जैसा ही हम सभी जानते है ,अब covid की तीसरी लहर की भी बात शुरू हो गयी है। अभी दूसरी गयी नहीं और तीसरी वा चौथी लहर की बाते शुरू हो गयी है। ,,तो हम ऐसा क्या करे की तीसरी ,चौथी ,या पांचवी ,या कोई भी लहर हो हमे न सोचना पड़े की क्या करना है खुद को व् अपने परिवार को अपने आने वाली पीढ़ियों को ऐसी मुश्किलों , ऐसी बीमारियों से बचाने के लिए ,अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ियों को ऐसी बीमारियों का डर विरासत में मिल जायेगा
पिताजी यह बताया करते थे कि जिस प्रकार किसी को कहा जाता कि तेरा खून बहुत मीठा है इसलिए मच्छर तुझे बहुत काटते हैं तो हमें जीवन में कुछ ना कुछ कड़वा खाते रहना चाहिए ,जिससे कि खून में थोड़ा सा कड़वापन रहे उस कड़वे पन से क्या होता है कि किसी भी प्रकार के ना तो बाहर से मक्खी मच्छर तंग करते हैं और ना ही खून के अंदर के, अगर कोई वायरस कोई विषाणु प्रवेश कर भी जाता है तो वह किसी भी प्रकार से हमें तंग नहीं कर पाता है,
हमारे अंदर का इम्यून सिस्टम ही इतना स्ट्रांग हो जाता है कि बाहर से जब कीटाणु अंदर प्रवेश करता है तो वह अंदर के इम्यून सिस्टम के पास हर प्रकार का ब्रह्मास्त्र देख कर वहीं से वापस हो जाता है या हम यह कह सकते हैं कि हमारे अंदर के इम्यून सिस्टम इस प्रकार से हथियार बंद हो जाते हैं कि किसी भी प्रकार का वायरस क्यों ना हो उसे मिनटों से वह से भगा देते है और अगर मान लीजिए कोई बीमारी आ भी जाती है तो वह आपको ज्यादा तंग नहीं कर पाती ,
यंहा पर एक बात हमे पहले समझ लेनी चाहिए की जब हम किसी चीज को उबालते है तो उसकी तासीर भी गरम हो जाती है व बहुत सारे पोषक तत्व नष्ट हो जाते है ,ऐसे गर्म काढ़े शरीर में बहुत से विकार भी पैदा करते है अगर लगातार पिए जाये। वंही दूसरी तरफ जब हम किसी पदार्थ को रात को पानी में भिगो कर रखते है व सुबह पीते है तो उसकी तासीर ठंडी हो जाती है व पोषक तत्व नष्ट नहीं होते ,व हम इन्हे लगातार पी सकते है
हम चरेता क्रेता नाम की डांडिया हुआ करती थी जो कि नीम की डंडियों की तरह हुआ करती थी इन्हें पानी में रात को भिगो कर रख देते थे सुबह उस पानी को हमे पिलाया जाता था ,और इसी प्रकार इन्हीं डंडियों को तीन-चार दिन तक इस्तेमाल करते थे उसके बाद उन्हें ने फेंक देते थे या किसी पौधे में डाल दिया जाता था कहते हैं की इनके इस्तेमाल से हमारे खून में इस तरीके की ताकत आ जाती है ,या दूसरे शब्दों में कहे की हमारा इम्यून सिस्टम इस कदर ताकतवर हो जाता है कि कोई भी विषाणु खून के अंदर अपना कार्य नहीं कर पाता।
अब इतनी ऑक्सीजन की महत्वता समझ आ गयी है तो तो भी समझ लो की अपने जीवन में कम से कम एक पीपल,एक बरगद ,व एक नीम का पेड़ अपने आने वाली पीढ़ियो के लिए अवश्य लगाए ,,ये सरकार सिर्फ स्मार्ट शहर व मल्टीस्पेशलटी हॉस्पिटल ही बना सकती है ,या आगे चल कर बिसलरी की तरह ऑक्सीजन के छोटे सिलिंडर बेचना शुरू कर देगी ,जो हमारे बच्चे हर समय अपने साथ ले क्र घुमा करेंगे जैसे आज स्कूल जाते समय पानी की बोतल साथ ले कर जाते है ,हर व्यक्ति को चाहिए की वो जंहा भी कोई पीपल बरगढ़ या नीम मिले उसको पानी दे ,उसकी सेवा करे ,इन मुंसिपल्टी वालो को छंटाई के नाम पर इन्हे काटने न दे।
घर में तांबे के बर्तन में हमें रोज कुछ तुलसी के पत्ते डालकर रख देनी चाहिए जिस प्रकार मंदिर में चरणामृत पीते हैं उसी प्रकार से घर में भी हमें इस पानी को थोड़ा थोड़ा सभी व्यक्तियों को रोज पीना चाहिए इससे भी खून में बहुत ही विचित्र प्रकार की इम्युनिटी बढ़ जाती है जो किसी भी प्रकार के कीटाणु को शरीर में अगर आ भी जाए तो उसे लड़कर उसे खत्म कर देती है। ऐसा मन जाता जाता की रोज तुलसी बना इस प्रकार का जल पिने से कैंसर तक ठीक हो जता है
