Sunday, 18 May 2025

sadhu va jivan

इस कहानी में गहरा आध्यात्मिक संदेश है, जिसे थोड़ा और रोचक, भावनात्मक और आधुनिक स्पर्श देकर वीडियो स्क्रिप्ट के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। नीचे इसका स्पिन किया गया और ज्यादा दिलचस्प व प्रभावशाली रूप देखें:


[Background: हल्की ध्यान संगीत, जंगल का दृश्य, महात्मा ध्यान में लीन]

Narrator (कहानीकार की आवाज में)
एक घना जंगल… नीरवता… और उसी मौन के बीच एक महात्मा साधना में लीन थे… कई वर्षों से…
पर अचानक उनकी आंख खुलती है… और सामने खड़ी हैं… चार सुंदर युवतियां।

महात्मा (आश्चर्य से)
"तुम कौन हो? और इस निर्जन वन में क्या कर रही हो? मैंने तो आज तक तुम्हें यहां नहीं देखा…"

युवतियां (मुस्कुराते हुए)
"हम यहीं रहती हैं बाबा… तुम्हारे साथ… तुम्हारे भीतर।"

महात्मा (चौंकते हुए)
"मेरे भीतर?"

पहली युवती (गंभीर स्वर में)
"मैं बुद्धि हूं… तुम्हारे मस्तिष्क में निवास करती हूं।"

दूसरी (नम्रता से)
"मैं लज्जा हूं… तुम्हारी आंखों में रहती हूं।"

तीसरी (ममता से)
"मैं दया हूं… तुम्हारे हृदय में वास करती हूं।"

चौथी (सबल स्वर में)
"और मैं शक्ति हूं… तुम्हारे पूरे शरीर में समाई हूं।"

Narrator (धीरे से)
महात्मा मुस्कराए… और बोले…

महात्मा
"तुम सब मेरे भीतर हो… लेकिन मैं यह शरीर नहीं हूं… मैं तो उस चेतना का अंश हूं जो सबके पार है…"

[Background fades into ध्यान मुद्रा, फिर थोड़ी देर बाद आंख खुलती हैं]

अब सामने खड़े हैं चार नवयुवक… तेजस्वी, लेकिन आंखों में एक अलग सी चमक।

महात्मा (फिर से)
"तुम कौन हो? और कहां से आए हो?"

पहला युवक (तेज़ आवाज में)
"मैं क्रोध हूं… तुम्हारे मस्तिष्क में घर करता हूं। जब मैं आता हूं… तो बुद्धि भाग जाती है…"

दूसरा युवक (आंखें तरेरते हुए)
"मैं काम हूं… आंखों में रहता हूं… और मेरे आते ही लज्जा चली जाती है… पहचान मिट जाती है…"

तीसरा (लोभी स्वर में)
"मैं लोभ हूं… दिल में रहता हूं… और जब मैं आता हूं… दया भाग जाती है…"

चौथा (धीमी, भारी आवाज में)
"मैं मोह हूं… पूरे शरीर को जकड़ लेता हूं… और जब मैं आता हूं, तो शक्ति निष्क्रिय हो जाती है…"

Narrator
महात्मा शांत होकर बोले…

महात्मा
"तुम सब मेरे शरीर में हो… लेकिन मैं न बुद्धि हूं, न क्रोध… न मोह… मैं इन सबसे परे हूं… मैं आत्मा हूं, मैं साधक हूं… और मेरी यात्रा है प्रभु तक…"

[Background music crescendo – दिव्यता का आभास]

Narrator (ऊँची आवाज में)
जब कोई साधक गुरु के मार्गदर्शन में साधना करता है, तो एक-एक करके ये सभी गुण और दुर्गुण उससे बाहर निकल आते हैं। वह जान जाता है… वह शरीर नहीं है… वह आत्मा है…
और फिर उसके अंतर्मन में होता है प्रभु का साक्षात्कार।

[Visual: संत की आंखें बंद, हल्की मुस्कान, प्रकाश से उनका चेहरा दमकता है]

Narrator (भावुक होकर)
तभी तो कहा गया है —
"गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपकी, गोविंद दियो बताय…"


[End Screen – शांत संगीत के साथ]
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Monday, 12 May 2025

jokes

कार में फैमिली  जैसी फीलिंग
 देते हुए कुछ लोग जा रही थे
 ट्रैफिक पुलिस ने कार को रोका
ट्रैफिक इंस्पेक्टर  बोला  आज 
"सुरक्षा दिवस" है और 
आप सीट बेल्ट पहन कर 
 निहायत ही एक्स्ट्रा सावधानी 
से गाडी चला रहे हैं, "इसलिए 
आपको 5000 रूपये इनाम 
दिया जाता  है" "आप कैसा 
महसूस कर रहे है इस
 गौरवंकित  पल में 
इन रुपयों का आप क्या करेंगे".
ड्राइवर बोला 
"दो जी मैं  सबसे पहले तो मैं 
, इन पैसों से अपना ड्राइविंग
 लाइसेंस बनवाऊंगा"! इतने में 
मम्मी बोली ये तो पागल है, 
"शराब पीकर" कुछ 
भी बकता है" इसकी बातों का 
विश्वास मत करना 
हवलदार साब
. इतने में कार में पिछली 
सीट पर सो रहे पापा जी 
जाग गए और ओर नींद 
में ही  पुलिस को देखकर 
बोले मुझे पहले ही पता था "
कि चोरी की गाड़ी में हम
 ज्यादा दूर नहीं जा पाएंगे"
तभी पीछे से डिक्की खुली 
चार लोग उसमें से निकले 
बोले हमने इतनी जल्दी  
बॉर्डर पास कर भी लिया 
इंस्पेक्टर बेहोश

शादी के महीने बाद ही सास - 
बहू की लड़ाई हो गई..
 बाप बेटा दोनों ये झगड़ा 
देख रहे थे तभी बेटा बोला :-
 पापा आप मां को समझाओ,
 मेरी पत्नी से झगड़ा ना किया करे..!
बाप बोला -देख बेटा तेरी
ये दो महीने  की मुहोबत 
बाप की मुहोबत पर भारी
 पड़ गई ,तुझे कभी 30साल 
में ये बेफजूल का झगड़ा नजर
 नहीं आया तब हरबार 
में ही गलत होता था , 

लड़का बोला  साहब 100 
रूपए दे दो कॉफी पीनी है।
आदमी बोला लेकिन कॉफी 
तो 50 रूपए की आती है।
युवक बोला साहब गर्लफ्रैंड
 को भी पिलानी है।
आदमी वा ह भी वाह भिखारी
 ने भी गर्लफ्रैंड बना  रखी है
लडका बोला नहीं साहब, 
गर्लफ्रैंड ने भिखारी बना दिया  है 


पत्नि  बोली देखिए आपके
 खाते में पैसा आया होगा
पति बोला   पैसे तो आये हैं
 मैं काफी देर से सोच 
रहा था ये आए कहा से है
पत्नि  बोली मैंने तुम्हारी 
कार बेच दी है
पति चिल्ला  कर 
बोला तुम पागल हो 
गयी हो क्या कार
 क्यों बेच दी अब मैं
 ऑफिस कैसे जाऊँगा
पत्नि ऐसी गाड़ी का 
क्या करना जो बार-
बार बंद हो जाती थी
पति गाड़ी मैं चलाता
 हूं मुझे पता है कि गाड़ी
 में कोई दिक्कत नहीं 
थी और गाड़ी लिए 
1 साल भी नहीं हुआ था
पत्नि :- मेरी सहेली कह रही 
थी कि ये  गाड़ी
 उसके पड़ोस में रहने
 वाली भाभी के घर रोज 
शाम को 1-2 घण्टे के 
लिए खड़ी रहती है
पति के चेहरे पर  घोर 
मृत्यु तुल्य सन्नाटा छा गया
पत्नि आगे ध्यान रखियेगा
 अभी को सिर्फ
 गाड़ी ही बिकी है
इज्जत  नहीं 


पति  गुनगुनाते हुए .
मस्ती से पौधों को पानी दे
 रहा था.. तभी उसकी 
पत्नी आई..
बोली "मैंने तुम्हारे मोबाइल
 में कुछ देखा है, पौधों
 को पानी देने के बाद सीधे
  अंदर आओ  नहाने मत घुस 
जाना कुछ बात करनी है.."
आज पूरे दो दिन हो गए हैं, 
पति पानी का 
पाइप छोड़ ही नहीं रहा
रहा है..!!



क्लास रूम में 
टीचर ने छात्रों से मस्त  सवाल पूछा 
बम्बई का नाम मुंबई कैसे हुआ.?
गोलू बोला मुझे 
इसका जवाब पता है 
गोलू-मुंबई में तीन प्रकार 
की भाषा बोलने वाले
 लोग रहते है.. 
अंग्रेजी, गुजराती 
और मराठी..
टीचरः लेकिन इससे
 शहर के नाम पर 
क्या असर होगा.?
गोलू - अंग्रेजी में माता
 को है Mummy बोलते
 है जिसका शार्ट कट
 Mum है, गुजरात में माता 
को Ba (बा) भी कहते है
 और मराठी में माता को 
आई (1) 23 कहते है. 
इन तीनों को मिलाकर
 Mum +Ba+1
-Mumbai. टीचर बेहोश


एक सीधा सादा सब्जी
 वाला मोहल्ले में सब्जी
 बेचता था, बहुत सी 
महिलाएं उससे उधार लेती 
तो वो चुपचाप दे देता और 
अपनी कॉपी में लिख लेता 
था कि किसने कितने का
 उधार लिया। आश्चर्य की
 बात यह थी कि उसने 
कभी किसी भी महिला
 का नाम नहीं पूछा था
 लेकिन फिर भी उधार 
लेने वाली महिला
 पूछती कि कितना पैसा 
देना बाकी है तो वो कॉपी 
बहुत छुपकर देखता और
 बता देता थाःःः
 महिलाओं को बहुत 
आश्चर्य होता था कि वह 
बिल्कुल सही सही कैसे 
बता देता है। एक दिन उसकी
 नजरों से छिपाकर महिलाओं 
ने उसकी कॉपी गायब कर दी
, पढ़ा तो उसमें लिखा था :
बिलइया  20, नकचिपटी 18
नकचिंड़ी 55 चितकबरी : 15,
 मोटकी : 40 संवरकी : 20, 
पतरकी : 10 भैंसिया : 22, 
कुकुर वाली : 50
बन्दरमुंही : 35, बकबकही : 12
दंतुलि : 10, मुंहटेंढि : 15
गोरिली 58  गईयां 85
सोनपरी 46 पिलपिली 23
बहरी।   भयंकी 
कोई उधार नहीं


मुम्मी के प्रकार
असली मम्मी-
एक बात तुम्हे कितनी 
बार बतानी पड़ती है।
धमकाने वाली मम्मी-
आने दो पापा को
तुम्हे सीधा करवाती 💓 
इतिहास पसंद 
करने वाली मम्मी -
जब मैं तुम्हारे उम्र की 
थी तो अपना सा
 खुद करती थी।
भविष्यवाचक मम्मी-
मुझे तो पता 
था ये जरूर टूटेगा।
भ्रमित मम्मी-
मैं इंसान हूँ
 या मशीन ।
कंजूस मम्मी -
रोटी तुम्हारे लिए बनाई 
थी या उर खिलान के लिए ?
शक्की मम्मी-
100 में 100 ...
 जरूर तुमने नकल की होगी
सबकी मम्मी -
इस मोबाईल को
 आग लगा दूँगी।

