पितरदोष
ब्रहस्पति
मान लो की यह व्यक्ति बहुत संस्कारी है, घर में पूजा-पाठ होती है सब कुछ बहुत बढ़िया होता है और संस्कारों को पूरा माना जाता है बड़ों की इज्जत की जाती है ,,एक बच्चा ऐसा पैदा होता है कहता है मैं नहीं मानता भगवान को उनके घर में पंडित जी आते हैं उनका अनादर कर देता हैं,,, हमारे यहां पर साल में एक बार अपने पुरोहितों के यहां जाकर जो कुछ बात बड़े बुजर्गो ने बनाई हुई है , मिलकर आए यथाशक्ति उनका सम्मान करें गोदान दे उनका ,पांव हाथ लगा कर आशीर्वाद आशीर्वाद ले ,उनसे कहे आप हमे आशीर्वाद दो ,सर पर हाथ रख कर की परिवार से सब प्रकार से सुख ,समृदि व शांति आये ,बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद परिवार पर सदैव बना रहे।
जो अपने पुरोहितो को भूल चुके हैं, या फिर जिन लोगों ने पीपल कटवाया है,,, किसी भी तरह से किसी मंदिर को कोई क्षति पहुंचाई है,,या उसे बनने नहीं दिया या बनने में रुकावट डाली है किसी भी तरह का कोई न कोई परेशानी पैदा किया मंदिर से रिलेटेड मंदिर की मूर्ति को क्षति पहुचायी , मंदिर के अंदर चोरी किया मंदिर में से कोई सामान उठाया है मंदिर के पंडित से लड़ाई झगड़ा किया उन्हें ब्रहस्पति का पितृ दोष लगता है।
और जिनके यहां बृहस्पति का दोष लग जाता है एक ने किया, उसने जो औलाद पैदा की यह दोष उसके अंदर भी यह आ जाता है और उसकी उस औलाद ने आगे दो तीन औलाद की और अगर इस दोष का निवारण नहीं किया था तो वह दोष उनके अंदर भी आ जाता है ,,,,
जिन भी लोगो की कुंडली में यह दोष आ जाता है फिर उनके घर में क्लेश होने लगते हैं या फिर मियां बीवी की आपस में नहीं बनती,इससे दोष से पीड़ित लोग नए जमाने की बातो को मानने लग जाते है। अपने संस्कारों को छोड़ देते हैं उसके कारण आज के जमाने को मारना शुरू कर देते हैं पुराने संस्कारों को छोड़ देते हैं फिर जुकाम साइनस वगैरा आम दिखते हैं उस घर के अंदर आम बात हो जाती हैं मुझे लगा हुआ असल में बृहस्पति का दोष ही लगा हुआ होता है और ऐसे लोग जितने समझदार बनते हैं उतने ही मूर्ख साबित होती है और घर में पैसा नहीं बचता और जो पढ़ाई करते हो उनका लाभ नहीं हो पाता,,घर के बच्चो की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है ,ग्रेजुएशन किसी की नहीं होती ,
इन लोगों को बृहस्पति का दोष होता है है , इन लोगों को बृहस्पति के दोष का निवारण जरूर करना चाहिए
और कैसे यह ऋण कैसे उतारना होता है घर में जितने भी लोग हैं सिर्फ जमाई को छोड़कर उनसे बहुये से भी लेने है , थोड़े-थोड़े पैसे लेकर के आपके घर के बिल्कुल पास में जो मंदिर है वहां पर जो बुजुर्ग पंडित को देखकर,उनके पांवो को हाथ लगा कर आशीर्वाद ले ,और उस मंदिर में रेगुलर जाते रहे।
घर के पास जो भी सबसे पुराना पीपल है उस पर जल चढ़ाएं नहीं तो बृहस्पतिवार को जरूर चढ़ाएं
और गर ये नहीं किय तो ब्रस्पति का पितृ दोष ,श्राप ऐसे ही चलता रेगा ,परिवार की परेशानिया ख़त्म नहीं होगी
इन शरादो से शुरू करो ,क्योकि श्राद पितरो से ही रिलेटेड है ,
शादीशुदा जिंदगी की परेशानियों ,परिवार में कोई अच्छा पढ़ नहीं पा रहा ,,,,
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मंगल
अपने घर के सारे सदस्यों से बराबर के पैसे इकट्ठे करो अगर कोई नहीं देता उसके हिस्से के अपने पास से 10 गुना ज्यादा डाल दे जैसे की 10 देनी है तो सो रुपए डाल दो आपके पूरे फैमिली के जितने बंदे है सब से पैसे इकट्ठे करके गरीबों गरीबों के अंदर दवाइयां बटवायो।
मंगल के पितृदोष के अंदर होता यह है कि पुराने समय के अंदर इंसान है जो हमारे बुजुर्ग गए हैं उन्होंने अपने किसी और दोस्त को धोखा दिया होता है या आपने किसी ना किसी यार दोस्त का या रिश्तेदार का कुछ ना कुछ हड़प्पा होता है तो यह मंगल का पितृ दोष बनता है।
फिर यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे चलता चला जाता है,,,, यह जिंदगी के अंदर कभी भी खुशियां नहीं आने देता यह दोष केवल एक के ऊपर ही नहीं आता ,, देवर जेठ के ऊपर भी आएगा उनकी भी हालात ऐसे बना देगा कि किसी न किसी रूप में उनके घर में भी खुशियां नहीं आने देगा।
सबसे पैसे इकट्ठे करके अपने पल्ले से गरीबों के अंदर दवाइयां बट वाओगे या किसी को किसी डॉक्टर या वैद को पैसे दे कर कहो हमारी तरफ से लोगों को फ्री में दवाई बंटवा देना तो इसके बुरे दिन खत्म होने लगेंगे और जिंदगी में सुख मिलेंगे। ....
