Friday, 20 June 2025

इजरायल को बर्बाद कर दिया

नमस्कार दोस्तों यह शब्द अब केवल गुस्से का इजहार नहीं है यह ऐलान ए जंग है जहां पर ईरान की राजधानी तेहरान से लेकर सीरिया यमन और लेबनान तक आग में धदधक रहा है और इस आग में झुलस रहा है इजराइल का आत्मविश्वास और अमेरिका की विश्वसनीयता इसीलिए दोस्तों आज की इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे वो ताजा घटनाएं जो इजराइल और अमेरिका की नींद उड़ा चुकी हैं लेकिन दोस्तों उससे पहले गुजारिश है hmari videos लाइक करें शेयर करें और btaye  इस युद्ध का असली गुनहगार कौन है दोस्तों ईरान ने बीती रात एक बार फिर इजराइल की निम हिला दी जहां पे तेल अवीव हैफा और ऐशदौड़ पर एक साथ 100 से

 ज्यादा मिसाइलें दागी गई फिर इजरायली डिफेंस सिस्टम आयरन डोम इस बार लड़खड़ा गया जहां पे तीन बड़े एयरबेस तबाह हो चुके हैं और एक अघोषित खबर यह भी है कि नेतन्या का वॉर रूम बदल दिया गया है क्योंकि मौजूदा लोकेशन अब सुरक्षित नहीं रही जहां पर डोनाल्ड ट्रंप जिन्होंने कुछ ही दिन पहले कहा था हम ईरान को सबक सिखाएंगे अब खुद अमेरिका की जनता के सवालों से बचते फिर रहे हैं जहां पे वाइट हाउस के प्रेस रूम में एक रिपोर्टर ने पूछ 
लिया जब गाजा के बच्चों पर बम गिरते थे तब आप चुप क्यों थे तो जवाब नहीं आया सिर्फ एक सन्नाटा रहा इसीलिए ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने अब साफ कर दिया है कि हम जवाब नहीं देंगे अब हम हिसाब लेंगे इसलिए बीती रात एक बेहद सटीक ऑपरेशन में इजराइल के उत्तरी क्षेत्र में स्थित मोंट हार्मोन एयरबेस पर हमला किया गया और यह वही बेस है जहां से पिछले महीने गाजा पर हमला हुआ था जहां पर बेंजामिन
 नेतन्याहू जो टीवी पर रोज कहते थे हम ईरान से नहीं डरते अब वह खुद अपने बंकर से बाहर नहीं निकल पा रहे और उनकी पत्नी और बच्चे एक गुप्त ठिकाने पर भेज दिए गए हैं जहां पर यह जानकारी किसी ईरानी टीवी चैनल ने सार्वजनिक की जहां पे सबसे बड़ी खबर यह है कि आज पहली बार यूएन जनरल असेंबली में 38 देशों ने इजराइल के खिलाफ प्रस्ताव पास किया तो
 इस्लामिक देशों का संगठन ओइक तो पहले ही खुलकर साथ था अब रूस चीन और यहां तक कि कुछ यूरोपीय देशों ने भी ईरान के पक्ष में स्वर उठाया है जहां पे गाजा में इस समय हालात नरक से भी बदतर हैं जहां पे 5000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जिनमें से 70% बच्चे और महिलाएं हैं और ईरान ने इन मौतों को इंसानियत की हत्या कहा है इसीलिए जब तक एक भी मासूम का खून जमीन पर है नेतन्या जिंदा नहीं बचेंगे जहां पे अमेरिका ने दो एयरक्राफ्ट कैरियर भेजे हैं जो मिडिल ईस्ट में लेकिन