हमें किसी तांबे के बर्तन में सोने व चांदी का सिक्का डालकर या चांदी का सिक्का और सोने की कोई भी आइटम जो आपके पास है उसे धोकर अच्छी तरह से साफ कर कर डाल दो और उस पानी को सभी को रोज पीना चाहिए ऐसा माना जाता है कि इस पानी को पीने से शरीर के अंदर जो इम्युनिटी एक्स्ट्रा आर्डिनरी रूप से बढ़ जाती है शरीस को,व दिमाग को इतनी ताकत मिलती है की मृतप्राय व्यक्ति को भी जीवित करके खड़ा कर देती है उसमें भी जान फूंक देती है
हमें चिरायता क्रेता का पानी पीना चाहिए हमें नीम के दातुन करनी चाहिए हमें गिलोय का पानी पीना चाहिए और इन चीजों को बजाएं उबालकर पीने के हमें पानी में रात को भिगो कर रख देना चाहिए वह सुबह पीना चाहिए और धीरे धीरे धीरे प्रतिदिन हफ्ते में एक बार 15 दिन में एक बार महीने में एक बार अवश्य पीना चाहिए इस प्रकार से जो यूनिटी हमारी धीरे-धीरे बढ़ती है उसका कोई जवाब नहीं होता बजाय इसके कि जब आप बीमार पड़े तब पानी को उबाल उबाल कल इन चीजों को पिए जिससे कि शरीर में गर्मी भी बढ़ जाती है
इम्यूनिटी बढ़ाने के और भी कई तरीके हैं किसी से बहस ना करो खुश रहने की कोशिश करो अच्छा खाओ पियो जो भी इस मौसम के फल व सब्जियां हैं उन्हें जरूर खाओ इससे दो फायदे होते है एक एक तो हर प्रकार के पोषक तत्व हमारे शरीर को मिल जाते हैं और दूसरा फायदा यह होता है कि हमें चीजें सस्ती मिलती है क्योंकि वह उस मौसम में बहुत अधिक मात्रा में मार्केट में उपलब्ध होती हैं,
ऐसा नहीं है कि हमें अंडा मांस मछली नहीं खाना चाहिए जो खाते हैं उन्हें खाना चाहिए हफ्ते में एक दिन खाओ 10 दिन 15 दिन में खाओ लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है क्या फल सब्जियां रोटी खाना छोड़ दो क्योंकि आजकल इस आधुनिक संसार में बहुत ही भ्रांतियां फैलाई जा रही है हमे रोटी नहीं खानी चाहिए नहीं खाने चाहिए ऐसा कुछ भी नहीं है अगर तू पर उपाय बताएं कि हम उन्हें करते रहते तो हमारी शुगर भी ऑटोमेटिक कंट्रोल रहती है
सब्जियों में हर प्रकार के नॉनवेज का कोई अल्टरनेट भेजें कटहल अरबी आजकल के बच्चों को टिंडे और बड़ी परेशानी है लेकिन यह खानी उतनी ही जरूरी है जितना जरूरी कि जैसे इंसान बहुत बीमार होता तो दीवानी हो जाती हैं
अगर समझ आए तो हर हालत में हमें फास्ट फूड को बिल्कुल ही ना कह देनी चाहिए पिज्जा बर्गर से नो टू पिज्जा बर्गर
क्योंकि अगर हम अपनी मेंटिस टोंग कर भी लेंगे लेकिन बाहर से रेडिएशंस का हमला होता रहेगा तो भी हम अपने आप को बचा नहीं पाएंगे
सुबह नहाने के बाद रोज नाक व नेवल में सरसो का तेल लगाना चाहिए ,अगर हम तेल लगाने के बाद नाक अगले २४ घंटे तक दुबारा साफ़ न करे तो आप को अगले तेल का एहसास नाक में मिलेगा ,किसी भी आचार में हम सरसो के तेल के एहम रोले को सरसो के तेल में गिरने वाले कीटाणु निष्क्रिय हो जाते यही ,ठीक इसी प्रकार जब हम नाक में तेल लगते है तो वह से गुजरने वाली हर सांस के साथ के कीटाणु जो त्वचा के संपर्क में आते है वंही के हो के रह जाते है ,मर जाते है ,आगे शरीर में प्रवेश नहीं कर पते। ......
चाहे 5 मिनट करो योगा एक्सरसाइज शुरू करो घर पर ही करो बाहर के प्रोटीन खाने की बजाय उन वस्तुओं का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करो जिनसे हमें प्रोटीन मिलते हैं