. लोगों को लेकर मां शारदे मां बाप ने बताया कि अगर हम बड़ों की सेवा नहीं करते हैं सम्मानित करते हैं बाए हाथ नहीं लगाते यह रीति रिवाजों को आगे नहीं बढ़ाते हैं तो इस तरह के लोगों के जीवन में निश्चित है कि गुरु का पितृ दोष के उपाय बताएं मानव गाना
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सूर्य
बहुत सारे लोग दुनिया में कहते हैं कि कोई भगवान नहीं होता ,,अरे कुछ नहीं है लोगों को मूर्ख बनाने की कलाएं हैं यह क्या लक्ष्मी जी की पूजा करेंगे तो लक्ष्मी जी घर आ जाएगी ,,, हनुमानजी की पूजा करेंगे तो बल आ जाएगा,, जिन लोगों के इस तरह के विचार हैं उनके ऊपर सूर्य का पितृ दोष होता है इन लोगों का अंत बड़ा खराब होता है ,,,,, घर के अंदर जो बुजुर्ग होंगे आखिरी समय में चाहे कोई बीमारी चाहे कष्ट होना उनको यह अपनों का साथ ना देना मैं कि उनका अंत समय के अंदर बड़ा दुखदाई होता है ऐसे लोगों को जो होता है पितृदोष सूर्य का होता है।
उन्हें जो निवारण करना चाहिए वह सूर्य का यज्ञ करना चाहिए अपने पूरे परिवार से पैसे इकट्ठे करके अपने घर के अंदर सूर्य का यज्ञ करना चाहे उनके जो सहस्त्रनाम है, उनका करवाएं चाहे उनका जो भी अच्छा मंत्र है उसको करवा कर किसी पंडित जी से बताइए की साल-दर-साल येह करवाते रहेंगे ,तो परेशानिया दूर होनी शुरू हो जाएगी ,व्यक्ति दोष से पीड़ित होता है नास्तिक हो जाता है ,श्रद्धा उसके मन में कम हो जाती है ,और वो नेगेटिविटी की तरफ अग्रसर होता जाता है।
साल में एक बार करवाएंगे तो क्या लग जाएगा हजार दो हजार लग जायेगे
यह यज्ञ घर के सदयस्यो की नास्तिकता को दूर करेगा ,,, श्रदा वाला मन बनएगा
आप मज़बूरी समज कर ही इसे करते रहे।
अगर यह नहीं किया आगे और औलादो में बच्चों की आंखें खराब होने लगती है बच्चे जो परफॉर्मेंस उनके अंदर होनी चाहिए वह नहीं कर पाते और उनके अंदर गुस्सा चिड़चिड़ापन आने लगता है बच्चे बीमार रहने लगते हैं।
अपने समय में आदमी ने खुद तो अच्छा जीवन बिताया होता है , लेकिन औलाद के लिए अच्छे हालात नहीं कर पाता खुद को भले ही सरकारी अफसर बन जिंदगी अच्छे से काट ली हो पर आगे औलाद अच्छा कुछ भी नहीं कर पाती ,,,
इसको को खत्म करना बेहद जरूरी है और यह घर पर यज्ञ करवाने से ही ठीक हो सकता है और सूर्य का यज्ञ खास तौर पर यह पितृ पक्ष में अगर करवाया जाता है तो लाभ अधिक और असरदार होगा
अगर एक आम भंडारा भी लगा सको तो बहुत ही उत्तम होगा आपका कम से कम यह दोष दूर होगा और आगे अच्छे परिणाम मिलेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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चंद्र
खानदान में हमारी दो ,चार पीढ़ी पहले अगर किसी ने अपनी मां को बहुत सताया है, मां के साथ जुल्म किए हैं या मां को घर से निकाल दिया है ,ऐसे लोगों के ऊपर चंद्रमा का पितृदोष होता है और ऐसे लोगों के यहां अक्सर देखा जाता है कि औरतें बीमार पड़ जाती है तो उसका कोई ख्याल नहीं रखता और वो जाते हुए श्राप दे जाती है व्ही चंदमा का पितृ दोष बनता है।
ऐसे लोग जो जमीन खरीदते है उसकी कीमत नहीं बढ़ती,,बल्कि वापिस उस रेट पर भी निकलनी मुश्किल हो जाती है , ऐसे लोग कहते है उसने फलानी जगह खरीदी थी उसका तो रेट बढ़ गया हमारा नहीं बड़ा ,,,,,,ऐसे लोगों की जमीन कहीं ना कहीं फसी या बेकार होने लगती है।
खानदान में किसी न किसी को झूठ बोलना, जुए की आदत , शराब की आदत किसी ना किसी एक बच्चे में आने लगते हैं फिर धीरे-धीरे बाकी सब लोगों में या उससे अगली पीढ़ियों में चली जाती हैं,,, सही मायने में रिश्वत की कमाई से घर जब पलता है और औलाद बिगड़ जाती है तो इसको चंद्रमा का पितृदोष कहते हैं और ऐसा जिनके साथ भी हो चुका है या है तो और याद करके देखें पीछे एक या दो पीढ़ी पहले खानदान में किसी ना किसी औरत को बहुत त्रास दिया गया होता है।
ऐसे लोगों को पूरे खानदान से चांदी इकटा करके आप ज्यादा नहीं कर सकते तो 20, 20 ग्राम चांदी इकटा करके उसको जल प्रवाह कर दो ,,,,,इदर आप ने जल प्रवाह किया वहां धीरे-धीरे करके औलाद के अंदर सुधार आने लगता है। जमीन जायदाद के अंदर फंसे हुए पैसे उनका सुख मिलने लगता है उनको जमीं जायदाद का सुख मिलने लगता है जिन्हे चार पहिये वाले वाहन का सुख नहीं मिलता वो मिलने लगता है
जो लोग कोशिश भी करते हैं पर चार पाइये वाला वाहन खरीद नहीं पाते उनको यह उपाय जरूर करना चाहिए एक बार यह किया हुआ उपाय उनके पितृ श्राप को को समाप्त करके उनके जीवन को अच्छा कर सकता है,,,,,,end