ईरान ने साफ कह दिया है अगर हमारी सीमाएं पार की गई तो यह जंग तेल और हथियारों की नहीं इतिहास की होगी जहां पे इतिहास ने साबित किया है कि ईरान हार नहीं मानता अब सवाल यह है क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की आहट है क्योंकि इजराइल ने अब लेबनान की सीमा पर हमला शुरू कर दिया है और सीरिया में अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइलें बरसी हैं और यमन में हू विद्रोहियों ने एक अमेरिकी युद्धपोत को टारगेट किया है इसलिए आज नेतन्या का नाम इतिहास में उस नेता के रूप में दर्ज हो रहा है जिसने नफरत बोई और अब वही नफरत उसका सर्वनाश कर रही है इसीलिए उनकी इकोनॉमी चौपट हो चुकी है और डॉलर के मुकाबले शेकेल की कीमत गिर गई है और सबसे बड़ा झटका अमेरिकी कंपनियों ने इजराइल से कारोबार समेटना शुरू कर दिया अमेरिका ने आज फिर कोशिश की साइबर अटैक करके ईरान के कम्युनिकेशन सिस्टम को ठप करने की लेकिन उल्टा हुआ ईरान ने अमेरिका के दो फाइटर ड्रोन को हैक कर लिया और वापस भेज दिया वह भी एक नोट के साथ यह लो तुम्हारा सामान वापस अगली बार भेजोगे जवाब तुम्हारी जमीन पर मिलेगा इसलिए वाइट हाउस में खलबली मच गई है सिया और एनएसए को अब अंदाजा हो गया है ईरान अब वो पिछला ईरान नहीं जो सिर्फ बयान देता था अब वह जंग की हर भाषा समझता है जहां पे आज पहली बार अन में 38 देशों ने इजराइल के खिलाफ प्रस्ताव पास किया जहां पर अमेरिका ने वीटो किया लेकिन बाकी देशों ने संयुक्त रूप से कहा अब बस बहुत हो गया मासूमों की हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ब्राजील अर्जेंटीना यहां तक कि फ्रांस और इटली तक ने कहा इस बार ईरान गलत नहीं है जहां पर यह बदलती राजनीति का संकेत है जहां पहले इजराइल को आंख बंद करके समर्थन मिलता था अब सवाल पूछे जा रहे हैं जहां पर सीरिया में अमेरिकी ठिकाने पर मिसाइलें गिरी यमन के हुथ विद्रोहियों ने एक अमेरिकी युद्धपोत को निशाना बनाया और अब लेबनान से हिजबुल्लाह ने इजराइल के तीन शहरों पर रॉकेट बरसाए जहां पर हर तरफ आग हर तरफ गुस्सा और नेतन न्याहू के पास कोई रास्ता नहीं इसीलिए अमेरिका भी हिचकिचा रहा है क्योंकि वह जानता है इस बार दुश्मन कमजोर नहीं मजबूत है इसीलिए अगर अब एक चिंगारी और लगी तो अगला अध्याय विश्व युद्ध का होगा इसीलिए दोस्तों यह जंग अब सिर्फ बमों की नहीं सच्चाई और झूठ की है और दुनिया देख रही है और इतिहास गवाही देगा इसीलिए इस रिपोर्ट को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाइए और कमेंट करके बताइए क्या आपको लगता है कि नेतन न्याहू अब बच पाएगा और क्या अमेरिका वाकई ईरान से टकराने का साहस करेगा

