छे फल प्राप्त नहीं कर पाता है । अशुभ फल देने वाले ग्रहों से अच्छे फल प्राप्त करने के लिए कई प्रकार के उपाय किये जाते हैं। ग्रहों से शुभ फल प्राप्त करने के लिए संबंधित ग्रह का रत्न पहनना भी एक उपाय है। असली रत्न काफी मूल्यवान होते हैं जो कि आम लोगों की पहुंच से दूर होते हैं। इसी वजह से कई लोग रत्न पहनना तो चाहते हैं, लेकिन धन की कमी में इन्हें धारण नहीं कर पाते हैं। ज्योतिष के अनुसार रत्नों से प्राप्त होने वाला शुभ प्रभाव अलग-अलग ग्रहों से संबंधित पेड़ों की जड़ों को धारण करने से भी प्राप्त किया जा सकता है।एक निश्चित प्रक्रिया के अनुसार यदि अपनी राशि,नक्षत्र और कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुरूप जड़ों को धारण किया जाये तो विस्मयकारी तरीके से लाभ होता है।
सभी ग्रहों का अलग-अलग पेड़ों से सीधा संबंध होता है। अत: इन पेड़ों की जड़ों को धारण करने से अशुभ ग्रहों के प्रभाव कम हो जाते हैं। धन संबंधी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
सूर्य
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो सूर्य के लिए माणिक रत्न बताया गया है। माणिक के विकल्प के रूप में बेलपत्र की जड़ लाल या गुलाबी धागे में रविवार को धारण करना चाहिए। इससे सूर्य से शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं।
if sun is malefic in your horoscope ,you can wear ruby , any pink stone ,or root of bael tree in your neck ,or keep it in your pocket warped in white cloth ,it will definitely solve many problems of your life
ज्योतिष विद्या भी एक विज्ञान हैं । इस विद्या से भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी मिल सकती है। साथ ही, जीवन को सुखी और समृद्धिशाली बनाने के उपाय भी मालूम किए जा सकते हैं। कुंडली के 12 घरों में ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही हमारा जीवन चलता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति अच्छे फल प्राप्त नहीं कर पाता है । अशुभ फल देने वाले ग्रहों से अच्छे फल प्राप्त करने के लिए कई प्रकार के उपाय किये जाते हैं। ग्रहों से शुभ फल प्राप्त करने के लिए संबंधित ग्रह का रत्न पहनना भी एक उपाय है। असली रत्न काफी मूल्यवान होते हैं जो कि आम लोगों की पहुंच से दूर होते हैं। इसी वजह से कई लोग रत्न पहनना तो चाहते हैं, लेकिन धन की कमी में इन्हें धारण नहीं कर पाते हैं। ज्योतिष के अनुसार रत्नों से प्राप्त होने वाला शुभ प्रभाव अलग-अलग ग्रहों से संबंधित पेड़ों की जड़ों को धारण करने से भी प्राप्त किया जा सकता है।एक निश्चित प्रक्रिया के अनुसार यदि अपनी राशि,नक्षत्र और कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुरूप जड़ों को धारण किया जाये तो विस्मयकारी तरीके से लाभ होता है।
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सूर्य
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो सूर्य के लिए माणिक रत्न बताया गया है। माणिक के विकल्प के रूप में बेलपत्र की जड़ लाल या गुलाबी धागे में रविवार को धारण करना चाहिए। इससे सूर्य से शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं।
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Bael tree is known as Bilva in Sanskrit. ... Belpatra means leaves of the Bel tree. Bilva leaves or the Belpatra is an important item while worshipping Lord Shiva. This leaf is trifoliate which signifies the holy Trinity: Brahma, Vishnu and Shiva.