तुम बहुत सुंदर
 लग रही हो...
 काम भी कितना करती 
हो... पतली हो गयी हो.. 
थक जाती होगी..
 अपना ख्याल रखो..
. तुम्हारे मायकेवाले 
कितने अच्छे है.. इस 
मंत्र का घर में प्रतिदिन 
तीन-चार बार जाप
 करने से परिवार में
 सदा शांति बनी रहती है
.. और इस झूठ का 
पाप भी नहीं लगता.
. सभी शादी-शुदा 
लोगों को समर्पित ।


ट्रेन में आगे वाली 
खिड़की से बार बार 
पानी की छीटें 
आ रहे थे
जिस पर पड़ रहे थे
वो देखने गया तो वहां 
एक दम्पत्ति बैठा हुआ
 था उस व्यक्ति ने 
कहा कि 
"पीछे जो लोग बैठे 
हैं उनपर जूठा पानी 
फेंक रहे है आप लोग 
थोड़ी तो मर्यादा
 और मानवता रखिए...
 वो मुझे बीच में ही
 टोककर  वे लोग बोले 
भाई साहब हम इतने 
भी निर्लज्ज नही है
 कि किसी के मुंह 
पर जूठा पानी
 उड़ाएंगे हम तो 
सिर्फ अपने बच्चे 
को सुसु करवा रहे थे 


एक दिन मास्टर साहब 
पैसे निकालने एटीएम गए.
. एटीएम खराब था..
 चेक बुक मास्टर  जी के
 पास थी तो बैंक चले गए.
. 1000 का चेक भरकर 
कैशियर को दिया कैशियर 
बोला - सर 5000 से कम 
पर चार्ज लगेगा... तो 
मास्टर जी ने दूसरा 
चेक 6000 का भरा..
अब  कैशियर ने 6000 
रूपए मास्टर जी
को दे दिए.. अब 
मास्टर जी ने 
1000 जेब में रखे 
और 5000
 की जमा की 
भरी हुई पर्ची
कैशियर 
को थमा दी.. 
अब कैशियर
काट खाने वाली 
नजरों से घूर रहा था..
मास्टरजी बोले : 
यह जो नियम बनाने
वाले है उस
 हम ही पढाये है


एक गाँव में
 तेंदुआ अक्सर
 आने लगा.
भाई साब 
उसने वो काम कर 
दिखाया जो सरकार
 पिछले 40 साल में 
नहीं कर सकी..!
अब गाँव में सब 
लोग शौचालय का
 प्रयोग कर रहे है.

ज्यादातर महिलाऐ
 तीन बार में शॉपिंग
 करती हैं.
पहली बार पसंद
  वे करने जाती हैं
 दूसरी बार  वे खरीदने 
जाती हैं और तीसरी
 बार  वे बदलने जाती हैं..
अगर उन्हें अवसर दिया
जाए तो वे चौथी बार भी 
बदलने जा सकती है




























Sunday, 11 May 2025

सोते हुए भी खुली रहती है









टीचर बच्चों बताओ 
गलती होने पर माफ़ी
 मांगने वाले को क्या कहते हैं ?
छात्र समझदार |
टीचर और  गलती न
 होने पर माफ़ी 
मांगने वाले को 
क्या कहते हैं।
छात्रः बॉयफ्रेंड 
टीचर 
Or बच्चों jo बार बार 
गलती न होने पर भी
गलतियां मानता रहे 
सभी बच्चे एक साथ बोले 
मेरे पापा, पापा पापा पापा


"हर सफल आदमी के
 पीछे एक औरत 
होती है 
ऐसा कहा जाता है 
और अगर एक से ज्यादा
 औरते हो  तो उस सफल 
आदमी की जुझारू 
 सफलता की  कहानी '
या तो क्राइम पेट्रोल 
पर या फिर 
सावधान इंडिया'  पर
पूरे दिल से दिखाई 
जाती हैं !


गर्लफ्रेंड बोली आज 
से  हम अपना रिश्ता 
खत्म करते है 
ओर जो जो  गिफ्ट  है वो
अब हम एक-दूसरे 
को सारे वापस करते हैं।
जाबर मल बोला 
ठीक है फिर  रिचार्ज 
 से शुरू करते हैं।
गर्लफ्रेंड सकते में आ गई 
 जानू, अब हम अपने 
नोनू से 
 मजाक भी नहीं 
कर सकती क्या?


कल तक  जो टीचर 
बोलता था - कि
 दारू पीना बुरी बात है. ...
आज  जब हम फौज में भर्ती हो 
गए है तो 
वही टीचर बोलता 
है कि कैंटीन से 
 हर महीने
दो बोतल निकलवा
 कर दिया करो 
यही असली गुरु 
दक्षिणा होगी तुम्हारी 

CHINA वालो कि
 जितनी आँख खुलती है
उतनी आँख तो 
हम इंडियंस
की सोते समय 
भी खुली रहती है


पिता  बोला बेटा
 शराब मत पिया करो
 पप्पू बोला क्यों  
क्या शराब पीना 
बुरी बात है 
बाप बोला बेटा घर की 
हालत ठीक नहीं  है।
 दोनों पीएंगे तो 
बहुत बुरे तरीके से 
वाट लग जाएगी।

बिवी से झगड़ा 
खत्म हुआ क्या
हा.. घुटनो के बल चल
 के आयी थी मेरे पास..!
अरे जे बात , कईसन 
किए बे जे कमाल 

अरे हम कुछ नहीं किए 
सब ऊपर वाले कृपा va

मार्गदर्शन से हुआ है
अच्छा क्या बोली.
अरे वो बोली के 
 पलंग के नीचे 
से निकल आओ.. 
अब नहीं मारूँगी..!

एक   डॉक्टर  इंग्लेंड से 
भारत आया।

बस स्टैंड पर एक 
किताब देखते ही 
उसे दिल का 
दौरा पड़ गया।
20 रुपए की इस
 किताब का नाम था
 30 दिन में डॉक्टर 
कैसे बनें!"












Friday, 9 May 2025

आत्मज्ञान का: सफलता के लिए आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति और आंतरिक शक्ति की प्रेरणादायक कहानी

 आत्मज्ञान का: सफलता के लिए आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति और आंतरिक शक्ति की प्रेरणादायक कहानी

यह शिक्षाप्रद हिंदी कहानी चार विद्वानों के दृष्टिकोण से यह समझाती है कि आत्मज्ञान, आत्मविश्वास, कठोर परिश्रम और इच्छाशक्ति कैसे जीवन में महान सफलता की ओर ले जाते हैं।


मर्म आत्मज्ञान का – सफलता की कुंजी

हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की तलाश करता है, लेकिन सच्ची सफलता केवल बाहरी संसाधनों या भाग्य से नहीं मिलती। यह कहानी "मर्म आत्मज्ञान का" हमें बताती है कि भीतर की शक्ति को पहचानना, आत्मज्ञान प्राप्त करना और अपने ऊपर विश्वास रखना ही असली सफलता का रास्ता है। आइए जानते हैं चार विद्वानों के विचारों के माध्यम से सफलता के मूल स्तंभों को।


चार विद्वानों की दृष्टि – सफलता की परिभाषा

पहला विद्वान – कार्य के प्रति समर्पण
"जो भी कार्य करो, उसे पूरे मन और लगन से करो। जब इंसान अपने कार्य में पूरी तरह डूब जाता है, तो सफलता उसे अवश्य मिलती है।"
पहला विद्वान कार्य के प्रति समर्पण को सबसे बड़ा गुण मानता है। वह कहता है कि यदि कोई व्यक्ति अपने काम को पूरे दिल से करे, तो उसे रोकने की ताकत किसी में नहीं होती।

दूसरा विद्वान – आत्मविश्वास की शक्ति
"खुद पर अटूट विश्वास रखने वाला व्यक्ति कोई भी कार्य कर सकता है। आत्मविश्वास से बड़ी कोई शक्ति नहीं।"
दूसरा विद्वान आत्मविश्वास को सफलता की सबसे सशक्त चाबी मानता है। जो व्यक्ति खुद पर विश्वास करता है, वह किसी भी कठिनाई से पार पा सकता है।

तीसरा विद्वान – इच्छाशक्ति और परिश्रम
"तीव्र इच्छाशक्ति और कठोर परिश्रम ही सफलता का दूसरा नाम है। इसका कोई विकल्प नहीं।"
तीसरे विद्वान के अनुसार मेहनत और इच्छाशक्ति का मेल ही किसी भी बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने की राह बनाता है।

चौथा विद्वान – आत्मज्ञान का मर्म
"हर व्यक्ति के भीतर शक्ति का भंडार छिपा होता है, बस जरूरत है उसे पहचानने की।"
चौथा विद्वान आत्मज्ञान को सबसे बड़ा रहस्य मानता है। जब कोई व्यक्ति खुद को जान लेता है, अपनी शक्ति और महत्व को समझ जाता है, तो उसे प्रेरणा देने की ज़रूरत नहीं होती। वह अपने आप ही सफलता की राह पर चल पड़ता है।


आत्मज्ञान – सफलता की सबसे गहरी जड़

जब इंसान अपने भीतर झाँकता है, तो उसे पता चलता है कि वह कितना सक्षम है। आत्मज्ञान वह रोशनी है जो व्यक्ति को अंधकार से बाहर निकालती है। यही आत्मज्ञान, आत्मविश्वास, परिश्रम और इच्छाशक्ति को जन्म देता है।


कहानी से सीख – आत्मज्ञान क्यों ज़रूरी है?

  • आत्मज्ञान से आत्मविश्वास आता है

  • कार्य में मन लगाना आसान होता है

  • मनोबल मजबूत होता है

  • सफलता अपने आप पास आती है


निष्कर्ष – खुद को जानो, दुनिया को जीतो

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि असली परिवर्तन बाहर नहीं, भीतर से शुरू होता है। जब हम अपनी क्षमताओं को पहचान लेते हैं, तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं लगता। सफलता का मार्ग आत्मज्ञान से होकर ही जाता है।


अगर आपको यह प्रेरणादायक हिंदी कहानी पसंद आई, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर साझा करें। क्या आप भी आत्मज्ञान को सफलता की कुंजी मानते हैं? नीचे कमेंट करके अपने विचार बताइए!



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Thursday, 8 May 2025

pizza

एक दिन गणित के एक समझदार और शांत स्वभाव वाले शिक्षक अपने छात्रों के साथ एक रेस्टोरेंट में पिज्जा खाने गए। मेनू देखकर उन्होंने दो 9 इंच व्यास वाले पिज्जा का ऑर्डर दिया, ताकि सभी बच्चों को भरपेट स्वादिष्ट पिज्जा मिल सके। कुछ देर बाद वेटर (थोड़ा आत्मविश्वास के साथ) चार गोल पिज्जा लेकर आया, जो पांच-पांच इंच व्यास के थे। उसने मुस्कुराते हुए कहा, “सर, 9 इंच का पिज्जा तो खत्म हो गया है, इसलिए हम आपको 5 इंच के चार पिज्जा दे रहे हैं। आपको तो 2 इंच एक्स्ट्रा पिज्जा मुफ्त में मिल रहा है!”

