Thursday, 10 December 2015

KIDS STORIES MY ORIGINALS

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                                                                 हाथी दादा                                  
 ORIGINAL STORIES
  
    सभी जानवरो के बच्चे जंगल मेंप्यार से खेल रहे थे , कोई गेंद लाया था ,कोई पेंसिल ,कोई किताबे कोई खाने का सामान ,जो जो कुछ घर से ल सकता था वो वो लाया था।  इतने में शेर का बच्चा शेरू वंहा    आया और उनहे  तंग करने लगा ,उनका  सामान उनसे छीनने लगा ,,उनका खाने का सामान उठा कर खाने लग पड़ा।  उन बच्चो   ने बहुत प्राथना की ,कहा  हमे तंग मत करो। .शेरू नही माना ,,,शेरू उन्हें मारने  पीटने लग पड़ा ,,बच्चे  बहुत चिल्लाये ,कोई हमारी रक्षा करो,इस गंदे शेरू से हमे बचाओ ,,पर कोई नही आया ,,,जब शेरू वंहा से चला गया ,,बच्चे  रोते  हुए हाथी दादा के पास गए और रोते हुए  कहने लगे,,,,,हम छोटे छोटे बच्चे है ,दांत हमारे कच्चे है, ,,,,तो हाथी दादा तुरंत बोले मुझे  कविता ( पोएम)   मत सुनायो ,सीधी सीधी बात बताओ ,तो बच्चे रोते हुए बोले हाथी दादा शेरू हमे बहुत तंग करता है हमे खेलने नही देता है,, हमारा सामान छीन कर ले जाता है ,,प्लीज हमारी शेरू से रक्षा करो।   तब हाथी दादा बोले बस बस और ड्रामेबाजी मत करो ,चलो चल कर शेरू को मजा चखाए।।,,,,,,,,,फिर हाथी दादा वा सभी बच्चे शेरू को ढूंढने निकल पड़े, शेरू एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था,, हाथी दादा व सभी बच्चे चुप चाप उसके पास पहुंच गए ,,जब शेरू शोर सुन कर उठा तो उसकी सीटीपीटी गुम हो गई क्योकि उसे पता था हाथी दादा बहुत न्याय प्रिय है वो अब उसे सजा जरूर देंगे।

  ,हाथी दादा ने शेरू से पूछा किआ तुमने इन बच्चो को तंग किया था, पहले तो शेरू ने नानुकर की परन्तु फिर मान गिया,,,,और क्षमा  मांगते हुए बोला आगे  से  कभी ऐसा नही करुगा। हाथी दादा ने उस पर तरस  खाते हुए चेतावनी के साथ उसे छोड़ दिया। बच्चो के कुछ दिन तो शांति से निकले ,फिर कुछ दिन बाद शेरू फिर बच्चो को तंग करने आ गया ,उसने उनकी चीजे उनसे छीन ली ,बच्चे खूब चिल्लाये ,कोई हमे शेरू से बचाओ हमारी रक्षा करो परन्तु कोई नही आया ,बच्चे रोते हुए   हुए हाथी दादा के पास गए और रोते हुए  कहने लगे,,,,,हम छोटे छोटे बच्चे है ,दांत हमारे कच्चे है, ,,,,तो हाथी दादा तुरंत बोले मुझे  कविता ( पोएम)   मत सुनायो ,सीधी सीधी बात बताओ ,तो बच्चे रोते हुए बोले हाथी दादा शेरू ने  हमे आज फिर बहुत तंग करता है हमे खेलने नही देता है,, हमारा सामान छीन कर ले गया  है ,,प्लीज  हमारी उससे रक्षा करो ,हाथी दादा को बहुत गुस्सा आया ,वे गुस्से से भरे शेरू को ढूढ़ने  निकले ,शेरू एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था ,,हाथी दादा चुपचाप उसके पास गए उसे सूंड में लपेटा व नदी की और चल पड़े ,शेरू बहुत रोया गिडगडया पर हाथी दादा ने उसे माफ़ नही किया व ठंडी नदी में फ़ेंक दिया ,जब शेरू ने बहुत प्राथना की और पक्का  वादा किया की वह अब भविष्य में किसी को भी तंग नही करेगा सब के साथ मिलजुल कर रहेगा तो हाथी दादा ने उसे पानी से बाहर निकाला व प्यार भी किया ,,सच में शेरू ने उसके बाद कभी किसी को तंग नही किआ। 
                              ध्न्यवाद 
   