चंद्र
चंद्र से शुभ फल प्राप्त करने के लिए सोमवार को सफेद वस्त्र में खिरनी की जड़ सफेद धागे के साथ धारण करें।
for moon root of Manilkara hexandra
यदि आप की कुंडली में चंद्र नीच का होकर वृश्चिक राशि में है,या राहु,केतु और शनि द्वारा प्रभावित है तो, रोहिणी नक्षत्र वाले दिन “खिरनी की जड़”, शुद्ध करके शिवजी को समर्पित करें और ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स:चंद्रमसे नम: मंत्र का जाप कर के सफेद धागे में धारण करें. फेफड़े सम्बंधित रोग,एकाकीपन और भावनात्मक समस्याओं का समाधान होगा।
बुध
बुधवार के दिन हरे वस्त्र के साथ विधारा (आंधी झाड़ा) elephant creeper की जड़ को हरे धागे में पहनने से बुध के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं .. यहां बताई जा रही जड़ें किसी भी पूजन सामग्री या ज्योतिष संबंधी सामग्रियों की दुकान से आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं ...
यदि आपकी कुंडली में बुध द्वादश,अष्टम भाव में या नीच का होकर मीन राशि में है, तो आप अश्लेशा नक्षत्र वाले दिन “विधारा (आंधी झाड़ा) की जड़” गणेश भगवान को को समर्पित करने के पश्चात ऊँ बुं बुधाय नम: मंत्र का जाप कर के हरे रंग के धागे में धारण करें। इस से बुद्धि विकसित होगी तथ निर्णय लेने में हो रही त्रुटि का भी समाधान होगा।
बुध
बुधवार के दिन हरे वस्त्र के साथ विधारा (आंधी झाड़ा) elephant creeper की जड़ को हरे धागे में पहनने से बुध के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं .. यहां बताई जा रही जड़ें किसी भी पूजन सामग्री या ज्योतिष संबंधी सामग्रियों की दुकान से आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं ...
यदि आपकी कुंडली में बुध द्वादश,अष्टम भाव में या नीच का होकर मीन राशि में है, तो आप अश्लेशा नक्षत्र वाले दिन “विधारा (आंधी झाड़ा) की जड़” गणेश भगवान को को समर्पित करने के पश्चात ऊँ बुं बुधाय नम: मंत्र का जाप कर के हरे रंग के धागे में धारण करें। इस से बुद्धि विकसित होगी तथ निर्णय लेने में हो रही त्रुटि का भी समाधान होगा।
शुक्र
गुलर की जड़ cluster fig tree को सफेद वस्त्र में लपेट कर या चांदी के लाकेट में शुक्रवार को सफेद धागे के साथ गले में धारण करने से शुक्र ग्रह से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
गुलर की जड़ cluster fig tree को सफेद वस्त्र में लपेट कर या चांदी के लाकेट में शुक्रवार को सफेद धागे के साथ गले में धारण करने से शुक्र ग्रह से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
यदि आपकी कुंडली में शुक्र अष्टम भाव में है या नीच का होकर कन्या राशि में है, तो आप “सरपोंखा अथवा गुलर की जड़”, भरणी नक्षत्र वाले दिन सफेद धागे से सायंकाल के समय लक्ष्मी जी का पूजन कर ऊँ शुं शुक्राय नम: मंत्र का जाप कर के धारण करें। संतानहीनता,कर्ज की अधिकता और धन के अभाव जैसी समस्या से मुक्ति मिलेगी।
मंगल
मंगल ग्रह को शुभ बनाने के लिए अनंत मूलIndian Sarsaparilla (Hemidesmus indicus)) read more या खेर की जड़ black catechu, read more को लाल वस्त्र के साथ लाल धागे में डालकर मंगलवार को धारण करें।
आपकी कुंडली में मंगल नीच का होकर कर्क राशि में हो या आप मांगलिक हों तो मृगशिरा नक्षत्र वाले दिन “अनंतमूल अथवा खेर की जड़ “ शुद्धिकरण के पश्चात हनुमान जी की पूजा करके ऊँ अं अंगारकाय नम: मंत्र का जाप कर के नारंगी धागे से धारण करें। क्रोध,अवसाद और वैवाहिक बाधा से मुक्ति मिलेगी।