गुरुजी मुस्कुराए, लेकिन मुस्कान में गणित की गंभीरता छिपी हुई थी। उन्होंने बड़े ही सौम्य स्वर में वेटर से कहा, “बेटा, रेस्टोरेंट के मालिक को बुला दो, उनसे थोड़ी पढ़ाई की बात करनी है।” कुछ ही पलों में मालिक हाजिर हो गया, आत्मविश्वास से भरा हुआ, मानो उसने कोई बड़ी सेवा कर दी हो।

गुरुजी ने विनम्रता से पूछा, “बेटा, आप कितने पढ़े-लिखे हैं?”
मालिक ने गर्व से कहा, “सर, मैं B.Sc. ग्रेजुएट हूँ।”
गुरुजी ने मुस्कुरा कर अगला सवाल दागा, “गणित कहां तक पढ़ा है?”
“सर, ग्रेजुएशन तक।”
“बहुत बढ़िया,” गुरुजी बोले, “तो बताइए, वृत्त का क्षेत्रफल कैसे निकालते हैं?”
“सर, πr²,” मालिक ने तुरंत जवाब दिया।

अब गुरुजी का चेहरा गंभीर हो गया। बोले, “मैंने आपसे दो 9 इंच डायमीटर के पिज्जा मंगवाए थे। यानी हर पिज्जा का रेडियस 4.5 इंच। उसका क्षेत्रफल होगा π × 4.5² यानी करीब 63.62 स्क्वायर इंच। दो पिज्जा का टोटल हुआ करीब 127.24 स्क्वायर इंच। आप सहमत हैं?”
मालिक बोला, “बिलकुल सर।”

गुरुजी ने आगे कहा, “अब आपने जो चार 5 इंच के पिज्जा दिए हैं, उनका रेडियस 2.5 इंच हुआ। एक का एरिया 19.64 स्क्वायर इंच। चार का टोटल एरिया हुआ 78.56 स्क्वायर इंच। यानी आपने न सिर्फ मेरी मात्रा घटाई, बल्कि यह कहकर उल्लू भी बनाया कि मुझे 2 इंच का पिज्जा मुफ्त में दिया जा रहा है!”

मालिक अब थोड़ा पसीने-पसीने हो गया। गुरुजी रुके नहीं, बोले, “अगर आप मुझे एक और 5 इंच का पिज्जा दे भी दें, तब भी टोटल एरिया 98.2 स्क्वायर इंच ही होगा, जो मेरे ऑर्डर के एरिया से कहीं कम है। अब बताइए, कहां है वो ‘फ्री’ वाला पिज्जा?”

रेस्टोरेंट का मालिक निशब्द खड़ा था। चेहरे पर अब वो आत्मविश्वास नहीं, बल्कि पश्चाताप झलक रहा था। आखिरकार, उसने चुपचाप वही चार पिज्जा एक साथ गुरुजी को सौंप दिए और दिल में ये सीख ले ली — "गणित के शिक्षक को कभी भी बेवकूफ समझने की भूल मत करना।"

और बच्चों ने उस दिन सिर्फ पिज्जा ही नहीं, ज़िंदगी का एक बड़ा पाठ भी सीखा — "हर चीज़ का हिसाब सिर्फ स्वाद से नहीं, अक्ल से भी लगाना चाहिए!"

शिक्षकों को कभी भी अंडरएस्टिमेट न करें। धन्यवाद!

Thursday, 1 May 2025

नहीं रहा अंबानी परिवार का चहेता


पेड़ पर उल्लू

एक पेड़ पर  सिर्फ ऊल्लू
 बैठते थे एक दिन  लकड़हारे
 ने पेड़ काट दिया
  और लकड़ी की मंडी 
में बेच दिया 
पेड़ बहुत खुश हुआ.
सोचा, जान दे कर ही सही
, उल्लुओं से पीछा तो छूटा।
मगर पेड़ की खुशी 
बहुत ज्यादा नहीं टिकी 
खुशी उस वक्त 
 ख़ाक में मिल गई जब...
उसकी लकड़ी से.
संसद भवन की कुर्सियाँ 
बना दी गयीं..l
तारीख़ गवाह है आज भी...
 उन कुर्सियों पर 'ऊल्लू' ही बैठते हैं.

लडका लडकी बस स्टोप
 पर  काफी देर से खडे थे
लडका  लड़की से बोला 
अच्छी लिपस्टिक हैं।
लडकी बोली  थैंक्स ।
लडका nice dress 
लडकी बोली thnx again
लडका बोला
 नेकलेस is dam good
लडकी थैंक्स भैया 
लडका पर  कमाल  की बात है
सुंदर फिर भी नहीं लग 
रही हो 


प्लम्बर ने एक इंजीनियर के
 यहां  नल ठीक किया
लेबर चार्ज 800 रूपये.
इंजीनियर बोला 
 1 घंटे कि इतनी
फीस तो मेरी भी नहीं है.
प्लम्बर बोला सर जब में  भी 
इंजीनियर था तो मेरी भी नहीं थी l




जितने जोश va ताव से 
न्यूज वाले बोलते है 
ऐसा लगता है
भारत सरकार देखती
 रह जायेगी और
किसी दिन  News
 वाले पाकिस्तान  या चीन 
किसी एक पर 
पर हमला कर देंगें

कक्षा में सबसे पीछे बैठे 
मोनू  ने पूछा
सर, अगर राष्ट्रिय गान 
चल रहा हो और..
तभी राष्ट्रिय पशु
 अचानक  आ जाये।
 तो खड़े रहना है 
या भागना है.
सर ने कोई जवाब नहीं दिया
सीधा इस्तीफा दे दिया 


शेर है  वीरता का प्रतीक 
गाय  है  आस्था का प्रतीक 
कबूतर है  शांति का प्रतीक
मुर्गा  किस बात  प्रतीक है
मोनू सर पार्टी का 
सर ने मोनू को क्लास 
में ही थप्पड़ों 
की पार्टी दी

पति यार आजकल तुम 
मुझे ना सिगरेट  पीने से 
ना शराब पीने से 
रोकती हो, ये चक्कर 
क्या है ,क्या 
 तुम्हे अब मुझसे कोई 
शिकायत नहीं  है
पत्नी अरे ऐसा कुछ नहीं है 
LIC वाला परसों  इन 
 सब  के फायदे 
बता कर गया है

मजेदार चुटकुले




एक पेड़ पर  सिर्फ ऊल्लू
 बैठते थे एक दिन  लकड़हारे
 ने पेड़ काट दिया
  और लकड़ी की मंडी 
में बेच दिया 
पेड़ बहुत खुश हुआ.
सोचा, जान दे कर ही सही
, उल्लुओं से पीछा तो छूटा।
मगर पेड़ की खुशी 
बहुत ज्यादा नहीं टिकी 
खुशी उस वक्त 
 ख़ाक में मिल गई जब...
उसकी लकड़ी से.
संसद भवन की कुर्सियाँ 
बना दी गयीं..l
तारीख़ गवाह है आज भी...
 उन कुर्सियों पर 'ऊल्लू' ही बैठते हैं.

लडका लडकी बस स्टोप
 पर  काफी देर से खडे थे
लडका  लड़की से बोला 
अच्छी लिपस्टिक हैं।
लडकी बोली  थैंक्स ।
लडका nice dress 
लडकी बोली thnx again
लडका बोला
 नेकलेस is dam good
लडकी थैंक्स भैया 
लडका पर  कमाल  की बात है
सुंदर फिर भी नहीं लग 
रही हो 


प्लम्बर ने एक इंजीनियर के
 यहां  नल ठीक किया
लेबर चार्ज 800 रूपये.
इंजीनियर बोला 
 1 घंटे कि इतनी
फीस तो मेरी भी नहीं है.
प्लम्बर बोला सर जब में  भी 
इंजीनियर था तो मेरी भी नहीं थी l




जितने जोश va ताव से 
न्यूज वाले बोलते है 
ऐसा लगता है
भारत सरकार देखती
 रह जायेगी और
किसी दिन  News
 वाले पाकिस्तान  या चीन 
किसी एक पर 
पर हमला कर देंगें

कक्षा में सबसे पीछे बैठे 
मोनू  ने पूछा
सर, अगर राष्ट्रिय गान 
चल रहा हो और..
तभी राष्ट्रिय पशु
 अचानक  आ जाये।
 तो खड़े रहना है 
या भागना है.
सर ने कोई जवाब नहीं दिया
सीधा इस्तीफा दे दिया 


शेर है  वीरता का प्रतीक 
गाय  है  आस्था का प्रतीक 
कबूतर है  शांति का प्रतीक
मुर्गा  किस बात  प्रतीक है
मोनू सर पार्टी का 
सर ने मोनू को क्लास 
में ही थप्पड़ों 
की पार्टी दी

पति यार आजकल तुम 
मुझे ना सिगरेट  पीने से 
ना शराब पीने से 
रोकती हो, ये चक्कर 
क्या है ,क्या 
 तुम्हे अब मुझसे कोई 
शिकायत नहीं  है
पत्नी अरे ऐसा कुछ नहीं है 
LIC वाला परसों  इन 
 सब  के फायदे 
बता कर गया है

मजेदार चुटकुले































Tuesday, 29 April 2025

पापा मैने करोना की दवाई बना ली है


बेटा: पापा मैने 12वीं
 पास कर ली है, 
अब मैं आगे पढ़ाई 
करके डॉक्टर बनूँगा,
 और कोरोना की 
दवाई बनाऊँगा।
बाप: शर्म कर शर्म!
 जिस कोरोना की 
वजह से तू पास हुआ 
है, उसी के खिलाफ
 षड्यंत्र रचेगा? कोरोना 
तुझे कभी माफ नहीं 
करेगा, बदला लेगा, बदला!


मोनू कलपती शक्ल
 बनाकर, कुछ अपने 
आप से बातें करता हुआ 
सीढ़ियाँ चढ़ रहा था, तो 
उसका दोस्त सोनू मिला।
 उसने पूछा, "क्या हुआ?"
मोनू बोला, "यार, ये 
लड़के लंबे बाल क्यों 
रखते हैं?"
सोनू ने पूछा, "
अरे, हुआ क्या?"
मोनू बोला, "
अभी पाँच किलोमीटर 
फालतू स्कूटी चला के
 आया हूँ।"


गहन शोध का विषय 
बन गया है...
भाई: कौनसा?
ये सावधान इंडिया
 वाले इंडिया को 
सावधान करते हैं या
 नए-नए कांड सावधानी
 से कैसे करें ये 
सिखाते व बताते हैं?


जज: मैडम, सच
 बताओ, आपके 
कितने पुत्र हैं?
महिला: तीन, जज 
साहब।
जज: पहले का नाम?
महिला: राजू।
जज: दूसरे का नाम?
महिला: उसका नाम भी 
राजू।
कोर्ट में सन्नाटा...
जज: तीसरा, 
उसका नाम?
महिला: उसका भी राजू। 
कोर्ट में हँसी।
जज गुस्से में: 
तीनों पुत्रों का एक
 ही नाम? किसी को 
बुलाना होता है तो
 वो कैसे समझता
 है कि उसे ही
 बुला रही हो?
महिला (शरमाते हुए):
 उन सभी के सरनेम 
अलग-अलग हैं, साहब।
जज  को घनचक्री आई 
जज अभी भी कोमा में है।


लड़की: भैया, 
सेब कैसे दिए?
दुकानदार: 100 
के दस।
लड़की: कुछ कम 
करो ना भैया, प्लीज।
दुकानदार: अब 
इतनी प्यारी लड़की 
कह रही है तो चलो 
तुम्हारे लिए कम 
कर देता हूँ, 
80 के 8 ले लो।
लड़की: थैंक्यू सो 
मच, भैया, दे दो।
दुकानदार: किसी को
 बताना नहीं इतने 
कम रेट पर दिए हैं 
आपको, वरना लोगों 
का हम गरीबों पर से 
विश्वास उठ जाएगा।


एक मंजे तपे
 शायर से मैंने पूछा, 
"मोहब्बत शादी के
 पहले करनी चाहिए 
या शादी के बाद?"
शायर ने भी आग 
में तपा कुंदन बना 
जवाब दिया, "कभी 
भी करो, बस बीवी 
को पता न चले।"


मोजू ने स्कूटी से 
घर जाते समय एक 
रेड लेबल की बोतल 
खरीदी। स्कूटी स्टार्ट 
की और घर की ओर 
चल पड़ा। स्कूटी चलाते
 वक्त रास्ते में बोतल 
की ही सोच रहा था।
 उसने सोचा अगर कहीं 
रास्ते में मैं गिर गया तो 
बेचारी बोतल भी टूट 
जाएगी, तो घर पर 
जाकर मैं क्या पियूँगा। 
इसलिए उसने रास्ते में 
पूरी बोतल गटक ली। 
और मोजू इतना दूरदर्शी 
होगा ये उसको खुद को
 भी नहीं पता था। यकीन
 नहीं होगा, मोजू का 
निर्णय बिलकुल सही 
था, मोजू रास्ते में 
चार बार गिरा।


पार्टी में गप्पु ने 
खाने की प्लेट में 
रंग बिरंगा टिशू 
पेपर देख सोचा... 
"मस्त नई आइटम
 खाने की!" जैसे 
ही वह खाने लगा...
 तो उसके सारे दोस्त
 एक साथ चिल्लाये... 
"अरे मत खा... 
एकदम फीका है!"