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मंगल
भाइयों के साथ भी बन नहीं पाती, रिश्तेदारों के साथ नहीं बन पाती ,,,आसमान पर पहुंचकर नीचे गिरते हैं जब भी घर में मंगल कार्य किए जाते उसके बाद तकलीफे ही आती हैं घर के अंदर खून से संबंधित बीमारियां आती है
किसी दोस्त को बर्बाद किया हो , दूसरा अपने लालच के लिए यानी कि सिर्फ जैल्सी या यार मारी की जाए किसी का बना बनाया काम बिगाड़ दिया जाए पुराने जमाने में लोग क्या करते थे इस की फसल बिल्कुल पक कर खड़ी हुई है रात को चुपचाप गए उसमें आग लगा देते थे।
किसी घर का काम काज बहुत अच्छा चल रहा है ,वँहा दूध देने वाले जानवर है तो जानबूझकर कुछ ना कुछ ऐसा कर दिया कि उसका जानवर मार दिया, लेकिन आज के जमाने के अंदर उल्टा हो गया कि अगर आप ने किसी को धोखा दे दिया है या किसी के चलते हुए काम को बंद कराने के लिए कोई भी प्लानिंग कर रहे है क तो समझ लो मंगल का पितृ दोष आ गया, और फिर यही आप की आगे नस्ल के अंदर कोई भी सुखी नहीं रह सकता जब भी कोई भी कोई मंगल कार्य आएगा हालत खराब हो जाएगी,, भाई यार मित्र के सुख ख़राब होने लगते है
घर में खून से संबंधित बीमारियां भी आ जाती है, जिसमें कि कैंसर ,अल्सर जैसी बीमारिया आने लगती है ,कई बार तो जिनको ये आती है उनको पता भी नहीं होता कि हमें भगवान उन्हें किस बात की सजा दे रहा है क्या उन्होंने कभी कोई बुरा काम किया होगा ,,लेकिन यह तो पीछे से पितरो का हिसाब चला आ रहा होता है। ,,,, उसकी वजह से ऐसा होता है
अपने पूरे खानदान से पैसे ले लो या दवाइयां ले लो वह लेकर के आप गरीबों को निशुल्क दवाइयां बांटे अगर वह नहीं कर सकते तो एक और चीज है कि आप सब से बरा बर के पैसे लेकर के यह जो रोड के किनारे खुरपी तसला बनाने वाले होते हैं आप उनको दे सकते हो उनको देकर कहना है की इन पैसो से कोई जरूरतमंद गरीब आये तो उनको सामान फ्री दे दे और पैसे उनको दे देने है , यह कह सकते हैं.
किसी डॉक्टर या केमिस्ट को पैसे दे कर कह सकते हो की अगर कोई गरीब आ जाये जो पैसे देने में असमर्थ हो तो उसे इन पेसो से दवाई दे देना।
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बुध का पितृ दोष

आज के जमाने में लगभग हर जगह देखने को मिल रहा है और वह क्या है जवानी में किसी को प्यार में फंसाने उसके बाद उसे छोड़ देना। यह करो उसके बाद हमेशा बहनो को एक ही नजर से देखना की कंही बहने ये कुछ ले न जाये ..बहनो का पैसा ले कर मार लेते है लड़कियों को मरवा देते हैं ,एबॉर्शन करवा देते हैं और यहां तक की लड़कियों को छोड़कर चले जाते है जो भी लोग ऐसा करते हैं उनको बुध के पितृदोष का का सामना करना पड़ता है।
उनका बच्चा गुम जाता है ,,, उनके बच्चे बदले जाते हैं हॉस्पिटल के अंदर,,, नसों की प्रॉब्लम आती है। बार-बार काम धंदे की कोशिश करते है बार बार गिरते हैं
पीछे से चला आ रहा यह बुध का पितृ दोष है तो भी इस तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा ऐसे लोग कभी भी अपने विचारों पर स्थिर नहीं होती जल्दी-जल्दी बदलते है इसके अंदर अपने भी हालात ऐसे होते हैं ,की परिवार की लड़किया कि अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार लेती है ,,और वह गलत संगत पड़ जाती है ,,अगर वह गलत संगत में नहीं गई तो जब ससुराल जाती है तो ससुराल वालो के हालात खराब हो जाते है
इसको ठीक करने के लिए अपने पूरे परिवार से एक एक मुट्ठी कोडिया लेलो और जो पहले खेला करते थे सारी रात आग में जलाते रहो और सुबह लगभग चार 4:30 बजे जाकरउनको जल प्रवाह कर दो
जब तक नहीं करोगे बेटा तब तक नसों की कमी की, बुदि कमी, काम धंदे की कमी दूर नही होगी।
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शुक्र

शुक्र है हमारे शरीर के अंदर का जोश ,पारिवारिक सुख का कारन ,इस दोष से ग्रसित व्यक्ति जालिम बन कर अपनी पत्नी को पीटता है ,उसकी नेचर ही पकी खराब हो जाती है ,,,अपने भाई बहनो से नफरत करता है ,उनके साथ भी जालिमो वाला सलूक करता है ,जबरदस्ती उनसे बोलना छोड़ देता है ,ऐसे लोगो को शुक्र का पितृ दोष लगता है ,
