मेरे घर के बाहर मेरे पिताजी ने खूब पेड़ लगा रखे हैं मेरे पिता का पेड़ों से प्रकृति से बहुत प्यार था मेरा भी है मेरे घर के बाहर पेड़ों पर पिछले कुछ सालों से दो बैंगनी रंग की चिड़िया ,दो हरे रंग की छोटी चिड़िया और दो थोड़ी बड़ी बार नीले रंग की गर्दन से लाल रंग की चिड़िया कई बार आती है। मैं उनको देखता हूं तो सोचता हूं कि यह कहीं आसपास के जंगलों में या किसी बाग बगीचे में रहती होंगी वहां से उनका घर उजाड़ दिया गया होगा तभी से इधर उधर अपने घोंसले बना रही है।
मेरी प्यारी चिड़िया
जब मैं छोटा था मुझे अच्छी तरह से याद है पूरी छोटी भूरी चिड़ियों के झुंड के झुंड हमारे घर के बाहर आया करते थे1 रोज सुबह 5:00 बजे चिड़ियों के चहचहाने से हम सब जाग जाया करते थे। सारा दिन इन चिड़ियों के झुंड के झुंड दिखाई देते थे। कभी इधर कभी उधर कभी इस पेड़ पर कभी उस पेड़ पर दिखाई देती थी। ,,, सिर्फ आज से 10 साल पहले तक दिनभर चिड़ियों को मैं अपने आसपास देखता था। आज यह बिल्कुल लुप्त हो गई है और हैरानी की बात है क किसी भी नेचर साइंटिस्ट का, प्राकृतिक विज्ञानी का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।
,,,,,,,,,,,,,,, मैंने बचपन में आठवीं कक्षा में कहानी पढ़ी थी * किसी व्यक्ति का एक बहुत बड़ा बाग था वह अपने बाग में बच्चों को खेलने नहीं दिया करता था,, परंतु फिर भी बच्चे चुपचाप दोपहर के समय ,शाम के समय उसके बाग में घुस आया करते थे और खूब खेला करते थे, खूब उत्पात मचाया करते थे,, उनके साथ बाग में सभी तरह के पशु और पक्षी आया करते थे ,,पशु और पक्षी से मेरा तात्पर्य छोटे छोटे जानवरों से जैसे कुत्ते , बिल्ली , चूहा व खरगोश वगैरह से है। वह व्यक्ति है। इन बच्चों को खूब डांटा करता था और डांट कर उन्हें वहां से भगा दिया करता था** एक बार उसने क्या किया उसने अपने बाग के चारों तरफ कटीली तार लगवा दी जिससे कि कोई भी जानवर या बच्चे उसके बाग़ में ना घुस सके। जानवर ******* कुछ दिनों बाद वह क्या देखता है कि उसके बाग की सारी रौनक गायब हो गई है. अब वहां कोई भी पक्षी नहीं आता है पक्षियों की कोई भी आवाज सुनाई नहीं देती है चिड़िया तो वहां से बिल्कुल ही गायब हो गई है***कुछ दिनों के बाद उसने क्या पाया कि वह मन से बहुत ही परेशान रहने लग पड़ा है,, वह खीजने लग पड़ा है उसे अपने आप पर हर समय गुस्सा आने लग पड़ता है*** बहुत सोचता है तो उसे उसे समझ आता है कि यह सब उन बच्चों की वजह से हुआ है जिनका उसने इस इस बाग में आना बंद कर दिया है इसीलिए सभी पक्षी वहां से गायब हो गए हैं*********** वह उसी दिन बच्चों के पास जाता है उन्हें प्यार करता है उन्हें कहते है जब तुम चाहो मेरे बाग़ में आकर खेल सकते हो बच्चे बहुत ही खुश होते हैं और उसके बाद वे बाग आकर खेलने लग जाते हैं कुछ ही समय के बाद सभी पक्षी भी बाग में वापिस आ जाते हैं और उस बाग में पहले जैसी ही रौनक वापिस लोट आती है।