संता औरतों को ताड़ने
 की कोशिश कर रहा था। 
मुगलों ने पकड़ लिया और 
अकबर के दरबार में ले गए।
अकबर बोला, 
"इसको बंदी बना
 दिया जाए।"
संता बोला, "नहीं 
नहीं, जहाँपनाह!
 रहम, मेरा गुनाह 
इतना बड़ा नहीं है। 
रहम जहाँपनाह, 
मुझे बंदा ही रहने दीजिए।"


बारिश के दिन थे। 
संता जैसे ही कपड़े
 धोने लगता है, उसी 
समय बारिश होने लग 
जाती। संता थोड़ा वहमी 
बंदा था। यह घटना भी
 बहुत बार हो गई थी। 
उसे लगने लग गया कि 
हो न हो, बादलों ने कैमरे 
लगा रखे हैं जो उस पर 
नजर रख रहे हैं। एक दिन 
थोड़ी सी धूप निकली हुई थी। 
संता ने सोचा फटाफट 
जाकर मैं सर्फ ले आता हूँ। 
वह भाग-भाग कर सर्फ लेने 
जा रहा था कि बादल 
गरजने लग गए। संता 
आसमान की तरफ
 देखकर बोला, "मैं तो
 नमक लेने जा रहा हूँ।"


संता: पप्पू से, 
शादीशुदा लड़की और 
शादीशुदा लड़के में 
क्या फर्क होता है?
पप्पू: मंगलसूत्र लटका 
हो तो लड़की शादीशुदा..
. और मुँह लटका हो 
तो लड़का शादीशुदा।

संता जीवन में पहली 
बार डेट पर गया। डिनर 
के बाद आहिस्ता से बोला, 
"मैं कुछ कहना चाहता हूँ।" 
बड़ी देर के बाद माहौल 
थोड़ा सा रोमांटिक हुआ। 
आगे बोला, "तुम नाराज 
तो नहीं होगी?"
लड़की ने भी शरमा कर 
संता से कहा, "नहीं नहीं, 
आप कहिए, आप जो 
कहना चाहते हैं।"
संता बड़े ही आहिस्ता 
से उसके कान के पास 
जाकर बोला, "पहली 
बार बिल आधा-आधा
 दोनों पे करें।"


संता: देख, देख, 
वो लड़की मेरी तरफ 
देखकर मुस्कुरा रही थी।
बंता: अबे, सिर्फ 
मुस्कुरा ही तो 
रही है! पता है जब
 मैंने पहली बार तेरी 
शकल देखी थी तो
 तीन दिन तक अपनी 
हँसी रोक नहीं पाया था.....


सांता पाकिस्तान में 
बम रखते हुए पकड़ा 
गया। लोगों ने जब 
उसे पकड़ा और पूछा 
कि, "तूने क्यों ऐसा किया?"
सांता को उस समय कुछ
 न सूझा तो हड़बड़ी में 
कह दिया कि, "मैंने यहाँ 
बम चढ़ाने की मन्नत 
माँगी थी!"


पप्पू परेशान होकर 
डॉक्टर के पास गया।
पप्पू: डॉक्टर साहब
, मैं सुबह 6 बजे सू-सू 
करता हूँ, और फिर 7
 बजे पॉटी करता हूँ।
डॉक्टर: हाँ, तो फिर
 दिक्कत क्या है
, सब तो सही है।
पप्पू: पर डॉक्टर साहब,
 आँख तो मेरी 8 
बजे खुलती है!

हिंदी में भी कुछ शब्द
 इंग्लिश की तरह कुछ 
शब्द Silent होते हैं।
 जैसे कि अगर ध्यान दिया 
हो तो, जब कोई दुकानदार 
भाव करते समय कहता है कि "
आपको ज्यादा नहीं लगाएंगे", 
तो इसमें "चूना" शब्द
 Silent होता है।
शादी के समय ये कहा
 जाता है कि "हमारी लड़की 
तो गाय है गाय", उसमें "
सींगवाली" शब्द 
silent होता है।
बिदाई के वक्त जब
 दूल्हे से कहा जाता है, 
"ख्याल रखना", इसमें "
अपना" शब्द Silent
 रहता है।
जब ये कहा जाता है, "
हमारी लड़की आपके
 घर को स्वर्ग बना देगी", 
तो उसमें ये silent होता 
है कि घर में रहने वालों 
को स्वर्गवासी फीलिंग 
करवा देगी।



लेक्चर के बीच में 
प्रोफेसर ने पूछा, "
कितने छात्र भूतों में
 यकीन करते हैं?
" करीब-करीब सभी
 छात्रों के हाथ 
खड़े हो गये।
प्रोफेसर: बहुत अच्छे
, अब यह बताओ कि 
कितने छात्रों ने भूत
 को देखा है? लगभग 
25 हाथ खड़े हो गये।
प्रोफेसर: बहुत अच्छे, 
अच्छा अब यह बताओ 
कि भूत को कितने लोगों ने 
बहुत करीब से देखा है?
 लगभग 3 हाथ खड़े हो गये।
प्रोफेसर: शाबाश, अच्छा 
अब यह बताओ कितने
 लोगों ने भूत को चूमा है? 
केवल एक लड़के का हाथ 
खड़ा हुआ और वो
 अपना मुन्नू था।
प्रोफेसर: गजब, 
नामुमकिन! मैंने आज
 तक खुद नहीं सुना
 किसी ने ऐसा किया हो,
 इधर मेरे पास आ ओ।
राजू उठ कर प्रोफेसर 
के पास चला गया।
प्रोफेसर: तो तुम कह 
रहे हो कि तुमने भूत 
को चूमा है, ज़रा पूरी 
डिटेल से बात बताओ।
राजू: भूत????? सॉरी 
सर, पीछे बैठा था, 
कुछ अलग ही 
सुनाई दिया।

Saturday, 26 April 2025

साधु va शिष्य

एक बार एक साधु अपने
 शिष्यों के साथ बैठा हुआ
 था, उनसे बात कर रहा था।
उनमें से  एक शिष्य ने कहा 
की गुरु जी, हम आपसे 
आपके गुरु के बारे में 
जानना चाहते हैं ,उनका 
क्या नाम था,  ,कितना 
समय आप लोगों ने 
 साथ बिताया।साधु 
ने कहा  तुम्हे आश्चर्य होगा
 मेरा एक गुरु नहीं है । मेरे 
तो कहीं गुरु है , मैने जीवन 
में जिससे भी कोई अच्छी 
बात सीखी उसे मैने अपना 
गुरु मान लिया ,आज मैं 
तुम्हें अपने गुरुओं के बारे में
 बताता हूं, मेरा सबसे
 पहला गुरु है  एक औरत ,

एक बार  में जंगल  मैं
 पेड़ के नीचे विश्राम कर
 रहा था ऊपर पेड़ पर
 बैठे एक कबूतर ने मेरे 
ऊपर विष्ठा कर दी, मैंने 
उसको क्रोध में उसको 
पत्थर मारा, पत्थर उसे
 लगा ,वो चोट को सह 
नहीं सका  और  नीचे 
गिर गया,उसकी मृत्यु
 हो गई , कुछ देर बाद 
मुझे अपनी गलती का 
एहसास हुआ कि मैंने 
इतना क्रोध क्यों किया, 
अपने उस अशांत मन को  
शांत करने ,व अपने पाप के
 प्रायश्चित के लिए मैं जंगल 
में गांवों , में चलना शुरू कर 
दिया,कई दिनों तक  भूखा 
प्यासा  चलता रहा ,कई 
दिन चलने के बाद जब 
एक  शाम 
में थका हारा, भूखा 
प्यासा ,  एक घर के आगे 
रुका,उस घर का  दरवाजा 
खड़काया , अंदर से
 एक औरत बाहर आई 
मैंने उसे बोला कि मुझे
 कुछ जलपान करवा दो ,
उस औरत ने कहा आप 
पांच मिनट विश्राम करो 
में जल पान ले कर आती हूं 
  मेरे पति अभी  अभी खेत 
से आए हैं , उन्हें भोजन
 देना है ,वह अंदर गई  
और  वह भूल  गई की 
बाहर में भी इंतजार कर 
रहा हु , वह औरत पौने
 घंटे तक बाहर नहीं आई 
जब वह बाहर आई तो, 
मैंने उसे क्रोध से देखा 
और कहा  तुमने मुझे
 बहुत लंबा इंतजार 
करवाया, पति की सेवा
 ज्यादा जरूरी है या घर 
आए एक भूखे साधु  
 की, तो उसने बोला कि 
साधु महाराज  मेरे को  
इस तरह क्रोध से  मत 
देखो मैं कोई कबूतर नहीं 
हूं जिसे आप क्रोध से 
  देखोगे तो वह मर जाएगा
, मेरे पति सुबह 5:00 से 
 के खेत पर गए हुए थे 
 अभी शाम को 6.00 
बजे वापस थके हरे आए
 है ,में एक पतिव्रता औरत 
हु ,मेरा पहला कर्तव्य 
बनता है कि मैं उनकी 
सेवा करूं उन्हें जलपान .
दूं, खाना खा कर जब 
वह विश्राम करने लगे ,
तो में उनके पैर दबाने 
लग गई ,उनकी आंख 
लग गई  उनकी नींद  
पक्की हो जाए ,इस 
लिए में बीच में नहीं उठी
 , मेरा इरादा आपका 
निराधार करना नहीं  
था, में अपने बोले गए 
शब्दों के लिए माफी 
मांगती हु यदि उन्होंने 
आपको कष्ट पहुंचाया है 
पति की सेवा करते 
समय मेरे सहज ही 
दिमाग से निकल गया कि 
आप बाहर बैठे हुए हैं 
, क्षमा मांगती हूं साधु 
ने कहा कि नहीं तुम्हें 
क्षमा मांगने की जरूरत 
नहीं है इसमें तुम्हारी 
कोई गलती नहीं है मैं ही
 अपने क्रोध को नियंत्रित 
नहीं कर पाता हूं 
मैने उस औरत का 
अपना प्रथम गुरु
 मान लिया 
क्योंकि उस औरत से
  मुझे यह शिक्षा मिली कि अगर
 आप अपने रिश्तों  में 
अपने कर्तव्य के प्रति 
ईमानदार है तो आपको 
किसी भी प्रकार की 
तपस्या कि,या तप, 
बल, ध्यान की जरूरत 
नहीं है जो सिद्धि लोग
 कहीं वर्षो तक तपस्या 
करके प्राप्त करते हैं 
आप ईमानदारी से 
अपने कर्तव्य को 
निभाते हुए उस सिद्धि 
को प्राप्त हो जाते है