इस दोष से ग्रसित व्यक्ति जिंदगी के अंदर कभी भी दूध देने वाले जानवरों का सुख नहीं पा सकता व आगे चलकर उसके परिवार के अंदर नपुंसकता भी आती है,गुप्तांग से संबंदित दिकते भी आती है ,, जीवन साथी से संबंधित बेवफाई के हालात भी देखने को मिलते हैं और जिंदगी के अंदर काम बहुत ज्यादा तरक्की कर नहीं पाते ,ऐसे लोगो के घर में थके थके,भुजे भुजे से जीव पैदा होते है ,,,ढीले ढाले लोग व बच्चे देखने को मिलते है ,,,गर ऐसे लोग परमात्मा को ज्यादा मानने भी लग जाये पर ये श्राप ख़त्म नहीं होता है है थोड़ा उसका असर कम जरूर हो जाता है।
ऐसे लोगों को शुक्र के श्राप का इलाज जरूर करके चलना चाहिए और वह आपके पूरे खानदान से बराबर के पैसे इकट्ठे करके बेटा एक ही दिन के अंदर भूसा ,खल ,बिनोला कम से कम कम से कम सौ , गायो को खिलाओगे, एक ही दिन में ,और कम से कम सात साल तक ,,, तब इस श्राप से मुक्ति मिलेगी तब घर की औरतें सुखी रहेगी ,पैसे को जो आग लग जाती है ,पैसा भिखर जाता है ,,, आप कोई अच्छा काम करना चाहते हो ,मंदिर बनवाना चाहते हो ,कोई और धर्मार्थ का काम करना चाहते हो ,पर पैसा ही नहीं बचता ,,,तब ये प्रोब्लेम्स दूर होगी ,,,
शारीरिक कमी दूर होगी ,निजी सुख की कमी दूर होगी ,जो औरते बहुत दुखी करती है ,वो प्रॉब्लम दूर होगी ,,कई घरो में औरते इस तरह का रूप धर लेती है की पुरे दुखी कर के रखती है ,पुरे खानदान का धुयाँ निकाल देती है ,,या ओरतो का ऐसा हाल होता है बीमारियों से ही त्रस्त रहती है ,ये वाले हालत दूर होंगे ,,,
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शनि
शनि जब आदमी को बनता है तो पूरा जालिम बनता है है इसलिए इसके ऋण को भी जालिमाना ऋण बोला जाता है ,अगर हमारे बुजुर्गो ने कभी किसी की हत्या करवा दी ,या फिर किसी को थोड़े बहुत पैसे दे कर उसकी जमीं या मकान हड़प लिया हो ,या बिना पैसे दिए धोखे से किसी की सम्पति हड़प ली हो , जो लोग भी ऐसा करते है ,उनकी आगे पीडियो को बहुत तकलीफ उठानी पड़ती है ,और उनकी पीढ़ियों में आगे सन्तानो में उनका किया कृत्या शनि का पितृदोष बन कर तब तक आता रहता है जब तक कोई उसका ठीक से उपाए न कर दे ,,,ऐसे लोगो के यंहा बीमारिया रहती है ,कोई भी काम सिरे नहीं चढ़ता ,काम पूरा सिरे पर पहुंच निचे गिर जाता है ,,बार बार धोखे मिलते है ,,,
ऐसे लोगो में धीरे धीरे घमंड बढ़ता जाता है ,और ये घमंड आने के बाद ये लोग किसी को भी सुखी नहीं रहने देते। इसका उपाए ये है की ऐसे लोग पुरे परिवार से पैसा इकठा कर के सौ जगह की मछलियों को एक ही दिन में खाना खिलाये ,या फिर सौ मजदूरों को एक ही दिन में खाना खिलाये ,यही सबसे उत्तम इलाज है उपाए है ,कम से कम तीन साल तक ये उपाये करना है ,,,अगर ये उपाए नहीं किया तो जिंदगी में सपने जितने मर्जी बड़े हो
आप कितना भी घर में बाहर कहते रहो उसकी क्या अकल है ,इसकी क्या अकल,हमारी नॉलेज इन सब से ज्यादा है ,बस ये कहते ही रहोगे ,दुनिया को कुछ नजर नहीं आएगा। और तुम कुछ भी नहीं कर पयोगे।
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राहु और केतु
जो लोग दहेज की डिमांड करते है ,सिर्फ और सिर्फ ससुराल को लूटने के लिए ही पैदा हुए है ,,यह केवल आदमी ही नहीं औरते भी करती है। ,अपने ससुराल वालो से पति से धोखे से झूठ बोल कर पैसा लूटती है और उसे उड़ाती है ,,,शातिर चाले चलते है ,,,जो भी कैसे भी ससुराल वालो को दुखी करता है ,सास को देवर को पति के रिस्तेदारो को लुटता है उनके ऊपर राहु का पितृ श्राप चलता है ,,,दुर्गटना ,धोखा क्लेश ,ये सब राहु के श्राप के चलते ही होते है ,,आये दिन कोई न कोई मुसीबत ,अचानक एक्सीडेंट ,,,अचानक कामकाज का खराब होना ,,,अचानक धोखे मिलना ,,,ये सब जीवन में आम बात हो जाती है ,,,ऐसे आदमी या औरत किसी न किसी रूप में ससुराल या पति को बेवकूफ बना कर अपनी ऐयाशियों में लगे रहते है ,और दिखाते ऐसे है जैसे जो वो कर रहे है पति व सास की रजामंदी से कर रहे है ,,,ऐसे आदमी या औरत अपने ही हाथो से अपनी औलादो को बर्बाद कर देते है ,,सिर्फ और सिर्फ अपनी आयाशियो के लिए।
इस का उप्पय है सारे परिवार से नारियल ले कर ,जो नहीं दे रहा है उसके हिस्से के दस नारियाल ले कर ,उनको जल परवाह कर दो ,,,
केतु
अगर औलाद से समबन्दित या कमर ,पाँव ,पेशाब ,या कमर से निचे के दुख आ रहे है ,अगर लोगो से धोखा मिलता रहता है ,तो मतलब ये केतु का पितृ श्राप है। सौ कुत्तो को एक साथ खाना खिलाये।
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** टेक्स्ट फ्रॉम ऑडियो ऑफ़ ज डी वशिस्ट text from audio of sh j d vashist
