मेरी माँ I composed this poem on 10/7/2016 for my loving daughter aastha nagi
मेरी माँ सबसे प्यारी है
सारी दुनिया से न्यारी है
मुझे अच्छी बातें सिखाती है
खूब मुझे हंसाती है
मेरे आंसू देख ना पाती है
मेरे लिए अच्छा खाना बनाती है
वह खूब मुझे पढ़ाती है
इस जग में जीना सिखाती है
किसी से वह नहीं डरती है
पापा से खूब वह लड़ती है
बाद में मान भी जाती है
वह हम सबके मन को भाती है
भगवान की मैं आभारी हूं
उसने दी मुझको प्यारी है
वह हमारे घर की शान है
उससे ही मेरी पहचान है
वह मेरी आन बान शान है
हम सब में उसकी जान है ritesh nagi hira
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