एक बार की  ओर 
बात है चलते-चलते मुझे 
रात हो गई मैं गांव में 
पहुंचा,में बहुत थक
 गया था  ,तो वहां मैं
 एक स्थान ढूंढने लगा
 जहां जाकर मैं विश्राम
 कर सकूं,  मुझे कोई 
स्थान मिल नहीं रहा था ,
तभी मैंने देखा कि एक 
व्यक्ति कुछ तोड़ रहा है ,
मैं उसके पास गया ,मैंने 
उससे पूछा कि क्या 
तुम मुझे आसपास 
कोई स्थान बता सकते 
हो, जहां में जाकर 
विश्राम कर सकूं ,तो 
उस व्यक्ति ने कहा 
कि पास में एक एक 
मंदिर है , परन्तु इस
 समय मंदिर बंद हो
 चुका है ,तो आप इस 
समय मेरे घर चलकर 
आराम कर सकते हो,
अगर आप को कोई 
आपत्ति  न हो तो
 क्योंकि , मैं पेशे से 
एक चोर हूं, साधु ने 
कहा मुझे इसमें कोई 
आपत्ति नहीं है, तुम्हारे 
घर आराम कर लेता 
हूं ,मैं वहां आराम करने 
गया ,मेरी वहां पर 
तबियत बिगड़ गई 
इसलिए मैंने तीन से
 चार दिन और  वहीं
 पर आराम किया ,
इस दौरान मैंने देखा 
कि वह रोज रात को 
चोरी करने जाता 
असफल हो जाता
लेकिन निराश नहीं 
होता था,  वह अगली 
रात को फिर भगवान 
के आगे माथा टेक कर 
प्रार्थना करता की  
 आज मुझे सफल जरूर 
करना ,वह पूरी लगन के 
साथ दोबारा चोरी करने
 चला जाता,हर बार 
असफल होता पर निराश 
नहीं होता , फिर  चौथे 
दिन उसने काफी बड़ा
 हाथ मार लिया ,और
 उस दिन वह  बहुत
 खुश था ,और अब 
 मेरी तबीयत भी  ठीक
 हो चुकी थी ,तो मैं
 जब  वहां से जाने 
लगा था ,तो मैंने
 उसे समझाया कि 
तुम यह गलत काम  
छोड़ दो, 
वह मान गया ,इस 
शर्त के साथ की में 
उसे कोई अच्छा काम 
दिला दूं में उसे ले कर
 राजा के पास गया , 
राजा को सारी बात
 बताई राजा चोर की 
ईमानदारी से खुश हुआ
राजा ने चोर से उसकी
 योग्यता पूछी, चोर ने 
कहा में राज्य में कहीं
 चोरी न हो ,उसका पुख्ता 
इंतजाम कर सकता हु, 
,व जासूसी जैसा कार्य 
बड़ी दक्षता से कर सकता 
हु , राजा ने ,  मंत्री को 
बोल कर उसे उसकी 
योग्यता के अनुसार 
कार्य पर लगवा दिया, 
फिर में वहां से चला गया
 ,उम्मीद करता हु वह
 अपना कार्य लगन va
 ईमानदारी se kr rha
 hoga 
 चोर  मेरा  दूसरा गुरु था  
जिससे मुझे सीखने को 
मिला कि जो भी कम 
करो पूरी लगन और 
ईमानदारी से करो  ,
 बहुत बार  असफलता
 मिलेगी ,परन्तु निराश 
नहीं होना ,अपने प्रभु 
पर विश्वास रखो और 
अगर आपको कभी
 जीवन में  अच्छा 
रास्ता चुनने का 
अवसर मिले तो 
उस अवसर को 
हाथ  से जाने मत  दो,

एक बार में एक तालाब 
के किनारे विश्राम कर
 रहा था मैंने देखा एक 
बहुत ही प्यासा कुत्ता 
वहां आया लेकिन वह 
बार-बार पानी के पास
 जाए, और फिर दूर हो 
जाए शायद वह  अपनी
 परछाई से डर रहा था, 
आखिर उससे अपनी 
प्यास बर्दाश्त नहीं हुई 
उसने पानी के अंदर 
अपना मुंह डाल दिया,
 जैसे  ही उसने मुंह पानी 
में डाला , उसकी परछाई 
टूट गई, और उसने शांति
 से पानी पिया, और खुशी
 से तृप्त हो वहां से चला 
गया , मैंने उस दिन उसे
 अपना गुरु बनाया, 
क्योंकि मैंने उस कुत्ते  
से उस दिन सिखा
 कि अगर आप अपने 
डर से आगे कूद जाते 
हो तो आप जीत जाते
 हो, कोई डर  आपकी
 लक्ष्य पाने की भूख या
 प्यास से बड़ा नहीं हो 
सकता डर के आगे ही 
जीत है , 

एक बार मैं एक मंदिर
 में विश्राम कर रहा था तभी
 , एक बच्चा मेरे पास आया 
,उसके हाथ में जलता 
 हुआ दिया था, मैंने उस 
बच्चे  के ज्ञान को
 जांचने के  लिए 
उससे पूछा क्या तुम 
जानते हो कि इस
 दिए जो यह लो  
है यह कहां से 
आई है
 तो उसने उस 
लो को बुझा दिया , 
और मुझसे  कहा 
 क्या आप जानते 
हो यह  अब कहां गई है
 तो मैंने उस दिन
 उस बच्चे  को 
अपना गुरु बना लिया,  कि 
जरूरी नहीं है कि जो 
आपके पास   है वही
 ज्ञान है ,ज्ञान की कोई
 सीमा नहीं है, वह छोटे 
से बच्चे के पास भी
 हो सकता है, उसने 
 मेरे सवाल का जवाब
  इस तरीके से सवाल 
से दिया कि मुझे 
जवाब भी मिल
 गया और मेरे सामने 
एक सवाल भी 
खड़ा हो गया

तीन साधु की मजेदार कहानी

 रूस में एक झील के किनारे तीन फकीरों का नाम बड़ा प्रसिद्ध हो गया था। लोग लाखों की तादाद में उन फकीरों का दर्शन करने जाने लगे।  यह खबर  सबसे बड़े ईसाई पुरोहित को लगी। उसे बड़ी हैरानी हुई। क्योंकि ईसाई चर्च तो कानूनन ढंग से लोगों को संत घोषित करता है, तभी वे संत हो पाते हैं।
तो प्रीस्ट बड़ा परेशान हुआ। और जब उसे पता चला कि लाखों लोग वहां जाते हैं, तो उसने कहा, यह तो हद हो गई! यह तो चर्च के लिए नुकसान होगा। ये कौन लोग हैं! इनकी परीक्षा लेनी जरूरी है। कहीं ये धर्म की हानि तो नहीं कर रहे , लोगों को बेवकूफ तो नहीं बना रहे , ओर अपना रसूख va पूछ bhi कम हो रही है, बहुत बड़ा नुकसान है ये तो

तो बड़ा प्रीस्ट एक मोटर बोट में बैठकर झील से उन लोगों के पास  गया। जाकर वहां पहुंचा, तो वे तीनों झाड के नीचे बैठे थे। देखकर वह बडा हैरान हुआ। सीधे—सादे ग्रामीण देहाती मालूम पड़ते थे। वह जाकर जब खड़ा हुआ, तो उन तीनों ने झुककर नमस्कार किया, उसके चरण छुए।

उसने समझ  गया कि बिलकुल नासमझ हैं। इनकी क्या हैसियत! उसने बहुत डांटा—, फटकारा कि तुम यहां क्यों भीड़—  इकट्ठी करते हो? उन्होंने कहा, हम नहीं करते। लोग आ जाते हैं। आप उनको समझा दें कि न आए ।  प्रीस्ट ने पूछा कि तुमको किसने कहा कि तुम संत हो?  वो तीनों बोले यही  लोग कहने लगे। हमको कुछ पता नहीं है। प्रीस्ट ने पूछा  तुम्हारी प्रार्थना क्या है? क्या  बाइबिल पढ़ते हो? उन्होंने कहा, हम बिलकुल पढ़े—लिखे नहीं हैं। 
प्रीस्ट ने पूछा तुम प्रार्थना क्या करते हो? क्योंकि चर्च की तो निश्चित प्रार्थना है। तो उन्होंने कहा, हमको तो प्रार्थना कुछ पता ही  नहीं। हम तीनों ने मिलकर एक प्रार्थना  बना ली है।
प्रीस्ट ने कहा  तुम कौन होते हो बनाने वाले प्रार्थना? प्रार्थना तो तय होती है पोप के द्वारा। बिशप्स की बड़ी एसेंबली इकट्ठी होती है, तब एक—एक शब्द का निर्णय होता है। तुम कौन होते  हो प्रार्थना बनाने वाले? तुमने अपनी निजी प्रार्थना बना ली है! भगवान तक जाना हो, तो जो रास्ता प्रीस्ट बताएंगे  उन्हीं तय हुए रास्तों से जाना पड़ता है! खैर ये बताओ  क्या है तुम्हारी प्रार्थना?

वे तीनों बहुत घबरा गए। कंपने लगे। सीधे—सादे लोग थे। तो उन्होंने कहा, हमने तो एक छोटी प्रार्थना बना ली है। आप माफ करें, तो हम बता दें। ज्यादा बड़ी नहीं है, बहुत छोटी—सी है।
प्रीस्ट ने कहा बताओ तो वो तीनों संत बोले 
 यू आर थी, वी आर थ्री , हैव मर्सी आन अस। तुम भी तीन हो, हम भी तीन हैं, हम पर कृपा करो। यही हमारी प्रार्थना है। उस पादरी ने कहा, कम अक्लो,जाहिलो अनपढ़  ग्वारो नासमझो, बंद करो यह बकवास। यह कोई प्रार्थना है? सुनी है कभी? और तुम मजाक करते हो भगवान का कि तुम भी तीन और हम भी तीन हैं?
प्रीस्ट ने कहा कि यह प्रार्थना नहीं चलेगी। आइंदा करोगे, तो तुम नरक जाओगे। तो मैं तुम्हें प्रार्थना बताता हूं आथराइज्‍ड, जो अधिकृत है।
उसने प्रार्थना बताई। उन तीनों को कहलवाई। उन्होंने कहा, एक दफा और कह दें, कहीं हम भूल न जाएं। फिर एक दफा कही। फिर उन्होंने कहा, एक दफा और। कहीं भूल न जाएं। उसने कहा, तुम आदमी कैसे हो? तुम कैसे  संत हो? तो उन्होंने कहा, नहीं, हम कोशिश तो पूरी याद करने की करेंगे, एक दफा आप और दोहरा दें! उसने दोहरा दी
फिर पादरी वापस लौटा उसी बोट से । जब वह आधी झील में था, तब उसने देखा कि पीछे वे तीनों पानी पर भागते चले आ रहे हैं। तब उसके  तो प्राण घबरा गए। उसने अपने माझी से कहा कि यह क्या मामला है? ये तीनों पानी पर कैसे चले आ रहे हैं? उस माझी ने कहा कि मेरे हाथ—पैर खुद ही काँप रहे हैं। यह मामला क्या है! वे तीनों पास आ गए। उन्होंने कहा, जरा रुकना। वह प्रार्थना हम भूल गए; एक बार और बता दो! उस पादरी ने हाथ जोड़े और  कहा कि तुम अपनी ही प्रार्थना जारी रखो। हमारी प्रार्थना तो कर—करके हम मर गए, पर  पानी पर चल नहीं सकते। तुम्हारी प्रार्थना ही ठीक है। तुम वही जारी रखो। वे तीनों हाथ जोड़कर कहने लगे कि नहीं, हमारी प्रार्थना ठीक नहीं है। आपने जो बताई थी, बड़ी लंबी है और शब्द जरा कठिन हैं। और हम भूल गए। हम अनपढ़ ग्वार लोग हैं। हम पर कृपा करो 