ब्रहस्पति
मान लो की यह व्यक्ति बहुत संस्कारी है, घर में पूजा-पाठ होती है सब कुछ बहुत बढ़िया होता है और संस्कारों को पूरा माना जाता है बड़ों की इज्जत की जाती है ,,एक बच्चा ऐसा पैदा होता है कहता है मैं नहीं मानता भगवान को उनके घर में पंडित जी आते हैं उनका अनादर कर देता हैं,,, हमारे यहां पर साल में एक बार अपने पुरोहितों के यहां जाकर जो कुछ बात बड़े बुजर्गो ने बनाई हुई है , मिलकर आए यथाशक्ति उनका सम्मान करें गोदान दे उनका ,पांव हाथ लगा कर आशीर्वाद आशीर्वाद ले ,उनसे कहे आप हमे आशीर्वाद दो ,सर पर हाथ रख कर की परिवार से सब प्रकार से सुख ,समृदि व शांति आये ,बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद परिवार पर सदैव बना रहे।
जो अपने पुरोहितो को भूल चुके हैं, या फिर जिन लोगों ने पीपल कटवाया है,,, किसी भी तरह से किसी मंदिर को कोई क्षति पहुंचाई है,,या उसे बनने नहीं दिया या बनने में रुकावट डाली है किसी भी तरह का कोई न कोई परेशानी पैदा किया मंदिर से रिलेटेड मंदिर की मूर्ति को क्षति पहुचायी , मंदिर के अंदर चोरी किया मंदिर में से कोई सामान उठाया है मंदिर के पंडित से लड़ाई झगड़ा किया उन्हें ब्रहस्पति का पितृ दोष लगता है।
और जिनके यहां बृहस्पति का दोष लग जाता है एक ने किया, उसने जो औलाद पैदा की यह दोष उसके अंदर भी यह आ जाता है और उसकी उस औलाद ने आगे दो तीन औलाद की और अगर इस दोष का निवारण नहीं किया था तो वह दोष उनके अंदर भी आ जाता है ,,,,
जिन भी लोगो की कुंडली में यह दोष आ जाता है फिर उनके घर में क्लेश होने लगते हैं या फिर मियां बीवी की आपस में नहीं बनती,इससे दोष से पीड़ित लोग नए जमाने की बातो को मानने लग जाते है। अपने संस्कारों को छोड़ देते हैं उसके कारण आज के जमाने को मारना शुरू कर देते हैं पुराने संस्कारों को छोड़ देते हैं फिर जुकाम साइनस वगैरा आम दिखते हैं उस घर के अंदर आम बात हो जाती हैं मुझे लगा हुआ असल में बृहस्पति का दोष ही लगा हुआ होता है और ऐसे लोग जितने समझदार बनते हैं उतने ही मूर्ख साबित होती है और घर में पैसा नहीं बचता और जो पढ़ाई करते हो उनका लाभ नहीं हो पाता,,घर के बच्चो की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है ,ग्रेजुएशन किसी की नहीं होती ,
इन लोगों को बृहस्पति का दोष होता है है , इन लोगों को बृहस्पति के दोष का निवारण जरूर करना चाहिए
और कैसे यह ऋण कैसे उतारना होता है घर में जितने भी लोग हैं सिर्फ जमाई को छोड़कर उनसे बहुये से भी लेने है , थोड़े-थोड़े पैसे लेकर के आपके घर के बिल्कुल पास में जो मंदिर है वहां पर जो बुजुर्ग पंडित को देखकर,उनके पांवो को हाथ लगा कर आशीर्वाद ले ,और उस मंदिर में रेगुलर जाते रहे।
घर के पास जो भी सबसे पुराना पीपल है उस पर जल चढ़ाएं नहीं तो बृहस्पतिवार को जरूर चढ़ाएं
और गर ये नहीं किय तो ब्रस्पति का पितृ दोष ,श्राप ऐसे ही चलता रेगा ,परिवार की परेशानिया ख़त्म नहीं होगी
इन शरादो से शुरू करो ,क्योकि श्राद पितरो से ही रिलेटेड है ,
शादीशुदा जिंदगी की परेशानियों ,परिवार में कोई अच्छा पढ़ नहीं पा रहा ,,,,
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मंगल
अपने घर के सारे सदस्यों से बराबर के पैसे इकट्ठे करो अगर कोई नहीं देता उसके हिस्से के अपने पास से 10 गुना ज्यादा डाल दे जैसे की 10 देनी है तो सो रुपए डाल दो आपके पूरे फैमिली के जितने बंदे है सब से पैसे इकट्ठे करके गरीबों गरीबों के अंदर दवाइयां बटवायो।
मंगल के पितृदोष के अंदर होता यह है कि पुराने समय के अंदर इंसान है जो हमारे बुजुर्ग गए हैं उन्होंने अपने किसी और दोस्त को धोखा दिया होता है या आपने किसी ना किसी यार दोस्त का या रिश्तेदार का कुछ ना कुछ हड़प्पा होता है तो यह मंगल का पितृ दोष बनता है।
फिर यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे चलता चला जाता है,,,, यह जिंदगी के अंदर कभी भी खुशियां नहीं आने देता यह दोष केवल एक के ऊपर ही नहीं आता ,, देवर जेठ के ऊपर भी आएगा उनकी भी हालात ऐसे बना देगा कि किसी न किसी रूप में उनके घर में भी खुशियां नहीं आने देगा।
सबसे पैसे इकट्ठे करके अपने पल्ले से गरीबों के अंदर दवाइयां बट वाओगे या किसी को किसी डॉक्टर या वैद को पैसे दे कर कहो हमारी तरफ से लोगों को फ्री में दवाई बंटवा देना तो इसके बुरे दिन खत्म होने लगेंगे और जिंदगी में सुख मिलेंगे। ....