मुझे आज कुछ ऐसा ही महसूस होता है जैसे कि आपका और मेरा कुछ ना कुछ खो गया है जिसकी वजह से चारों तरफ नीरसता सी छा गई है लोगों के मन उदास रहते हैं हर समय चारों तरफ उदासी छाई रहती है अच्छे शगुन तो जैसे होने ही बंद हो गए हैं सुख सुविधाएं ज्यादा हैं परंतु फिर भी खुशियां नहीं है खुशियों से मेरा तात्पर्य उन खुशियों से हैं जो कि व्यक्ति को दिल से होती है मेरा यह मानना है कि जब हमारी ये चिड़िया वापस आएंगी तो खुशियां और अच्छे शगुन अपने आप ही वापिस आ जाएंगे****************** जब चिड़िया फिर से चहचहाना शुरू करेंगे सुबह सुबह हमें सबसे पहले इन की आवाज सुनाई देगी मुझे वा हमारे व तुम्हारे घर के बाहर आकर हमसे कहेंगी कि खाना दो हमें भूख लगी है ,,असली खुशियां हमारे जीवन में फिर आनी शुरु होंगी।
1. यह एक बहुत ही नाजुक (sensitive) मामला है वा यह हम वह हमारी प्रकृति से जुड़ा है।और आप और मैं अच्छी तरह से जानते है की इंसान अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रहा है प्रकृति को नष्ट करने की।
2. कृपया कोई गलत पोस्ट ,फोटो ,अथवा कमेंट ना लिखें ना डालें।
3. अगर 5 मिनट निकाल सके तो अपना कीमती समय इस घर की रोनक को वापस लाने के बारे में अवश्य दें। 4. आप भी जुड़े औरों को भी इस मिशन से जोड़े हैं शायद हम प्रकृति की तरफ घर पर रहते हुए भी अपना कर्ज व फर्ज निभा सकें।
5. उच्चा दर बाबे नानक दा फिल्म में एक गाना है चिड़िया(sparrows), कुड़ियां(girls) ,दियां (daughters),भेंना (sisters) सबके जीवन खुशी मनाण , इनमें से चिड़िया गायब हो गई है जिन्हे हमें वापिस ले कर आना है
6. मैंने अपना कार्य शुरू कर दिया है अब आपकी बारी है।
7. हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने से कुछ नहीं होगा।
यह सब हुआ कैसे नंबर
1. मोबाइल एंटीनो ने जहर व कहर ढाया इन छोटे जानवरों पर नंबर दो इंसानों के निर्माण( कंस्ट्रक्शन) के लालच मै घरों के बाहर के पेड़ काट दिए गए इन सब ने मिलकर इन पक्षियों ,चिड़ियो ,को लुप्त होने पर मजबूर कर दिया है।
हमारे घर के बाहर कबूतरों व कोएयो (crows ) की संख्या बढ़ रही है शायद इन पर विकिरणों (radiations ) का फर्क नहीं पड़ता दूसरे से कहीं भी रह लेते हैं, मेरे घर के पीछे गुप्ता परिवार रहता है उन लोगों का जिन्होंने अपने घर के पाइपों के बीच की जगह में रह रही चिड़ियायो के घोंसले को ना तो तोडा है ना ही उजाड़ा है लेकिन प्रॉब्लम यही पर खत्म नहीं होती जिन दिनों में यह चिड़िया अपने अंडे देती हैं उन्हीं दिनों में कोए भी अंडे देते हैं कोयो (crows ) के बच्चों का विकास बड़ी तेजी से होता है क्योंकि मैंने देखा है कि वह अपने बच्चों को केवल मांस खिलाता है जब बच्चे थोड़े बड़े हो जाते हैं तो कोई आसपास के घोसलों से पक्षियो के सामने उनके अंडे उठा कर ले जाता है अपने बच्चों को खिलाने के लिए।