गुरु
आपकी कुंडली में यदि गुरु रहु द्वरा युक्त है,राहु द्वारा दृष्ट है या नीच का होकर मकर राशि में है तो शुद्ध और ताजी “हल्दी की गाँठ अथवा केले की जड़ “पीले धागे में, पुनवर्सु नक्षत्र वाले दिन कृष्ण भगवान या बृहस्पति देव जी की पूजा कर के ॐ बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का जप करके धारण करें। व्यवसाय,नौकरी,विवाह सम्बन्धी समस्या और लीवर सम्बन्धी रोगों में लाभ होगा।
शनि
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शमी पेड़ की जड़ को शनिवार के दिन नीले कपड़े में बांधकर नीले धागे में धारण करना चाहिए।
आपकी कुंडली में यदि शनि सूर्य युक्त है,सप्तम भाव में है या नीच का होकर मेष राशि में है तो आप अनुराधा नक्षत्र वाले दिन “बिच्छू या बिच्छौल की घांस अथवा शमी पेड़ की जड़ “को नीले धागे से काली जी की पूजा के पश्चात ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप कर के धारण करें. कार्यों में हो रहे विलम्ब,कानूनी अड़चन और रोगों से मुक्ति मिलेगी।
राहु
कुंडली में यदि राहु अशुभ स्थिति में हो तो राहु को शुभ बनाने के लिए सफेद चंदन का टुकड़ा नीले धागे में बुधवार के दिन धारण करना चाहिए।
आपकी कुंडली में राहु लग्न,सप्तम या भाग्य स्थान मे है, तथा शुभ ग्रहों से युक्त है तो आप आर्द्रा नक्षत्र वाले दिन “सफेद चंदन का टुकड़ा “शिव जी का अभिषेक कर के भूरे धागे में ऊँ रां राहुए नम: मंत्र का जाप कर के धारण करें। रोग,चिड़चिड़ापन,क्रोध,बुरी आदतों तथा अस्थिरता से मुक्ति मिलेगी।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शमी पेड़ की जड़ को शनिवार के दिन नीले कपड़े में बांधकर नीले धागे में धारण करना चाहिए।
आपकी कुंडली में यदि शनि सूर्य युक्त है,सप्तम भाव में है या नीच का होकर मेष राशि में है तो आप अनुराधा नक्षत्र वाले दिन “बिच्छू या बिच्छौल की घांस अथवा शमी पेड़ की जड़ “को नीले धागे से काली जी की पूजा के पश्चात ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप कर के धारण करें. कार्यों में हो रहे विलम्ब,कानूनी अड़चन और रोगों से मुक्ति मिलेगी।
राहु
कुंडली में यदि राहु अशुभ स्थिति में हो तो राहु को शुभ बनाने के लिए सफेद चंदन का टुकड़ा नीले धागे में बुधवार के दिन धारण करना चाहिए।
आपकी कुंडली में राहु लग्न,सप्तम या भाग्य स्थान मे है, तथा शुभ ग्रहों से युक्त है तो आप आर्द्रा नक्षत्र वाले दिन “सफेद चंदन का टुकड़ा “शिव जी का अभिषेक कर के भूरे धागे में ऊँ रां राहुए नम: मंत्र का जाप कर के धारण करें। रोग,चिड़चिड़ापन,क्रोध,बुरी आदतों तथा अस्थिरता से मुक्ति मिलेगी।
केतु
केतु से शुभ फल पाने के लिए अश्वगंधा की जड़ नीले या नारंगी धागे में गले में गुरुवार के दिन धारण करें।
यहां बताई गईं सभी जड़े बाजार से आसानी से मिल जाती हैं। आमतौर पर ज्योतिष संबंधी सामान के विक्रेताओं के यहां इस प्रकार जड़ें मिल सकती हैं। बड़े बुजुर्गो को भी इन जड़ों की जानकारी हो सकती है। उनसे भी इस संबंध सहायता प्राप्त कर सकते है ह ताकि आपको ये जड़े मिल सके। साथ ही, इन जड़ों को धारण करने से पूर्व किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए। इन जड़ो को धारण करने से जुड़ा अगर कोई भी प्रश्न आप के मन में है तो आप निसंकोच नीचे दिए नंबर पर सम्पर्क कर सकते है।