. लोगों को लेकर मां शारदे मां बाप ने बताया कि अगर हम बड़ों की सेवा नहीं करते हैं सम्मानित करते हैं बाए हाथ नहीं लगाते यह रीति रिवाजों को आगे नहीं बढ़ाते हैं तो इस तरह के लोगों के जीवन में निश्चित है कि गुरु का पितृ दोष के उपाय बताएं मानव गाना
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सूर्य
बहुत सारे लोग दुनिया में कहते हैं कि कोई भगवान नहीं होता ,,अरे कुछ नहीं है लोगों को मूर्ख बनाने की कलाएं हैं यह क्या लक्ष्मी जी की पूजा करेंगे तो लक्ष्मी जी घर आ जाएगी ,,, हनुमानजी की पूजा करेंगे तो बल आ जाएगा,, जिन लोगों के इस तरह के विचार हैं उनके ऊपर सूर्य का पितृ दोष होता है इन लोगों का अंत बड़ा खराब होता है ,,,,, घर के अंदर जो बुजुर्ग होंगे आखिरी समय में चाहे कोई बीमारी चाहे कष्ट होना उनको यह अपनों का साथ ना देना मैं कि उनका अंत समय के अंदर बड़ा दुखदाई होता है ऐसे लोगों को जो होता है पितृदोष सूर्य का होता है।
उन्हें जो निवारण करना चाहिए वह सूर्य का यज्ञ करना चाहिए अपने पूरे परिवार से पैसे इकट्ठे करके अपने घर के अंदर सूर्य का यज्ञ करना चाहे उनके जो सहस्त्रनाम है, उनका करवाएं चाहे उनका जो भी अच्छा मंत्र है उसको करवा कर किसी पंडित जी से बताइए की साल-दर-साल येह करवाते रहेंगे ,तो परेशानिया दूर होनी शुरू हो जाएगी ,व्यक्ति दोष से पीड़ित होता है नास्तिक हो जाता है ,श्रद्धा उसके मन में कम हो जाती है ,और वो नेगेटिविटी की तरफ अग्रसर होता जाता है।
साल में एक बार करवाएंगे तो क्या लग जाएगा हजार दो हजार लग जायेगे
यह यज्ञ घर के सदयस्यो की नास्तिकता को दूर करेगा ,,, श्रदा वाला मन बनएगा
आप मज़बूरी समज कर ही इसे करते रहे।
अगर यह नहीं किया आगे और औलादो में बच्चों की आंखें खराब होने लगती है बच्चे जो परफॉर्मेंस उनके अंदर होनी चाहिए वह नहीं कर पाते और उनके अंदर गुस्सा चिड़चिड़ापन आने लगता है बच्चे बीमार रहने लगते हैं।
अपने समय में आदमी ने खुद तो अच्छा जीवन बिताया होता है , लेकिन औलाद के लिए अच्छे हालात नहीं कर पाता खुद को भले ही सरकारी अफसर बन जिंदगी अच्छे से काट ली हो पर आगे औलाद अच्छा कुछ भी नहीं कर पाती ,,,
इसको को खत्म करना बेहद जरूरी है और यह घर पर यज्ञ करवाने से ही ठीक हो सकता है और सूर्य का यज्ञ खास तौर पर यह पितृ पक्ष में अगर करवाया जाता है तो लाभ अधिक और असरदार होगा
अगर एक आम भंडारा भी लगा सको तो बहुत ही उत्तम होगा आपका कम से कम यह दोष दूर होगा और आगे अच्छे परिणाम मिलेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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चंद्र
खानदान में हमारी दो ,चार पीढ़ी पहले अगर किसी ने अपनी मां को बहुत सताया है, मां के साथ जुल्म किए हैं या मां को घर से निकाल दिया है ,ऐसे लोगों के ऊपर चंद्रमा का पितृदोष होता है और ऐसे लोगों के यहां अक्सर देखा जाता है कि औरतें बीमार पड़ जाती है तो उसका कोई ख्याल नहीं रखता और वो जाते हुए श्राप दे जाती है व्ही चंदमा का पितृ दोष बनता है।
ऐसे लोग जो जमीन खरीदते है उसकी कीमत नहीं बढ़ती,,बल्कि वापिस उस रेट पर भी निकलनी मुश्किल हो जाती है , ऐसे लोग कहते है उसने फलानी जगह खरीदी थी उसका तो रेट बढ़ गया हमारा नहीं बड़ा ,,,,,,ऐसे लोगों की जमीन कहीं ना कहीं फसी या बेकार होने लगती है।
खानदान में किसी न किसी को झूठ बोलना, जुए की आदत , शराब की आदत किसी ना किसी एक बच्चे में आने लगते हैं फिर धीरे-धीरे बाकी सब लोगों में या उससे अगली पीढ़ियों में चली जाती हैं,,, सही मायने में रिश्वत की कमाई से घर जब पलता है और औलाद बिगड़ जाती है तो इसको चंद्रमा का पितृदोष कहते हैं और ऐसा जिनके साथ भी हो चुका है या है तो और याद करके देखें पीछे एक या दो पीढ़ी पहले खानदान में किसी ना किसी औरत को बहुत त्रास दिया गया होता है।
ऐसे लोगों को पूरे खानदान से चांदी इकटा करके आप ज्यादा नहीं कर सकते तो 20, 20 ग्राम चांदी इकटा करके उसको जल प्रवाह कर दो ,,,,,इदर आप ने जल प्रवाह किया वहां धीरे-धीरे करके औलाद के अंदर सुधार आने लगता है। जमीन जायदाद के अंदर फंसे हुए पैसे उनका सुख मिलने लगता है उनको जमीं जायदाद का सुख मिलने लगता है जिन्हे चार पहिये वाले वाहन का सुख नहीं मिलता वो मिलने लगता है