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                                                          मेरा फर्ज 
                एक बार एक राज्य में बहुत से बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे थे ,जब राजा को यह पता चला तो राजा ने अपने मंत्रियो को इस बात का पता लगाने के लिए कहा ,राजा ने कहा राज्य में किस बात की कमी है पता लगायो ,क्यो इतने नवजात कुपोषण का शिकार हो रहे है। मंत्रियो ने दो दिन बाद राजा को बताया की अदिक्तर् उन्ही लोगो के छोटे बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे है जो धन के आभाव में अपने बच्चो को दूध नही पिला पा रहे हे। राजा ने तुरंत निर्णय लिया की राज्य के सम्पन लोगो को आदेश दे की महल के बाहर एक बड़ा बर्तन रख गया है सभी सुबह सबसे पहला कार्य यही करेंगे की उसमे अधिक से अधिक दूध डाल कर जायेगे ,व यह दूध उन जरूरत मंद लोगो में बराबर बाँट दिया जाये जो दूध खरीद नही पाते है ,,,सारे राज्य में इस बात की घोषणा करवा दी गई ,,,,,राजा उस रात चैन नई नींद सोया ,,,अगले दिन जब राजा अपने मंत्रियो से साथ राज्य सभा में पहुंचा व उनसे पूछा की घोषणा का कितना असर हुआ,,,,तो मंत्रियो का जवाब सुन राजा के चेहरे पर तनाव स्पष्ट दिखाई देने लगा ,,,आखिर ऐसा कहा मंत्रियो ने ?........... मंत्रियो ने कहा महाराज किसी ने भी बर्तन में दूध नही डाला। .... राजा ने क्रोध में कहा सभी सम्पन लोगो पर कड़ा जुर्माना लगाया जाया और एक अधिकारी नियुक्त किया जाये जो सभी सम्पन लोगो की एक सूची बनाये व उन पर कड़ी निगरानी रखे ,,,,जो अपने फर्ज से भागे उस से  और कड़ा जुर्माना वसूला जाये व उसे सजा भी दी जाये ,,,,,इस बात की घोषणा राज्य में करवा दी गयी ,,,,,,,,राज्य के सभी नागरिक जानते थे की राजा अपने वचन का बहुत पक्का  है ,,,,,,इस लिए सजा व जुर्माने के डर  से सभी ने अपना फर्ज निभाना शुरू कर दिया और इस प्रकार राज्य में दूध की कमी दूर हो गई ,,,,सभी लोगो ने राजा की सुजभुज की खूब प्रशंसा की और इस प्रकार राज्य के गरीब परिवारो में खुशाली की लहर आ गई। . 
                                                                                                                     ध्न्यवाद 
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                        टोपी वाला और बंदर  की नई कहानी  

  एक गांव में एक टोपी वाला रहता था ,गाँव  गाँव  जा कर टोपिया बेचा करता था ,एक बार वो जब वापिस घर जा रहा था ,रास्ते में विश्राम के लिए एक पेड़ के नीचे रुका ,उसे नींद आ गई ,जब वह सो कर उठा ,तो सारी टोपिया गायब थी , उसने इधर उधर देखा कुछ नजर नही आया ,आचनक जब उसने ऊपर देखा तो पाया सारी टोपिया बंदरो के पास है./ उसने सोचा टोपिया वापिस कैसे ली जाये ,उसको अपने पुरखो की बात याद आई की बंदर स्वभाव के नकलची होते है सो उसने अपनी टोपी उतारी ,,बंदरो की तरफ मुँह कर उन्हें हिला हिला कर टोपी दिखाई ,व फिर टोपी जमीं पर पटख दी ,कुछ देर बाद बंदरो ने भी टोपिया नीचे फेंकनी शुरू कर दी ,,टोपी वाले ने टोपिया उठाई ,व मुस्कराते हुए अपने घर चला गया ,,
          यह तक की कहानी आप ने कई  बार पढ़ी व सुनी होगी अब अब पड़े  आगे की कहानी व आनंद उठाये 
          जब  टोपी वाला घर पहुंचा तो उसने अपने बच्चो को सारी  कहानी विस्तार से बताई ,किस्मत से उसका एक पुत्र लगभग दस साल बाद जो की  टोपियों का  ही वयवसाय  था। उसी जंगल से गुजर (जा ) रहा था ,थके  होने के कारण विश्राम करने की सोची ,और किस्मत का खेल था की उसी पेड़ के नीचे  करने लगा झ कभी उसके पिता ने विश्राम किया था ,,,टोपी वाले के बेटे को  भी नींद आ गई ,,जब वह उठा ,तो टोपिया अपने स्थान पर नही थी।  उसने इधर उधर देखा तो पाया की साडी टोपिया बंदरो के पास है ,कोई उनके सिर पर है ,किसी टोपी से वो खेल रहे है ,,टोपी वाले का बेटा  परेशान हो गया  ,अचानक उसे उसे आपने पिता की दी सीख याद आई ,,उसने अपनी टोपी उतारी ,बंदरो को दिखा दिखा कर नीचे पटख दी व इन्तजार करने लगा की कब बंदर टोपिया  नीचे फेंकेंगे ,,अचानक उसने देखा एक बंदर चुपचाप आया और  द्वारा फेंकी टोपी उठा कर तेजी से भाग गया ,उसके  वह  हैरान रह गया जब बंदरो  के मुखिया  उससे कहा हमारे पूर्वाज मुर्ख थे हम नही है। 

                                                                                                                TO BE CONTINUED...........
                THANKS FOR YOUR PATIENCE

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KIDS STORIES   MY ORIGINALS

          मेरा फर्ज
           हाथी दादा
         टोपी वाला और बंदर की नई कहानी


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   in 19845 Ad: This pill is ineffective
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    IN 2000 AD: this antibiotic is creating
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    TAKE THE ROOT



Man is a creature  composed of millions of cells
;A microbe is composed of only one cell yet
throughout the ages the two have been in ceaseless
conflict,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,