Friday, 19 February 2021

gomedh






कैसे पहचाने को गौमेध  सिलोनी है अथवा नहीं

 आज की हमारी वीडियो का विषय है कि हम कैसे पता करें कि गोमेद असली है अथवा नकली उससे भी अधिक जरूरी है कि हम यह कैसे पता करें कि गोमेद अफ्रीकन है या उड़ीसा का है  या  सीलोन  का है,या  श्रीलंका का है।  सबसे बढ़िया गोमेद कहां का होता है। 
 इसका मूल्य क्या हो सकता है या जो गोमेद आप पहनने जा रहे हैं उसका सही मूल्य क्या है इन सब बातों के जवाब आपको हमारी आज की वीडियो में मिल जाएंगे। 
 आपका हमारे कल्यान  एस्ट्रोलॉजी के यूट्यूब चैनल पर एक बार फिर से स्वागत है।  आप अगर सभी बातों के जवाब  तसल्ली  से जानना चाहते हैं तो हमारी वीडियो को पूरा देखिएगा , आप अगर हम से लगातार जुड़े रहना चाहते हैं तो हमारे  चैनल को सब्सक्राइब करें ,वीडियो अच्छी लगे तो लाइक व्  शेयर अवश्य करें, 

अब हम  अपने मुख्य विषय पर आते हैं गोमेद राहु का रत्न है राहु कुंडली में जिस भी भाव में बैठा है नंबर एक तो वह डिसाइड करता है की  क्या  हमे गौमेध  पहनना चाहिए या नहीं ,जैसे कि राहु  अगर आप कुंडली के पहले, 5 ,9 या  दसवे  या  ग्यारहवें भाव में बैठा है तो हम गौमेध पहन सकते हैं,
  क्योंकि राहु एक दुष्ट ग्रह है तो यह देख लेना भी बहुत जरूरी है कि राहु  हमारी कुंडली में शुभ है  अथवा अशुभ है क्योंकि केवल एक ही बात  से हम डिसाइड नहीं कर सकते की हमे गौमेध   पहनना चाहिए अथवा नहीं,, गोमेद नीलम की ही तरह से बहुत अच्छे व तुरंत लाभ दे देता है  परंतु अगर हानि व नुक्सान करने पर आये तो  ऐसी हानि  करता  है   की  हमारे पास पछताने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता ,,  इसलिए किसी अच्छे ज्योत्षी  की   राय ले कर  ही गौमेध पहनना चाहिए। 
 दूसरा तरीका है कि आप गोमेद को एक ,  दो या -तीन दिन अपने पास सफेद कपड़े में लपेटकर अपनी जेब में रखे रात को तकिये  के नीचे रखें ,अगर तो इन 3 दिनों में आपको कोई अप्रत्याशित बुरी खबर नहीं मिलती  अप्रत्याशित बुरी घटना नहीं घटती तो आप गौमेध  पहन सकते अन्यथा  नहीं है ,यह प्रयोग  हमें हर रतन पहनने से पहले अवश्य कर लेना चाहिए। 



राहु बुध   से भी ज्यादा तेज दिमाग वाला ग्रह है राहु जिस भी  भाव में है आप समझ ली कि उस भाव  का दिमाग है , राहु अब अच्छा है या बुरा यह कुंडली देखकर ही पता किया जा सकता है राहु कुंडली में लग्न में बैठे ग्रह का मित्र है अथवा शत्रु  इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है ,

 राहु का रत्न कौन पहन सकता है। 

 जो लोग दो नंबर का काम करते हैं  पहन सकते हैं। 
जिन लोगों को पेट की समस्या अक्सर रहती  है  पहन सकते हैं। 
 जो लोग सट्टे जैसे कामों में है  वे पहन सकते हैं। 
 जिनके सिर में दर्द  या  परेशानी रहती है वे पहन  सकते हैं 
,राहु बुध शनि व केतु का मित्र है तो अगर राहु अपने मित्रों की राशि अथवा उनके उच्च राशि में है तो भी हम पहन सकते हैं जैसे कि राहु मिथुन कन्या मकर कुंभ और तुला राशि में है तो  पहन सकते हैं। 
 जो  लोग जीवन में बहुत ऊंचाइयों पर पहुंचते हैं चाहे वह इंडस्ट्रलिस्ट , पॉलिटिशन  एक्टर ,या  पॉलिसी मेकर  हो , अक्सर देखा गया कि लोगों की कुंडली में राहु बहुत अच्छा होता तो ऐसे लोग पहन  सकते हैं। 





अगर राहु की महादशा चल रही है  व  जातक बहुत ही परेशानी महसूस कर रहा है काम धंधे में हेल्थ में फैमिली में तो वह गौमेध  कुछ दिन अपने पास रख कर टेस्ट कर सकता है कि गोमेद उसे रिलीफ देगा या नहीं और अगर राहु की महादशा में बहुत तरक्की कर रहा है,सब कुछ  बहुत बढ़िया चल रहा है तो भूलकर भी गौमेध  ना पहने  नहीं तो यह  आप को उन  ऊंचाइयों पर ले जाएगा जहां से  रिश्तेदार फैमिली कुछ भी दिखाई नहीं देगा केवल पैसा ही पैसा दिखाई देगा जब यह उन ऊंचाइयों से नीचे आना शुरू होगा तो दिमाग खराब कर देगा।  राहु बहुत ही त्रीवता से फल देता है  , अच्छे भी बुरे भी इसलिए राहु के रत्न को  पहनने से कुछ दिन पहले टेस्ट कर लेना जरूर चाहिए जैसा कि  ऊपर बताया  गया है। 