 ये तीन आदमी बिलकुल पंडित  या संत नहीं हैं, विनम्र भोले— सीधे सादे  लोग हैं। लेकिन एक स्वयं  अनुभव घटित हुआ है। और स्वयं  अनुभव के लिए किसी प्रकार की  अधिकृत प्रार्थनाओं की जरूरत नहीं है। और स्वयं  अनुभव के लिए कोई लाइसेंस्ट शास्त्रों की जरूरत नहीं है। और स्वयं अनुभव का किसी ने कोई ठेका नहीं लिया हुआ है। हर आदमी हकदार है पैदा होने के साथ ही परमात्मा को जानने का। वह उसका स्वरूपसिद्ध अधिकार है। वह मैं हूं यही काफी है, मेरे परमात्मा से संबंधित होने के लिए। और कुछ भी जरूरी नहीं है। बाकी सब गैर—अनिवार्य है।
जो जानकारी हम इकट्ठी कर लेते हैं, वह जानकारी हमारे सिर पर बोझ हो जाती है। वह जो भीतर की सरलता है,  वो बोझ उसको खा जाता है , सरलता जो है वह  खो जाती है। 
वह अनुभव क्या है? वह अनुभव है,  जहां बूंद सागर में खोती है, तो बूंद को जो अनुभव होता होगा! जैसे व्यक्ति जब समष्टि में खोता है, तो व्यक्ति को जो अनुभव होता है, उस अनुभव का नाम परमात्मा है।
परमात्मा एक अनुभव है, वस्तु नहीं। परमात्मा एक अनुभव है, व्यक्ति नहीं। परमात्मा एक अनुभव है, एक घटना है। और जो भी तैयार है उस घटना के लिए, , उस विस्फोट के लिए, उसमें घट जाती है। और तैयारी के लिए जरूरी है कि अपना अज्ञान तो छोड़े ही, अपना ज्ञान भी छोड़ दें।  और जिस दिन ज्ञान— अज्ञान दोनों नहीं होते, उसी दिन जो होता है, उसका नाम परमात्मा है।

बिल्ली नहीं पालनी

एक महात्मा जी गांव में  झोपड़ी  में रहते थे ।
उनकी झोपड़ी में चूहे बहुत थे ।जो उन्हें बहुत तंग करते थे ,उन्होंने अपने सेवकों को यह बात बताई , ओर पूछा  इस समस्या  से छुटकारा पाने के लिए क्या किया जाए ,तो उन्होंने   कहा बाबा जी परेशान ना हो बिल्ली पाल लो, बिल्ली चूहों को खा लेती  है, महात्मा जी ने कहा ठीक है ,उन्होंने बिल्ली पाल ली , अब जब बिल्ली आ गई तो बिल्ली को दूध चाहिए
अब गांव वाले रोज दूध दे जाते बिल्ली के लिए 
 अब गांव वाले कब तक दूध देते ,तो गांव वालों ने कहा महाराज 15 ,20 दिन हो गए ,अब हमने खूब दूध दे दिया अब एक काम करो रोज आपको दूध तो चाहिए ,इसलिए एक गाय पाल लो,
गाएं  हम लोग दे देंगे
अब दूध तो सच में चाहिए सो एक गाय रख ली 
अब गाय के लिए गांव वाले चारा कब तक दे ,15 20 दिन गांव वाले ने दिया,फिर बोले  महाराज कब तक हम मदद करेंगे एक काम करो ,दो एकड़ खेती की जमीन  ले लो , उसमें चारा बो और  खिलाओ  गाएं को ,महात्मा ने कहा यह भी ठीक है जरूरी है क्योंकि भाई बिल्ली रखना है तो, दूध चाहिए और दूध चाहिए तो गाय चाहिए ,और बिल्ली इसलिए चाहिए कि चूहा खाएगी अब क्या किया जाए अब चारा के लिए खेती ले ली ,अब चारा काटे कि भजन करें,या  माला जपे, कि प्रभु को पाए, कि चारा काटे
उन्होंने अपनी समस्या गांव वालो को बताई

 गांव वाले बोले महाराज जी  गांव में  एक विधवा औरत है ,उसका कोई नहीं है उसको हम आपके आश्रम पर रख देते हैं वो चारा काटती रहेगी गाय को खिलाती रहेगी आपके लिए दूध मिल जाएगा आप बिल्ली को पिलाते रहना झंझट खत्म ,
 महात्मा बोले ये ठीक है काम बन गया
वक्त बीता 
अब गांव में महात्मा जी की बाते होने लगी, धीरे धीरे, कुछ सही ज्यादा गलत, , तो गांव वाले बोले महाराज ऐसे काम नहीं चलेगा अब तो शादी करनी पड़ेगी ,आपको तभी चलेगा ,ऐसे काम नहीं चलेगा शादी करनी पड़ेगी आखिरकार महात्मा जो को  शादी करनी पड़ी , इसलिए करनी पड़ी ,  क्योंकि गाएं के लिए चारा बोना va काटना था ,क्योंकि गाय रखनी थी और गाय इसलिए रखनी थी क्योंकि दूध चाहिए था दूध इसलिए चाहिए था क्योंकि बिल्ली पाल ली थी और बिल्ली इसलिए बुलाई थी क्योंकि चूहा खत्म करने  के लिए ,अंत  में  शादी हो गई 
वक्त बीता 
जब महात्मा जी का अंतिम समय आया  तो शिष्यों ने पूछा कोई गुरु ज्ञान दो महात्मा जी बोले सब कुछ करना बिल्ली मत पालना सब कुछ करना पर बिल्ली मत पालना ये पूरा खेल बिल्ली से स्टार्ट हुआ है यही हम तुमको बताना चाहते हैं कि अगर झंझट पाल लोगे तो झंझट बढ़ते ही जाएंगे ,बढ़ते ही चले जाएंगे सर्वोत्तम उपाय है जो प्राप्त है वही पर्याप्त  है, वह किसी से कम नहीं है जो मिला नहीं उसका कोई गम नहीं है जो मिला है वो लाजवाब है जो मिलने वाला है वो सिर्फ एक ख्वाब है हमें 

तीन नशेड़ी

ज़रूर, मैं आपकी मदद करता हूँ। यहाँ कहानी को चार प्रॉम्प्ट में तोड़कर, गलतियों को ठीक करके प्रस्तुत किया गया है:
प्रॉम्प्ट 1:
तीन नशेड़ी और गंजेड़ी, नशे की हालत में एक साथ बैठे हुए थे। उनके दिमाग में अचानक एक विचार आया कि क्यों न कोई व्यवसाय शुरू किया जाए। पहला नशेड़ी उत्साहित होकर बोला, "क्यों न हम एक किराने की दुकान खोल लें?"
प्रॉम्प्ट 2:
दूसरे नशेड़ी ने पहले के विचार को खारिज करते हुए कहा, "नहीं यार, यह ठीक नहीं है। लोग उधार ले लेकर हमें कंगाल कर देंगे, और फिर उनसे पैसे मांगते फिरना पड़ेगा। यह झंझट का काम है।" तभी तीसरे नशेड़ी ने एक नया सुझाव दिया, "तो क्यों न हम गन्ने उगा लें? दो-तीन बार कटाई करके बेचेंगे और खूब सारा पैसा कमाएंगे।"
प्रॉम्प्ट 3:
लेकिन दूसरे नशेड़ी को यह विचार भी पसंद नहीं आया। उसने कहा, "नहीं यार, यह भी ठीक नहीं है। ये गांव वाले गन्ने तोड़-तोड़ कर खा जाएंगे, हमारे पास कुछ बचेगा ही नहीं।" निराशा में, दूसरे नशेड़ी ने गुस्से में कहा, "इन सालों की ऐसी की तैसी! क्यों न पूरे गांव में आग लगा दें? न होगा बांस, न बजेगी बांसुरी!"
प्रॉम्प्ट 4:
रात के अंधेरे में, तीनों नशेड़ियों ने मिलकर गांव में आग लगा दी। लोग दहशत में इधर-उधर भागने लगे, अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे थे और आग बुझाने में लगे हुए थे। यह देखकर तीनों नशेड़ी खूब हँस रहे थे और मज़ा ले रहे थे। तभी एक गांव वाला उनके पास से गुज़रा। एक नशेड़ी ने हँसते हुए उस गांव वाले से कहा, "और चूसो हमारे गन्ने!"