जो लोग कोशिश भी करते हैं पर चार पाइये वाला वाहन खरीद नहीं पाते उनको यह उपाय जरूर करना चाहिए एक बार यह किया हुआ उपाय उनके पितृ श्राप को को समाप्त करके उनके जीवन को अच्छा कर सकता है,,,,,,end
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मंगल
भाइयों के साथ भी बन नहीं पाती, रिश्तेदारों के साथ नहीं बन पाती ,,,आसमान पर पहुंचकर नीचे गिरते हैं जब भी घर में मंगल कार्य किए जाते उसके बाद तकलीफे ही आती हैं घर के अंदर खून से संबंधित बीमारियां आती है
किसी दोस्त को बर्बाद किया हो , दूसरा अपने लालच के लिए यानी कि सिर्फ जैल्सी या यार मारी की जाए किसी का बना बनाया काम बिगाड़ दिया जाए पुराने जमाने में लोग क्या करते थे इस की फसल बिल्कुल पक कर खड़ी हुई है रात को चुपचाप गए उसमें आग लगा देते थे।
किसी घर का काम काज बहुत अच्छा चल रहा है ,वँहा दूध देने वाले जानवर है तो जानबूझकर कुछ ना कुछ ऐसा कर दिया कि उसका जानवर मार दिया, लेकिन आज के जमाने के अंदर उल्टा हो गया कि अगर आप ने किसी को धोखा दे दिया है या किसी के चलते हुए काम को बंद कराने के लिए कोई भी प्लानिंग कर रहे है क तो समझ लो मंगल का पितृ दोष आ गया, और फिर यही आप की आगे नस्ल के अंदर कोई भी सुखी नहीं रह सकता जब भी कोई भी कोई मंगल कार्य आएगा हालत खराब हो जाएगी,, भाई यार मित्र के सुख ख़राब होने लगते है
घर में खून से संबंधित बीमारियां भी आ जाती है, जिसमें कि कैंसर ,अल्सर जैसी बीमारिया आने लगती है ,कई बार तो जिनको ये आती है उनको पता भी नहीं होता कि हमें भगवान उन्हें किस बात की सजा दे रहा है क्या उन्होंने कभी कोई बुरा काम किया होगा ,,लेकिन यह तो पीछे से पितरो का हिसाब चला आ रहा होता है। ,,,, उसकी वजह से ऐसा होता है
अपने पूरे खानदान से पैसे ले लो या दवाइयां ले लो वह लेकर के आप गरीबों को निशुल्क दवाइयां बांटे अगर वह नहीं कर सकते तो एक और चीज है कि आप सब से बरा बर के पैसे लेकर के यह जो रोड के किनारे खुरपी तसला बनाने वाले होते हैं आप उनको दे सकते हो उनको देकर कहना है की इन पैसो से कोई जरूरतमंद गरीब आये तो उनको सामान फ्री दे दे और पैसे उनको दे देने है , यह कह सकते हैं.
किसी डॉक्टर या केमिस्ट को पैसे दे कर कह सकते हो की अगर कोई गरीब आ जाये जो पैसे देने में असमर्थ हो तो उसे इन पेसो से दवाई दे देना।
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आज के जमाने में लगभग हर जगह देखने को मिल रहा है और वह क्या है जवानी में किसी को प्यार में फंसाने उसके बाद उसे छोड़ देना। यह करो उसके बाद हमेशा बहनो को एक ही नजर से देखना की कंही बहने ये कुछ ले न जाये ..बहनो का पैसा ले कर मार लेते है लड़कियों को मरवा देते हैं ,एबॉर्शन करवा देते हैं और यहां तक की लड़कियों को छोड़कर चले जाते है जो भी लोग ऐसा करते हैं उनको बुध के पितृदोष का का सामना करना पड़ता है।
उनका बच्चा गुम जाता है ,,, उनके बच्चे बदले जाते हैं हॉस्पिटल के अंदर,,, नसों की प्रॉब्लम आती है। बार-बार काम धंदे की कोशिश करते है बार बार गिरते हैं
पीछे से चला आ रहा यह बुध का पितृ दोष है तो भी इस तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा ऐसे लोग कभी भी अपने विचारों पर स्थिर नहीं होती जल्दी-जल्दी बदलते है इसके अंदर अपने भी हालात ऐसे होते हैं ,की परिवार की लड़किया कि अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार लेती है ,,और वह गलत संगत पड़ जाती है ,,अगर वह गलत संगत में नहीं गई तो जब ससुराल जाती है तो ससुराल वालो के हालात खराब हो जाते है
इसको ठीक करने के लिए अपने पूरे परिवार से एक एक मुट्ठी कोडिया लेलो और जो पहले खेला करते थे सारी रात आग में जलाते रहो और सुबह लगभग चार 4:30 बजे जाकरउनको जल प्रवाह कर दो
जब तक नहीं करोगे बेटा तब तक नसों की कमी की, बुदि कमी, काम धंदे की कमी दूर नही होगी।
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शुक्र

शुक्र है हमारे शरीर के अंदर का जोश ,पारिवारिक सुख का कारन ,इस दोष से ग्रसित व्यक्ति जालिम बन कर अपनी पत्नी को पीटता है ,उसकी नेचर ही पकी खराब हो जाती है ,,,अपने भाई बहनो से नफरत करता है ,उनके साथ भी जालिमो वाला सलूक करता है ,जबरदस्ती उनसे बोलना छोड़ देता है ,ऐसे लोगो को शुक्र का पितृ दोष लगता है ,