गोमेद की पहचान कैसे करें असली है या नकली कौन सी माइन का है कौन सी जगह का है उड़ीसा का है तंजानिया का अफ्रीका का है श्रीलंका का है यह भी बहुत अहम विषय है। 
 तो आज मैं आपको बहुत से तरीके बताने जा रहा हूं जिससे आप असली नकली गौमेध  के सही मूल्य के बारे में स्वयं ही जान सकते हैं।  सबसे पहले तो कोई भी रतन विश्वसनीय जिम्मेदार व्यक्ति से लें जिसकी  जवाबदेही हो अगर रत्न गलत निकले तो , 
किसी अच्छी लैब  से सर्टिफाइड हो, भले ही थोड़ी कीमत अधिक देनी पड़े जिम्मेदार व्यक्ति कभी भी गलत रतन नहीं देगा भले ही पैसे मनमाने   मांग ले,
 गोमेद अगर उड़ीसा का है अफ्रीका का है तो आपको ₹100 से500 rs  पैर रत्ती   तक मिल सकता है और अगर श्रीलंका का  है तो ₹300 से ₹3000 पर  रत्ती  तक  भी मिल सकता है। 
उड़ीसा  व् अफ्रीकन गौमेध  पीलापन लिए होते हैं।  जबकि सीलोन का गौमेध  लाल भूरे चमकीले रंग का होता है  जिसमें लालिमा का आभास होता है बिल्कुल पारदर्शी  उड़ीसा व अफ्रीकन में  मिलते हैं जबकि सिलोन  बिल्कुल  ट्रांसपेरेंट भी होगा तो  भी उसमें प्राकृतिक रेशे अथवा  कुछ ना कुछ दिखाइए अवश्य देंगे  अफ्रीकन व  सीलोन के सस्ते रत्नो में में अंतर करना थोड़ा मुश्किल होता है परंतु महंगे साफ ट्रांसपेरेंट में आपको रेशो  से पता लगा सकते हैं  की सिलोनी है या नहीं। ,

  अब आते हैं सबसे मुख्य बात पर जो आपको कहीं भी नहीं बताई गई होगी वह  यह  है की  सलोनी गोमेद में गोल्डन कण  दिखाई देते हैं जब उसे प्रकाश में देखते हैं तो  ,दूसरा उस  में   प्रकाश दूसरी तरफ पास नहीं होता .
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गौमेध  पहना ही क्यों जाता है ,किस हाथ व किस अंगुली व किस समय  में पहना जाता है। 

कहते हैं राहु को शांत करने के लिए पहना जाता है उड़ीसा तंजानिया अफ्रीका  का गौमेध  बहुत ही सस्ते में आता है जबकि सीलोन  का  बहुत ही महंगा होता है श्रीलंका  या  सीलोन के गौमेध  में  रेशा जरूर होता है 
गौमेध   बाए हाथ में और लहसुनिया   भी बाएं हाथ में पहना जाता है, शुक्रवार की रात्रि को 8:00 से 8:30 के बीच में पहनना चाहिए , गौमेध  पहनने से पहले  गोमेद को शहद व गोमूत्र के मिश्रण   में डालकर कुछ देर के लिए रख दें  ऐसा मन जाता है की ऐसा करने से  अगर रत्न में कोई करवाहट अथवा जहरीलापन है तो वह  निकल जाता है , फिर उसे पहनना ज्यादा   लाभप्रद  हो जाता है , पन्ना नीलम व डायमंड भी बाए हाथ में पहन सकते हैं शुभ  ग्रहो के रत्न दांये  हाथ में पहने जाते हैं, गोमेद ,लहसुनिया  नीलम मध्य्मा  अंगुली में पहने जाते है ,



गौमेध  के फायदे ,या गोमेध पहना ही क्यों जाता है। 
चतुरता बढ़ाने के लिए चेहरे की  चमक बढ़ाने के लिए ,मस्तिक  काम करने लग जाए , दिमाग काम करने लग जाये , राजनीति के क्षेत्र में सफलता के लिए सट्टा बाजार में जीत के लिए विदेश में जा कर सफलता प्राप्त करने के लिए, जहां अति बुद्धि , बुध में भी  अधिक चतुराई की  जरूरत होती है ,दिमाग तेज  चाहिए जहां  ,वहां गोमेद काम करता है गोविंद पाचन तंत्र को ठीक करता है,  षड्यंत्र से बाहर निकलने के लिए 
भ्र्म की  स्थितियों से बाहर निकालता है ,जो हर समय हवाई कल्पनाओं में डूबे रहते हैं ,हवाई किले  बनाते रहते हैं उनसे बाहर निकालने में मदद करता है कपोल काल्पनिक कल्पनाओं को  तोड़ने का काम करता है दुर्घटनाओं से बचाने का काम करता है भ्रम दूर करता है अगर हर समय दुर्घटनाओं का भय रहता है तो पहन कर  टेस्ट कर   सकते है, ,रक्त को भी शुद्ध करता है रक्तविकार दूर  करता है, कहीं ना कहीं मंगल को शुद्ध करने का काम करता है
 पंचधातु अषट धतु ,या  चांदी  में मध्यमा उंगली में, पहनना  फायदा पहुंचाता है। 
रत्न 1000 डिग्री के टेंपरेचर वा के प्रेशर में से निकल कर आया हूं छोटी मोटी क्रियाओं से खराब नहीं होता फिर भी शुद्धिकरण के लिए शौच  पर जाने से पहले उंगली से निकाल कर रख देना चाहिए। 
























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