Thursday, 24 April 2025

कुछ डालोगे ,कुछ दोगे जीवन को जिंदगी को तो ही कुछ मिलेगा


एक मुसाफ़िर तपते रेगिस्तान में भटक गया था। उसके पास जो थोड़ा-बहुत खाने-पीने का सामान था, वह तेज़ी से ख़त्म हो गया। दो दिन से उसकी प्यास बुझ नहीं रही थी। उसे भीतर से लग रहा था कि अगर अगले कुछ घंटों में पानी नहीं मिला, तो उसकी साँसें थम जाएँगी। पर कहीं न कहीं उसे ईश्वर पर यकीन था कि कुछ न कुछ चमत्कार तो ज़रूर होगा और उसे पानी मिल जाएगा। फिर भी, उसके मन में उम्मीद की एक किरण बची हुई थी।
तभी, दूर उसे एक छोटी सी झोंपड़ी दिखाई दी। उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। पहले भी वह मरीचिका और धोखे के कारण ठगा जा चुका था। लेकिन अब उसके पास विश्वास करने के सिवा कोई और रास्ता भी तो नहीं था। आख़िरकार, यह उसकी आख़िरी उम्मीद थी। अपनी बची हुई ताक़त समेटकर वह झोंपड़ी की ओर बढ़ने लगा। जैसे-जैसे वह नज़दीक पहुँचता गया, उसकी उम्मीद बढ़ती गई, और इस बार किस्मत भी उस पर मेहरबान थी। सचमुच, वहाँ एक झोंपड़ी खड़ी थी।
लेकिन यह क्या? झोंपड़ी तो बिल्कुल सुनसान पड़ी थी। ऐसा लग रहा था जैसे बरसों से वहाँ कोई इंसान न आया हो। फिर भी, पानी की आस में वह व्यक्ति झोंपड़ी के अंदर दाखिल हुआ। अंदर का नज़ारा देखकर उसे अपनी आँखों पर यक़ीन नहीं हुआ। वहाँ एक हैंडपंप लगा हुआ था। उस व्यक्ति में एक नई ऊर्जा का संचार हो गया। पानी की एक-एक बूँद के लिए तरसता हुआ वह तेज़ी से हैंडपंप चलाने लगा। लेकिन हैंडपंप तो कब का सूख चुका था। वह व्यक्ति निराश हो गया। उसे लगा कि अब उसे मौत से कोई नहीं बचा सकता। वह बेदम होकर ज़मीन पर गिर पड़ा।
तभी उसकी नज़र झोंपड़ी की छत से लटकी एक पानी से भरी बोतल पर पड़ी। वह किसी तरह रेंगता हुआ उसकी तरफ़ बढ़ा और उसे खोलकर पीने ही वाला था कि तभी उसे बोतल पर चिपका एक कागज़ दिखाई दिया। उस पर लिखा था - "इस पानी का इस्तेमाल हैंडपंप चलाने के लिए करो और बोतल को वापस भरकर रखना मत भूलना।"
यह एक अजीब दुविधा थी। उस व्यक्ति को समझ नहीं आ रहा था कि वह पानी पिए या उसे हैंडपंप में डालकर चालू करे। उसके मन में कई सवाल उठने लगे - अगर पानी डालने पर भी पंप नहीं चला तो? अगर यहाँ लिखी बात झूठी हुई तो? क्या पता ज़मीन के नीचे का पानी भी सूख चुका हो? लेकिन क्या पता पंप चल ही पड़े? क्या पता यहाँ लिखी बात सच हो? वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे।
फिर, कुछ देर सोचने के बाद उसने बोतल खोली और काँपते हाथों से पानी पंप में डालने लगा। पानी डालकर उसने भगवान से प्रार्थना की और पंप चलाने लगा। एक, दो, तीन... और हैंडपंप से ठंडा-ठंडा पानी निकलने लगा। वह पानी किसी अमृत से कम नहीं था। उस व्यक्ति ने पेट भरकर पानी पिया, उसकी जान में जान आ गई। उसका दिमाग़ फिर से काम करने लगा। उसने बोतल में दोबारा पानी भरा और उसे छत से लटका दिया।
जब वह यह सब कर रहा था, तभी उसे अपने सामने एक और काँच की बोतल दिखाई दी। खोलने पर उसमें एक पेंसिल और एक नक्शा पड़ा हुआ था, जिसमें रेगिस्तान से बाहर निकलने का रास्ता दिखाया गया था। उस व्यक्ति ने रास्ता याद कर लिया और नक्शे वाली बोतल को वापस वहीं रख दिया। इसके बाद उसने अपनी बोतलों में (जो उसके पास पहले से थीं) पानी भरा और वहाँ से चलने लगा।
कुछ दूर जाने के बाद उसने एक बार पीछे मुड़कर देखा, फिर कुछ सोचकर वह वापस उस झोंपड़ी में गया और पानी से भरी बोतल पर चिपके कागज़ को उतारकर उस पर कुछ लिखने लगा। उसने लिखा - "मेरा विश्वास कीजिए, यह हैंडपंप काम करता है।"
यह कहानी पूरे जीवन के बारे में है। यह हमें सिखाती है कि बुरी से बुरी स्थिति में भी हमें अपनी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। और इस कहानी से यह भी सीख मिलती है कि कुछ बहुत बड़ा पाने से पहले हमें अपनी ओर से भी कुछ देना होता है। जैसे उस व्यक्ति ने नल चलाने के लिए मौजूद सारा पानी उसमें डाल दिया।
देखा जाए तो इस कहानी में पानी जीवन में मौजूद महत्वपूर्ण चीज़ों को दर्शाता है, कुछ ऐसी चीज़ें जिनकी हमारी नज़रों में ख़ास कीमत है। किसी के लिए मेरा यह संदेश ज्ञान हो सकता है, तो किसी के लिए प्रेम, तो किसी और के लिए पैसा। यह जो कुछ भी है, उसे पाने के लिए पहले हमें अपनी तरफ़ से उसे कर्म रूपी हैंडपंप में डालना होता है, और फिर बदले में आप अपने योगदान से कहीं ज़्यादा मात्रा में उसे वापस पाते हैं।

Wednesday, 23 April 2025

long jokes


:
पति बाथरूम में घुसा
तोलिया भूल गया,
जब वह नहा चुका 
उसने आवाज़ दी
 ज़रा तौलिया देना
मैं लेना भूल गया 
पत्नी पहली बार नहीं है
हमेशा बिना तौलिये के
नहाने जाते हो
अब मैं  घर के काम
करू  या तौलिया ही
 पकड़ाती  रहु 
बनियान भी नहीं धोते 
वो भी मैं  ही धोयूं 
नहाने के बाद वाइपर 
तुम कभी मारते नहीं,
लाइट तो बंद न करने का 
रिवाज है तुम्हारे खानदान में ,
बाहर गीले गीले ही निकलोगे
फिर गीले पैरों के निशान 
भी बनाओगे 
फिर उस पे मिटटी पड़ेगी तो
सब जगह कीचड़ हो जाएगा ,
एक बार  तो नौकरानी 
उसपे फिसल भी गयी थी 
और फिर कई दिनों
 तक नहीं आई थी
मेरा क्या हाल हुआ था
काम कर कर के
वो मैं ही जानती हूँ 
पति अपने बाल खींचते हुए 
खुद से बोला 
साला ....
नहा के गलती कर दी ..
या फिर शादी  करके 
या इस चुड़ैल से 
तोलिया मांग के 
 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
तीन नशेड़ी गंजेड़ी 
नशा करने के बाद 
बैठ कर पलान करने
 लगे कि कोई बिजनेस
 शुरू करते है, 
एक बोला किरयाने 
की दुकान खोल लेते है
 , दूसरा बोला नहीं यार
 लोग उदार ले ले 
कर कंगाल 
कर देंगे  फिर उनसे 
पैसे मांगते फिरेंगे ।
दूसरा बोला गन्ने उगा 
लेते है दो तीन बार 
कटाई कर के बेचेंगे
 खूब पैसा कमाएंगे ,
तीसरा बोला नहीं 
यार ये गांव वाले 
गन्ने तोड़ तोड़ कर 
खा जाएंगे कुछ 
बचेगा नहीं , दूसरा
 बोला इन सालों की 
ऐसी की तैसी गांव 
में आग लगा देते है 
न होगा बांस न 
बजेगी बांसुरी, 
तो तीनों ने गांव
 में आग लगा 
दी रात को ,लोग 
दहशत में इधर 
 उधर भागने लगे
, ये तीनों नशेड़ी उन
 को भागते परेशान, होते 
 आग बुझाते देख रहे थे
 ,हंस भी रहे थे, एक गांव 
वाला उनके पास से 
निकला एक नशेड़ी
 ने हंसते हुए
 बोला और चूसो हमारे गन्ने , 
💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓
दो लोग रेलवे स्टेशन 
पर बैठ कर लेट हो चुकी 
ट्रेन का कलपते मन से 
चुपचाप इंतजार कर रहे थे ।
 ट्रेन काफी लेट थी ।
तो उन्होंने सोचा आपस
 में बात करनी शुरू करते
 हैं एक ने  दूसरे से पूछा 
तुम कहां रहते हो ,
उसने बोला मैं करोल बाग 
 में रहता हूं ,फिर दूसरे 
ने पहले  से पूछा तुम कहां
 रहते  हो,उसने बोला मैं 
भी करोल बाग रहता हूं।
 पहले बोला मैं 36 नंबर
 गली में रहता हूं दूसरा बोला 
मैं भी 36 नंबर गली में 
रहता हूं ,पहले ने पूछा तुम 
वहां पर कौन से मकान
 में रहते हो पहले बोला 
कि मैं  315 में रहता हूं 
,दूसरे ने पहले ने से पूछा,
 तुम किसी मकान में रहते 
हो , पहला बोला मैं भी 
315 में रहता हूं ।
पास में जो  तीसरा 
आदमी बैठा हुआ था,
  उसे  चक्कर आने लगे, 
इन लोगों की बातचीत
 सुन के  , वो सोचने लगा 
जब दोनों एक ही गाली ,
एक ही मकान में रहते,
 हैं फिर एक दूसरे को
 जानते कैसे नहीं है ।
उससे  रहा नहीं गया 
तो उसने पूछा कि 
जब तुम दोनों एक ही
 कॉलोनी एक ही गली 
 एक ही मकान में रहते
 फिर एक दूसरे को जानते 
कैसे नहीं है बोले हम 
बाप बेटा  है ट्रेन लेट है 
 टाइम पास करने के लिए 
आपस में बात कर रहे है 
बंदा बेहोश
🏝️🏝️🏝️🏝️🏝️🏝️🏝️
अदालत में मुक़दमा चल
 रहा था कि शराबी पति 
ने अपनी पत्नी का हाथ 
तोड़ दिया था।
जज के सामने
 जब पत्नी को पेश किया
 गया तो उसने सुबकते
-सुबकते सारी घटना
 सुना दी
पति भी अपनी सफाई में
 खूब बोला ।जज ने पति से
 भविष्य से अच्छा व्यवहार
करने के वायदे पर उसे
 छोड़ दिया।
लेकिन दूसरे दिन ही उसे 
 पत्नी का दूसरा हाथ तोड़ने
 पर जज के सामने लाया 
गया।इस बार उसने 
सफाई देते हुए बताया, "
हजूर कल 
 मैंने थोड़ी सी शराब
 पी परजब उससे नशा
नहीं हुआ  तो
 थोड़ी-थोड़ी करके मैं 
दो बोतलें पी गया।दो 
बोतल शराब पीने के 
बाद जब मैं घर पहुंचातो 
मेरी पत्नी मुझ पर चिल्लाने
 लगी कि शराबी ,आ गया
 नाली में लेटकर।हजूर मैंने 
अपनी हालत पर गौर किया
 और सोचा शायद यह ठीक 
कहती है।इसलिए मैं 
खामोश रहा। इसके बाद 
वह बोली, "हरामखोर
, कुछ काम धन्धा भी 
करा कर।"हजूर मैं इस 
पर भी मैं कुछ नहीं बोला
 पर फिर तो इसने हद ही
 कर दी और बोली,
अगर  जज में थोड़ी सी
 भी अकल होती तो तू 
अब तक जेल में होता।
"बस हजूर,  में कुछ भी बर्दाश्त 
कर सकता हु 
पर, अदालत की तौहीन
 मुझसे बर्दाश्त ना हुई
🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
अब वो दिन दूर नहीं
 जब पति-पत्नी के बीच 
डिजिटल लड़ाई कुछ 
इस तरह होगीबीवी
 ना जाने कौन-सी मनहूस 
पल था जब 
 मैंने तुम्हारी 
Friend request accept
 की थी ।पति- मति मारी 
गई थी मेरी जो 
तुम्हारी DP को 
Nice Pic कहा था ।
बीवी- मेरी अक्ल पे 
भी परदा पड़ा था जो
 तुम्हारी Pic पे 
Smart and handsome 
का comment किया था 
।पति- अच्छा होता तुम्हें 
उसी वक्त unfriend कर देता.
..बीवी- मैंने भी उसी वक्त तुम्हें
 Block किया होता तो आज 
ये दिन ना देखना पड़ता ।
😜😜😜😜😜😜😜😜
पिछले दिन एक गेस्ट टीचर 
अपने हेल्थ के
बारे में अपने डॉक्टर 
से मिलने गया !मेरी 
नौकरी,पगार,काम के
 प्रकार इत्यादिको सुनकर,
डॉक्टर ने उसे 
 सलाह दी 
1 ..शराब तो बिलकुल ही छोड़ दो
अगर पीते हो तो
(2) बहुत ज्यादा पानी पीओ ।
(3) ज्यादातर पैदल चला करो
(4) कोल्डड्रिंक्स कम कर दो
(5) अगर आस-पास जाना 
चल के जाओ ।
(6) बाहर का खाना 
पूरी तरह से बंद करो 
(7) घर पर तेल,घी मत 
खाओ और मांस,अंडे,
मछली खाना बंद करो 
।मैंने ” हाँ ” तो बोल दिया 
फिर डरते-डरते सवाल पूछा 
डॉक्टर साहब 
दरअसल मुझे हुआ क्या है
तब डॉक्टर ने कहा :तुम्हे हुआ 
 हुआ कुछ नहीं है 
तुम्हारी सैलरी ही कम है
भाई !बीमार हो गए तो 
इलाज झेल नहीं पाओगे ।
🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴🥴
एक लड़की ने चाइनीस 
सुंदर शक्ल वाला
 रोबोट मंगवाया
जो हुबहु इंसान
 लगता था ,फिर 
उससे शादी  कर ली
रोबोट पति (जब देर से घर
 आया तो) - डियर अब मैं 
घर पर लॉग्ड इन हो गया हूं।
पत्नी : हार लेकर आए?
रोबोट पति : ओह  नो 
बेड कमांड..पत्नी : 
अरे! मैंने सुबह ही 
तो याद दिलाया था
रोबोट पति  मेमोरी लॉस, 
डेटा करप्ट..
पत्नी : चिढ़कर, कम से 
मेरे कपड़े तो ले 
आए ना रोबोट पति 
 सॉरी, वेरिएबल नॉट फॉउंड
पत्नी: चलो कम से कम
 अपना क्रेडिट कार्ड दे 
दो तो मैं ही ले आऊं
रोबोट पति 
शेरिंग वॉएलेशन, 
एक्सेस डिनाईड।
पत्नी: तुम क्या चीज हो
तुम मुझे प्यार करते हो 
या किसी और कंप्युटर को 
या सिर्फ मजाक कर रहे हो
रोबोट पति : टू मैनी पेरामीटर्स, 
ऑपरेशन अबोर्ट
पत्नी : मैनें सबसे बड़ी गलती 
कि जो  तुमसे शादी की....
रोबोट पति : डेटा मिसमैच
!पत्नी : तुम एकदम बेकार हो,
 टीन के डब्बे!!रोबोट पति 
 डिफॉल्ट पैरामीटर
पत्नी : हद है, कम से कम
 इतना तो बताओ कि तुम्हारे
 साथ कार में वो कौन थी
रोबोट पति सिस्टम अनस्टेबल,
 प्रैस कंट्रोल + आल्ट + डिलीट 
टू री-बूट सिस्टम
🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
पत्नी बीमार पति को 
डाक्टर के पास ले गयी.
.डाक्टर ने चेकअप के 
बाद कहा “
इनको अच्छा खाना दो,
हमेशा खुश रखो,
 घर की कोई भी प्राब्लम
 इनसे डिसकस ना करो
,फाल्तू की फरमाइशें
 करके इनकी चिंताये 
मत बढ़ाओ तो 
ये छ महीने में ठीक हो
 जायेंगे..रास्ते में पति ने 
पत्नी से पूछा “
 क्या कहा डाक्टर ने ?
”पत्नी बोली डॉक्टर 
ने साफ जवाब दे दिया है”
👻👻👻👻👻👻👻👻👻
कंजूस बाप ने बेटे को
 एक नया चश्मा दिया, 
बेटा कुर्सी पर बैठ कर 
कुछ सोच रहा था…
कंजूस बाप ने आवाज 
लगाई- क्या पढ़ रहे हो?
बेटा- जी नहीं  पिता जी
बाप- तो कुछ लिख रहे
बेटा- बेटा बोला 
 नहीं पिताजी
बाप (गुस्से से) तो फिर 
अपना चश्मा उतार क्यों 
नहीं देते?फिजूलखर्ची 
छोड़ते ही नहीं हो तुम
🧟🧟🧟🧟🧟🧟🧟🧟
लड़की अपनी सहेली से 
 यार एक पंगा हो गया है,
पहली  यार मै  बहुत खुद 
बिजी हू, दुसरी यार मम्मी ने  
आज घर जल्दी बुलाया है,
तीसरी याद है  तूने  क्या मेरी
 हेल्फ की थी उस दिन,
 चौथी सौरी डियर मुझे आज 
 क्लास मे  जरूर जाना है
, लड़का अपने दोस्तो से 
यार एक पंगा हो गया है
पहला बोल भाई कितने बन्दे 
ले कर आयु 
दूसरा  आज सारे कटेंगे 
 बस तू नाम बता भाई।
तीसरा  अबे गाडी निकाल,
 भाई का लफड़ा हो गयला रे
🧞🧞🧞🧞🧞🧞🧞🧞🧞





