इस दोष से ग्रसित व्यक्ति जिंदगी के अंदर कभी भी दूध देने वाले जानवरों का सुख नहीं पा सकता व आगे चलकर उसके परिवार के अंदर नपुंसकता भी आती है,गुप्तांग से संबंदित दिकते भी आती है ,, जीवन साथी से संबंधित बेवफाई के हालात भी देखने को मिलते हैं और जिंदगी के अंदर काम बहुत ज्यादा तरक्की कर नहीं पाते ,ऐसे लोगो के घर में थके थके,भुजे भुजे से जीव पैदा होते है ,,,ढीले ढाले लोग व बच्चे देखने को मिलते है ,,,गर ऐसे लोग परमात्मा को ज्यादा मानने भी लग जाये पर ये श्राप ख़त्म नहीं होता है है थोड़ा उसका असर कम जरूर हो जाता है।
ऐसे लोगों को शुक्र के श्राप का इलाज जरूर करके चलना चाहिए और वह आपके पूरे खानदान से बराबर के पैसे इकट्ठे करके बेटा एक ही दिन के अंदर भूसा ,खल ,बिनोला कम से कम कम से कम सौ , गायो को खिलाओगे, एक ही दिन में ,और कम से कम सात साल तक ,,, तब इस श्राप से मुक्ति मिलेगी तब घर की औरतें सुखी रहेगी ,पैसे को जो आग लग जाती है ,पैसा भिखर जाता है ,,, आप कोई अच्छा काम करना चाहते हो ,मंदिर बनवाना चाहते हो ,कोई और धर्मार्थ का काम करना चाहते हो ,पर पैसा ही नहीं बचता ,,,तब ये प्रोब्लेम्स दूर होगी ,,,
शारीरिक कमी दूर होगी ,निजी सुख की कमी दूर होगी ,जो औरते बहुत दुखी करती है ,वो प्रॉब्लम दूर होगी ,,कई घरो में औरते इस तरह का रूप धर लेती है की पुरे दुखी कर के रखती है ,पुरे खानदान का धुयाँ निकाल देती है ,,या ओरतो का ऐसा हाल होता है बीमारियों से ही त्रस्त रहती है ,ये वाले हालत दूर होंगे ,,,
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शनि
शनि जब आदमी को बनता है तो पूरा जालिम बनता है है इसलिए इसके ऋण को भी जालिमाना ऋण बोला जाता है ,अगर हमारे बुजुर्गो ने कभी किसी की हत्या करवा दी ,या फिर किसी को थोड़े बहुत पैसे दे कर उसकी जमीं या मकान हड़प लिया हो ,या बिना पैसे दिए धोखे से किसी की सम्पति हड़प ली हो , जो लोग भी ऐसा करते है ,उनकी आगे पीडियो को बहुत तकलीफ उठानी पड़ती है ,और उनकी पीढ़ियों में आगे सन्तानो में उनका किया कृत्या शनि का पितृदोष बन कर तब तक आता रहता है जब तक कोई उसका ठीक से उपाए न कर दे ,,,ऐसे लोगो के यंहा बीमारिया रहती है ,कोई भी काम सिरे नहीं चढ़ता ,काम पूरा सिरे पर पहुंच निचे गिर जाता है ,,बार बार धोखे मिलते है ,,,
ऐसे लोगो में धीरे धीरे घमंड बढ़ता जाता है ,और ये घमंड आने के बाद ये लोग किसी को भी सुखी नहीं रहने देते। इसका उपाए ये है की ऐसे लोग पुरे परिवार से पैसा इकठा कर के सौ जगह की मछलियों को एक ही दिन में खाना खिलाये ,या फिर सौ मजदूरों को एक ही दिन में खाना खिलाये ,यही सबसे उत्तम इलाज है उपाए है ,कम से कम तीन साल तक ये उपाये करना है ,,,अगर ये उपाए नहीं किया तो जिंदगी में सपने जितने मर्जी बड़े हो
आप कितना भी घर में बाहर कहते रहो उसकी क्या अकल है ,इसकी क्या अकल,हमारी नॉलेज इन सब से ज्यादा है ,बस ये कहते ही रहोगे ,दुनिया को कुछ नजर नहीं आएगा। और तुम कुछ भी नहीं कर पयोगे।
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राहु और केतु
जो लोग दहेज की डिमांड करते है ,सिर्फ और सिर्फ ससुराल को लूटने के लिए ही पैदा हुए है ,,यह केवल आदमी ही नहीं औरते भी करती है। ,अपने ससुराल वालो से पति से धोखे से झूठ बोल कर पैसा लूटती है और उसे उड़ाती है ,,,शातिर चाले चलते है ,,,जो भी कैसे भी ससुराल वालो को दुखी करता है ,सास को देवर को पति के रिस्तेदारो को लुटता है उनके ऊपर राहु का पितृ श्राप चलता है ,,,दुर्गटना ,धोखा क्लेश ,ये सब राहु के श्राप के चलते ही होते है ,,आये दिन कोई न कोई मुसीबत ,अचानक एक्सीडेंट ,,,अचानक कामकाज का खराब होना ,,,अचानक धोखे मिलना ,,,ये सब जीवन में आम बात हो जाती है ,,,ऐसे आदमी या औरत किसी न किसी रूप में ससुराल या पति को बेवकूफ बना कर अपनी ऐयाशियों में लगे रहते है ,और दिखाते ऐसे है जैसे जो वो कर रहे है पति व सास की रजामंदी से कर रहे है ,,,ऐसे आदमी या औरत अपने ही हाथो से अपनी औलादो को बर्बाद कर देते है ,,सिर्फ और सिर्फ अपनी आयाशियो के लिए।
इस का उप्पय है सारे परिवार से नारियल ले कर ,जो नहीं दे रहा है उसके हिस्से के दस नारियाल ले कर ,उनको जल परवाह कर दो ,,,
केतु
अगर औलाद से समबन्दित या कमर ,पाँव ,पेशाब ,या कमर से निचे के दुख आ रहे है ,अगर लोगो से धोखा मिलता रहता है ,तो मतलब ये केतु का पितृ श्राप है। सौ कुत्तो को एक साथ खाना खिलाये।
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