English Name English name:
Sun: Arka Mudar Bael Wood apple tree
Moon: Dhak Butea Khirni Ceylon iron wood
Mars: Khaira marsh mallow Anantmool Indian Sarasaparilla)
Mercury: Apamarga Prickly Chaff Vidhara Root
Jupiter: Peepla Peepal tree Banana root
Venus: Gular cluster fig Sarpankhi root
Saturn: Shami Cikura pod
Rahu: Durva Bermuda Grass Sandalwood
Ketu: Kush
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केतु से शुभ फल पाने के लिए अश्वगंधा की जड़ नीले या नारंगी धागे में गले में गुरुवार के दिन धारण करें।
आपकी कुंडली में केतु, चन्द्र या मंगल युक्त होकर लग्नस्थ है, तो आप अश्विनी नक्षत्र वाले दिन गणेश जी का पूजन करने के पश्चात शुद्ध की हुई “असगन्ध या अश्वगन्धा की जड़”, ऊँ कें केतवे नम: मंत्र का जाप करने के पश्चात, नारंगी धागे से धारण करें. चर्म सम्बन्धी रोग,किडनी रोगों और वैवाहिक समस्याओं में से मुक्ति मिलेगी।
याद रखें कि समस्या से पूर्ण मुक्ति के लिये, आपको सम्बंधित ग्रहों के मंत्रों का जाप भी प्रतिदिन करना चाहिए।
यहां बताई गईं सभी जड़े बाजार से आसानी से मिल जाती हैं। आमतौर पर ज्योतिष संबंधी सामान के विक्रेताओं के यहां इस प्रकार जड़ें मिल सकती हैं। बड़े बुजुर्गो को भी इन जड़ों की जानकारी हो सकती है। उनसे भी इस संबंध सहायता प्राप्त कर सकते है ह ताकि आपको ये जड़े मिल सके। साथ ही, इन जड़ों को धारण करने से पूर्व किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए। इन जड़ो को धारण करने से जुड़ा अगर कोई भी प्रश्न आप के मन में है तो आप निसंकोच नीचे दिए नंबर पर सम्पर्क कर सकते है।
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Moon: Dhak Butea Khirni Ceylon iron wood
Mars: Khaira marsh mallow Anantmool Indian Sarasaparilla)
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Different planets have been associated with different plants
Sun: Arka
Moon: Dhak
Mars: Khaira
Mercury: Apamarga
Jupiter: Peepla
Venus: Gular
Satuen: Shami
Rahu: Durva
Ketu: Kush
Moon: Dhak
Mars: Khaira
Mercury: Apamarga
Jupiter: Peepla
Venus: Gular
Satuen: Shami
Rahu: Durva
Ketu: Kush
Remedies to get relief from sufferings
Sun Planet
roots of belpatra can be tied in a red cloth to get relief from troubles. The wood of aank tree is used during hawana. The mantra for afflicted Sun is “ Om Hram Hreem Hroma Saha Suraya Namah। 7000 times.
Moon Planet
Roots of Khirni plant can be tied in a white cloth to get the benefits of Moon. Wood of palash tree is used during hawana . The mantra for afflicted Moon is “ Om Shram Shreem Shroma Saha Chandramase Namah। 11000 times.
Mars Planet
Roots of Anantmool plant can be tied in a red cloth to get the benefits of Mars. Wood of Khair tree is used during hawana ceremony. The mantra for afflicted Mars is “ Om Kram Kreem Kroma Saha Bhomaya Namah।
10000 times.
10000 times.
Mercury Planet
Roots of Vidhaar plant is tied with green thread to get the benefits of Mercury. Wood of Apamarg tree is used during hawana ceremony. The mantrafor afflicted Mercury is " Om Bram Breem Broma Saha Budhaya Namah"।
9000 times.