असली समस्या यहां से शुरू होती है पहले ही चिड़ियां लुप्त प्राय हो गई है अब उनकी संख्या बढ़ भी सकती है तो वह ये कौए होने नहीं होने देते पिछले 10 सालों से कोयोे ने अपने लगभग 25 बच्चों का पढ़ा कर चुका है जब की चिड़िया वही चार की चार है।
मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है आपसे इसलिए मत सोचे कि मैं कह रहा हूं जरा सोच कर तो देखोचिड़ियों की वो चहचाहट जो मैंने और शायद कईयो ने आपमें से भी देखी होगी पर हमारे बच्चों को पता ही नहीं, क्योंकी चिड़िया लुप्त सी हो गई है ,,,आप शायद विशवास ना करें परन्तु यह सच है करोडो चिड़िया गायब है ,,सच कहे तो मर चुकी है कियोकि देश की किसी भी भाग में नहीं दिखती अब ,,, चिड़ियों की चहचाहट से मेरा दृढ़ विश्वास है कि जब चिड़िया हमारी जिंदगी में हमारे पेड़ों पर हमारे घरों में वापिस दिखाई देंगी तो हमारे घर परिवारों की खुशियां भी बढ़ जाएंगी क्योंकि यह चिड़िया एक अच्छे शगुन की निशानी है।
हम कुछ-न-कुछ तो अवश्य कर सकते हैं अगर सोचने लगे तो कृपया अपने विचार सांझा करें ताकि उनका लाभ उठाया जा सके।
मेरी दादी का नाम जानकी देवी था। वह 105 साल की आयु में परलोक सिधारी थी। एक बहुत ही अध्यात्मिक औरत थी, उसने मेरे पिताजी को समझाया था कि चिड़ियों को बाजरा या खाना प्रतिदिन डालना चाहिए इसे घर में धन धान की कभी भी कमी नहीं होती, तो मेरे पिताजी रोज खाना खाते समय रोटी के टुकड़े को काफी बारीक-बारीक गराइयों में छोटे छोटे टुकड़ों में घर के बाहर की दीवार पर रख दिया करते थे इधर वे रखते थे उधर चिड़ियों के झुण्ड के झुण्ड आ कर दो मिनट में सब साफ कर देता था। और आप विश्वास करें या ना करें मेरे पिताजी ने जीवन में खूब धन-धान मान और सम्मान कमाया आज यह आदत मुझ में भी है अभी प्रतिदिन चिड़ियों व पक्षियों को रोटी डालता हूं पर चिड़िया आती ही नहीं,, आज हर मनुष्य तनाव में जी रहा कारण बहुत है एक-दो तो मुझे भी पता है......
1. मोबाइल प्रत्यक्ष एंटीना अप्रत्यक्ष
2. पेड़ों का कम होना प्रत्यक्ष
3. चिड़ियों का( एक पूरी प्रजाति का ) लुप्त होना बहुत बड़ा का बहुत बड़ा कारण है इसलिए नहीं कि मैं कह रहा हूं अगर आप भी विचार करेंगे तो समझ जाएंगे,,,,,,,,,,,
4. दसवीं कक्षा में अच्छी तरह से समझा समझा दिया जाता है कि अगर खाद्य श्रृंखला में से कुछ भी कम हो जाए तो सारी श्रृंखला नष्ट हो जाती है वही हम कर रहे हैं यह slow रिएक्शन है धीमा बदलाव है परंतु लक्षण प्रकट होने शुरु हो गए हैं बची हुई चिड़ियों को बचाओ यही अपने जीवन का लक्ष्य बनाओ ,,,मैं दावे से कहता हूं कि जिस दिन यह चिड़िया वापिस सुबह-सुबह अपना कलरव शुरू कर देंगी उस दिन हमारी आने वाली पीढ़ियां के अच्छे दिन आने शुरू हो जाएंगे शायद वे हमसे कम तनाव में तनाव में रह पाएंगे।
To be continued
links to see sparrows videos
https://youtu.be/7Rl7CQSXzgM
https://www.youtube.com/watch?v=7Rl7CQSXzgM&t=25s