ईरान-इजरायल तनाव: "दिन को रात बना देंगे" का सच और नवीनतम घटनाक्रम


ईरान-इजरायल तनाव: "दिन को रात बना देंगे" का सच और नवीनतम घटनाक्रम
ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है, और ईरान द्वारा कथित तौर पर दिए गए बयान "दिन को रात बना देंगे" ने वैश्विक मंच पर हलचल मचा दी है। यह बयान इजरायल पर जवाबी हमले और अमेरिका को चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। आइए, इस पूरे घटनाक्रम और इसमें हुए ताजा अपडेट्स पर एक विस्तृत नज़र डालते हैं।
ईरान का आक्रामक रुख: शुरुआत या अंजाम?
ईरान लगातार इस बात पर ज़ोर दे रहा है कि इजरायल के खिलाफ़ उसकी कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है और जब तक बेंजामिन नेतन्याहू घुटनों पर नहीं आ जाते, यह जारी रहेगी। ईरान का दावा है कि उसने न सिर्फ इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय को निशाना बनाया है, बल्कि इजरायल की तेल रिफाइनरियों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही, ईरान ने F-35 फाइटर जेट को मार गिराने का भी दावा किया है और इसके सबूत भी पेश करने की बात कही है।
ट्रंप और नेतन्याहू पर सीधा हमला
ईरान ने सीधे तौर पर डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू को उनके "अत्याचारों" और गाजा में "मासूमों के नरसंहार" के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ईरान का कहना है कि जब गाजा में मासूमों की लाशें बिछ रही थीं, तब ट्रंप चुप थे और गाजा पर कब्जे की बात करते थे। ईरान ने साफ किया है कि यह युद्ध अन्याय के खिलाफ है और तब तक जारी रहेगा जब तक जुल्म मिटा नहीं दिया जाता।
अमेरिका का दखल और ईरान की चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिकी फाइटर प्लेन भेजने की खबरों के बावजूद, ईरान का कहना है कि उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। ईरान ने साफ कर दिया है कि उसके ड्रोन और मिसाइलें तैयार हैं और अगर अमेरिका ने हस्तक्षेप किया, तो उसे भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। खामेनी का कथित आदेश "दिन में रात कर दो" और "हर दिशा से तबाही बरपाओ" इस बात का संकेत है कि ईरान किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
नवीनतम अपडेट्स (जून 2025 तक):
 * संयुक्त राष्ट्र में तीखी बहस: ईरान के इन दावों और इजरायल-गाजा में बिगड़ती स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कई आपातकालीन बैठकें हुई हैं। ईरान ने गाजा में युद्ध अपराधों की जांच की मांग की है, जिसे कई मुस्लिम देशों का समर्थन मिला है।
 * अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के प्रयास: कई यूरोपीय देश, खासकर फ्रांस और जर्मनी, इस तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने दोनों पक्षों से संयम बरतने और वार्ता की मेज पर आने का आग्रह किया है।
 * वैश्विक तेल बाजारों पर असर: इजरायल की तेल रिफाइनरियों पर कथित ईरानी हमलों की खबरों के बाद वैश्विक तेल कीमतों में अस्थिरता देखी गई है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह संघर्ष बढ़ता है, तो तेल आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ सकता है।
 * इजरायल का पलटवार: इजरायल ने ईरान के दावों को खारिज करते हुए अपनी सैन्य ताकत को और मजबूत करने की बात कही है। इजरायली सूत्रों का कहना है कि वे किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं और उन्होंने अपनी वायु रक्षा प्रणाली को हाई अलर्ट पर रखा है।
 * मानवीय संकट में वृद्धि: गाजा पट्टी में मानवीय संकट लगातार गहरा रहा है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने भोजन, पानी और चिकित्सा आपूर्ति की भारी कमी की चेतावनी दी है। कई अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों ने क्षेत्र में मानवीय गलियारा खोलने की मांग की है।
 * साइबर युद्ध की आशंका: विशेषज्ञों का मानना है कि सैन्य संघर्ष के साथ-साथ साइबर युद्ध की आशंका भी बढ़ गई है। दोनों पक्ष एक-दूसरे के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को साइबर हमलों से निशाना बनाने का प्रयास कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
ईरान और इजरायल के बीच की यह स्थिति बेहद नाजुक है। ईरान के आक्रामक बयान और सैन्य कार्रवाई के दावों ने क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ा दी है। बेंजामिन नेतन्याहू और डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ़ ईरान का सीधा हमला इस बात का संकेत है कि वह किसी भी दबाव में झुकने को तैयार नहीं है। मुस्लिम देशों का ईरान के समर्थन में आना और ओआईसी द्वारा अमेरिका के दोहरे मापदंड पर सवाल उठाना इस संघर्ष को एक व्यापक क्षेत्रीय आयाम दे रहा है। आने वाले दिन मध्य पूर्व की भू-राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, और यह देखना होगा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस बढ़ते तनाव को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है। हमारी इस रिपोर्ट पर पल-पल की नजर बनी हुई है 
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