Wednesday, 16 April 2025

मोदी जी को मत कोसना


ऑपरेटर : आप सुरेश जी
 बोल रहे हैं?
सुरेश : जी हाँ....
ऑपरेटर : सर,सरकार
 एयर इंडिया बेच रही है,
क्या आप खरीदने के 
इच्छुक है
सुरेश : हम तो 
छोटे आदमी हैं,
हमारी औकात कहाँ?
 ऑपरेटर: इसीलिये पहले
आपसे पूछा है। बाद 
में हल्ला मत करना कि
मोदी ने अम्बानी या 
अडानी को दे दिया।

मामाः तू सूजा क्यों पडा है
भांजा बारात में गलत 
बोल गया था कुछ
मामा ऐसा भी क्या 
बोल दिया कि सूत दिया 
लोगों ने
भांजा"वारी वरसी खटन ग्या सी 
 खटके ले आंदा तार
भगंडा तभी सजेगा,
 जब नाचे कुडी का यार...
मामा बोला भांजे 
 फिर तो सुताई  बनती है 
भांज मुझे तो सिर्फ
सुता है 
जो बंदा नाचा  था 
उसकी तो परसों तेरहवीं है 

सुबह पत्नी चाय नाश्ता
 पूछने आई, तो मैंने
 कहा बना दो।
फिर रुक कर
 पूछने लगी जी ये 
मोदी एक दिन में 
3 देश कैसे घूम 
आता है
मैंने कहाः- अगर साथ में 
बीवी न हो तो आदमी
 एक दिन में जापान
मुल्तान और पेरिस
घूमते हुए दिल्ली
 आ सकता है.. 
वरना D Mart मे
 ही शाम हो जाती है
बस उसके बाद ना 
चाय आई ना नाश्ता ।

एक पागल भैंस के 
ऊपर बैठकर घूम रहा था।
दूसरा पागल बोला 
 तुझे पुलिस. पकड़ेगी।
पहला पागल : क्यों?
दूसरा पागल अबे
 हेल्मेट नहीं पहना।
 पहला पागल 
अबे नीचे देख,
 four व्हीलर है।

जल्दी का काम 
शैतान का होता है
ऐसा बड़े बुजुर्ग कहते
है इसलिए में हर काम 
लेट करता हु। सोता भी
 लेट हु और उठता भी
 लेट हु। मोबाइल भी 
लेट के ही चलाते हु

एक आदमी अपने
 ससुराल गया, उसकी
 सास ने चारों दिन 
तक उसे खाने में साग
 खिलाया। फिर पांचवें दल
दिन जब वह वापिस
जाने को तैयार हुआ
तो सास  ने 
 पूछा, "बेटा, क्या 
खाओगे?" *
 आदमी: "खेत दिखा
दो खुद ही चर 
कर आ जाऊंगा 

कौन कहता है 
कि लड़के  भविष्य 
दर्शी नहीं होते 
,सोचते नहीं है 
 एक बार लड़की
,बस मुस्कुरा कर 
तो देख ले शादी
के सूट 
 के रंग से लेकर 
बच्चे के नाम
तक साच लेते हैं।

ताजा ताजा बने 
पति पत्नी एक 
दूसरे की आंखों में 
आंखें डाल कर 
एक ही 
प्लेट में गोल गप्पे
 खा रहे थे।
पत्नी ने रोमांटिक
होकर पूछा, "ऐसे क्या
देख रहे हो
 जी?" पति
बोला'थोड़ा आराम 
से हमारी तो बारी
ही नहीं आ रही है

पत्नी बोली  मेरी 
सहेली कह रही थी
 कि उसे भी हमारे 
 बेटे जैसा ही बेटा 
चाहिये ! (पति खुशी 
छुपाते हुए
हां तो क्या हुआ,
 रात को बुला लो
 उसे, कमरे में 
 गहन सन्नाटा ,
सन्नाटा तब ओर
 गहरा गया
जब पत्नी बोली 
 पर मैने तो उसे
शर्मा जी के यहाँ
 भेज दिया। 
सन्नाटा  अब ख़त्म 
ही नहीं हो रहा।

वकील ने कटघरे में
 खड़ी  निहायत ही 
खूबसूरत युवती से 
पूछा परसों रात  जब तुम्हारे
पति का अपहरण हुआ 
तुम कहाँ थी..?
युवती ने सच बोलने
 के ही भलाई  समझी 
,अपने पड़ोसी के
 साथ oyo गई थी
 वकील ने दूसरा 
सवाल पूछा- "और कल रात..
युवती में  एक दूसरे 
पड़ोसी के साथ.
दूसरे oyo गई थी
वकील ने धीरे से 
पूछाऔर आज 
का तुम्हारा क्या कार्यक्रम है.
दूसरा वकील चिल्लाया
ऑब्जेक्शन मी लॉर्ड.
यह सवाल मैंने 
पहले ही कर लिया है..

3 दोस्त खूब पिए 
हुए टली ओवर लोडेड 
ऑटो  में बैठ जाते है
ओटो वाला समझ 
जाता है कि ये  
दुखी करेंगे  इसलिये
 वो बस इंजन चालू
 करके तीन  मिनट 
बाद  बंद कर देता है, 
और कहता है हम 
पहुँच गये भाइयों 
पहला दोस्त उसे 
पैसे देता है...
दूसरा उसे थैंक्स
 कहता है.
और तीसरा वाला उसका 
कॉलर पकड़ लेता है
ओटो वाला घबरा
 जाता है कि वो 
फंस गया अब तो तभी 
तीसरा गुस्से से 
बोलता है अबे
 रिक्शा धीरे चलाना था
ओर कहीं
 एक्सीडेंट हो 
जाता तो

दो लोग बार में
 दारू पी रहे थे
 ,एक को कुछ
 ज्यादा ही चढ़ गई 
,वो दूसरे से बोलता  
है ,यार तेरी मां 
बहुत सुंदर है 
मुझे बहुत अच्छी
 लगती है... मरता ●
 हूँ उस पर... , आज 
भी जान दे सकता हु 
उसके लिए इस उम्र 
में भी एकदम हीरोइन दिखती हैं।
बार में एक
 दम सन्नाटा. छा 
जाता है . लोग को 
लगा अब  तगड़ा 
लफड़ा होगा।
तभी दूसरा उठा
 और बोला-घर 
चलो पापा आपको 
दारु चढ़ गई है...

एक अफ्रीकन 
जो हिंदी जानता था
 ,बस में अपने बच्चे 
को ले कर चढ़ता है
 और एक सीट
 पर बैठ जाता है 
कंडक्टर उसका 
बच्चा देखकर कहता
 है : इतना भयंकर 
काला बच्चा 
मैंने आज तक 
नहीं देखा.
अफ्रीकन को गुस्सा 
 तो बहुत आता है
 लेकिन वो कुछ 
नहीं बोलता और 
सीट पर चुप 
चाप गुस्से में
 बैठा रहता है 
उसके साथ minku
 आ कर बैठता है 
Minku ने उससे पूछता
 हैं क्या हुआ 
भाई साहब..
अफ्रीकन minku  से 
कहता है अरे
 यार, उस कंडक्टर 
ने बेइज्जती कर दी.. 
Minku : अरे मार 
साले को जाकर...!!
ला ये चिम्पांजी का 
बच्चा मुझे पकड़ा 
दे  काटेगा तो नहीं..