Friday, 20 June 2025

ईरान-इजरायल तनाव: "दिन को रात बना देंगे" का सच और नवीनतम घटनाक्रम


ईरान-इजरायल तनाव: "दिन को रात बना देंगे" का सच और नवीनतम घटनाक्रम
ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है, और ईरान द्वारा कथित तौर पर दिए गए बयान "दिन को रात बना देंगे" ने वैश्विक मंच पर हलचल मचा दी है। यह बयान इजरायल पर जवाबी हमले और अमेरिका को चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। आइए, इस पूरे घटनाक्रम और इसमें हुए ताजा अपडेट्स पर एक विस्तृत नज़र डालते हैं।
ईरान का आक्रामक रुख: शुरुआत या अंजाम?
ईरान लगातार इस बात पर ज़ोर दे रहा है कि इजरायल के खिलाफ़ उसकी कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है और जब तक बेंजामिन नेतन्याहू घुटनों पर नहीं आ जाते, यह जारी रहेगी। ईरान का दावा है कि उसने न सिर्फ इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय को निशाना बनाया है, बल्कि इजरायल की तेल रिफाइनरियों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही, ईरान ने F-35 फाइटर जेट को मार गिराने का भी दावा किया है और इसके सबूत भी पेश करने की बात कही है।
ट्रंप और नेतन्याहू पर सीधा हमला
ईरान ने सीधे तौर पर डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू को उनके "अत्याचारों" और गाजा में "मासूमों के नरसंहार" के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ईरान का कहना है कि जब गाजा में मासूमों की लाशें बिछ रही थीं, तब ट्रंप चुप थे और गाजा पर कब्जे की बात करते थे। ईरान ने साफ किया है कि यह युद्ध अन्याय के खिलाफ है और तब तक जारी रहेगा जब तक जुल्म मिटा नहीं दिया जाता।
अमेरिका का दखल और ईरान की चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिकी फाइटर प्लेन भेजने की खबरों के बावजूद, ईरान का कहना है कि उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। ईरान ने साफ कर दिया है कि उसके ड्रोन और मिसाइलें तैयार हैं और अगर अमेरिका ने हस्तक्षेप किया, तो उसे भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। खामेनी का कथित आदेश "दिन में रात कर दो" और "हर दिशा से तबाही बरपाओ" इस बात का संकेत है कि ईरान किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
नवीनतम अपडेट्स (जून 2025 तक):
 * संयुक्त राष्ट्र में तीखी बहस: ईरान के इन दावों और इजरायल-गाजा में बिगड़ती स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कई आपातकालीन बैठकें हुई हैं। ईरान ने गाजा में युद्ध अपराधों की जांच की मांग की है, जिसे कई मुस्लिम देशों का समर्थन मिला है।
 * अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के प्रयास: कई यूरोपीय देश, खासकर फ्रांस और जर्मनी, इस तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने दोनों पक्षों से संयम बरतने और वार्ता की मेज पर आने का आग्रह किया है।
 * वैश्विक तेल बाजारों पर असर: इजरायल की तेल रिफाइनरियों पर कथित ईरानी हमलों की खबरों के बाद वैश्विक तेल कीमतों में अस्थिरता देखी गई है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह संघर्ष बढ़ता है, तो तेल आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ सकता है।
 * इजरायल का पलटवार: इजरायल ने ईरान के दावों को खारिज करते हुए अपनी सैन्य ताकत को और मजबूत करने की बात कही है। इजरायली सूत्रों का कहना है कि वे किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं और उन्होंने अपनी वायु रक्षा प्रणाली को हाई अलर्ट पर रखा है।
 * मानवीय संकट में वृद्धि: गाजा पट्टी में मानवीय संकट लगातार गहरा रहा है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने भोजन, पानी और चिकित्सा आपूर्ति की भारी कमी की चेतावनी दी है। कई अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों ने क्षेत्र में मानवीय गलियारा खोलने की मांग की है।
 * साइबर युद्ध की आशंका: विशेषज्ञों का मानना है कि सैन्य संघर्ष के साथ-साथ साइबर युद्ध की आशंका भी बढ़ गई है। दोनों पक्ष एक-दूसरे के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को साइबर हमलों से निशाना बनाने का प्रयास कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
ईरान और इजरायल के बीच की यह स्थिति बेहद नाजुक है। ईरान के आक्रामक बयान और सैन्य कार्रवाई के दावों ने क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ा दी है। बेंजामिन नेतन्याहू और डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ़ ईरान का सीधा हमला इस बात का संकेत है कि वह किसी भी दबाव में झुकने को तैयार नहीं है। मुस्लिम देशों का ईरान के समर्थन में आना और ओआईसी द्वारा अमेरिका के दोहरे मापदंड पर सवाल उठाना इस संघर्ष को एक व्यापक क्षेत्रीय आयाम दे रहा है। आने वाले दिन मध्य पूर्व की भू-राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, और यह देखना होगा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस बढ़ते तनाव को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है। हमारी इस रिपोर्ट पर पल-पल की नजर बनी हुई है 
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