9000 times.
Jupiter Planet
Roots of Banana plant /is /can be tied with yellow thread for the benefits of Jupiter. Wood of Peepal tree is used in havana to calm down the bad effects of malefic Jupiter. The mantra for afflicted Jupiter is
Om Gram Greem Groma Saha Gurveya Namah।
19000 times.
Om Gram Greem Groma Saha Gurveya Namah।
19000 times.
Venus Planet
f Sarponkha plant"s root can be used with white to get the benefits of Venus. Wood of Gular tree is used for havana to slow and quite down the effects of malefic Venus. The mantra to for afflicted Venus is
Om Dram Dreem Droma Saha Shukraya Namah।
16000 times.
Om Dram Dreem Droma Saha Shukraya Namah।
16000 times.
Saturn Planet
f Bichu plant"s root can be tied with black thread to get the benefits of Saturn. Wood of Shami tree is used for havana to slow down the effects of Saturn. The mantra for afflicted Saturn is
“ Om Pram Preem Proma Saha Shaneshcharya Namah।
23000 times.
“ Om Pram Preem Proma Saha Shaneshcharya Namah।
23000 times.
Rahu Planet
Wood of sandalwood tree must beused to get the benefits of Rahu. The color of the thread depends upon the sign in which the Rahu is situated. Wood of Durva tree is used in havana. The mantra for afflicted Rahu is
"Om Bhram Bhreem Bhroma Saha Rahve Namah।"
18000 times.
"Om Bhram Bhreem Bhroma Saha Rahve Namah।"
18000 times.
Ketu Planet
Root of Asangadh tree can be worn to get the maximum benefits of Ketu. The color of the thread l depends upon the sign in which the Ketuis situated. Wood of Kush tree is used in havana. The mantra tforafflicted Ketu is
“ Om Sram Sreem Sroma Saha Ketve Namah।
10000 times.
“ Om Sram Sreem Sroma Saha Ketve Namah।
10000 times.
botany &Astrology are complementary components of nature. Trees, vegetation and their parts if worshiped or worn or eaten as per or vedas, have the ability to calm down the ill effects of planets in human life. tree and plants planting and their maintenance provide environmental protection as well, health, happiness and prosperity to the human beings ,. There are several remedies and uses of plants and their parts mainly roots ,, in vedic astrology to pacify the ill-effects of afflicted planets planet in a kundali.
Some of which are, growing and serving a banyana tree on a highway gives relief from markeyesha Saturn and longevity, or if Jupiter is weak or forms Alpayu yoga due to association with any other planet then the native should plant and serve peepal tree to get good results. Similarly, medicinal trres ,plants/ and herbs are also used in astrology to get relief from inauspicious results of malefic planets.
Some of which are, growing and serving a banyana tree on a highway gives relief from markeyesha Saturn and longevity, or if Jupiter is weak or forms Alpayu yoga due to association with any other planet then the native should plant and serve peepal tree to get good results. Similarly, medicinal trres ,plants/ and herbs are also used in astrology to get relief from inauspicious results of malefic planets.
Each plant is associated with some or the other planet that are used on the native’s body after performing a special ritualsand poojas . These ayurvedic herbs are used to pacify the ill effects of planets $ surely destroy the defects of Vastu also
According to astrologers, Yagya is the most important ceremony to calm the planets and achieve their auspicious (mangaljanak } results.
our leanned rishies,, millions of years ago,, had identified the plants and herbs that could be used in yagna in various categories according to their relation with the planets to kill bad effects and to get maximum good effects
Wood used in the yagna is known as Idham. every wood can not be used for this ceremony. As per the the Vayu Purana, wood from teak, ficus, banyan, pipal, fig, sandalwood, cedar etc is considered beneficial for yajna. Dayanand Saraswati have considered the wood of sandalwood. palash and mango tree most beneficial for performing yagna.
to be continued
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Beautiful poem of munshi prem chand
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