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Friday, 20 June 2025
इजरायल को बर्बाद कर दिया
ईरान-इजरायल तनाव: "दिन को रात बना देंगे" का सच और नवीनतम घटनाक्रम
Wednesday, 18 June 2025
"शांति की तलाश – लेकिन शर्तों के साथ!" ईरान इजरायल वर्ल्ड वार 3
🕊️ "शांति की तलाश – लेकिन शर्तों के साथ!"
मध्य पूर्व एक बार फिर सुलग रहा है। रॉकेट, ड्रोन, और धमाकों के बीच… एक देश ऐसा है, जो जंग नहीं चाहता, लेकिन झुकेगा भी नहीं।
ईरान — एक ऐसा मुल्क जिसे दुनिया सिर्फ न्यूक्लियर प्रोग्राम से जानती है, लेकिन असल में वो अब बातचीत की टेबल पर लौटना चाहता है।
लेकिन इस बार... बिना शर्त नहीं।
इस बार ईरान की आवाज़ साफ़ है —
“हम शांति चाहते हैं, लेकिन सम्मान के साथ।”
🛑 शर्त क्या है?
ईरान का कहना है:
“अगर अमेरिका इस लड़ाई में सीधा कूदता है, तो कोई बातचीत नहीं होगी।”
“अगर इज़रायल के हमले बंद नहीं होते, तो हम भी चुप नहीं रहेंगे।”
मतलब साफ है — ईरान अब मजबूरी में नहीं, मजबूती से बात करना चाहता है।
🤝 मध्यस्थ कौन हैं?
खाड़ी के देश — ओमान और कतर, जो हमेशा बैकडोर डिप्लोमेसी में माहिर रहे हैं, अब अमेरिका और इजरायल को सिग्नल दे रहे हैं:
“अब वक्त है बातचीत का, ना कि बमबारी का।”
🌍 दुनिया का रुख क्या है?
-
यूरोपीय देश कह रहे हैं – "ईरान वार्ता में लौटे।"
-
लेकिन ईरान का जवाब है – "पहले बम बरसने बंद हों।"
-
तेल के दाम गिर रहे हैं, शेयर बाजार में उछाल है — क्योंकि दुनिया को भी उम्मीद है कि शब्दों की ताकत मिसाइल से ज्यादा असर करेगी।
🔚 और निष्कर्ष...
ये सिर्फ एक कूटनीतिक खबर नहीं, ये एक मैसेज है —
कोई भी देश कमजोर नहीं होता, जब तक उसका आत्मसम्मान ज़िंदा होता है।
ईरान ने लड़ाई के बीच से आवाज़ दी है:
“हम बातचीत करेंगे, लेकिन शर्तें हमारी होंगी, सिर्फ तुम्हारी नहीं।”
🎥 वीडियो टाइटल (YouTube/Shorts के लिए):
🔴 ईरान की धमाकेदार चेतावनी: अब न्यूक्लियर डील शर्तों पर होगी!
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AX-271: एक उड़ान... जो लौटकर न आ सकी"
AX-271: एक उड़ान... जो लौटकर न आ सकी"
Based on Real Incident | 16 जून 2025
: एक आम सुबह का असामान्य दिन
16 जून 2025, सोमवार की सुबह।
अहमदाबाद एयरपोर्ट… रोज़ की तरह हल्की गर्मी, धूप से चमकती रनवे, टैक्सीवालों की आवाज़ें, सुरक्षा जांच में लगी लंबी कतारें।
सब कुछ सामान्य था – कम से कम ऊपर से।
एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट AX-271 जयपुर के लिए तैयार थी। टेक-ऑफ का समय – सुबह 8:45।
यात्रियों में हर तरह के लोग थे –
कोई अपनों से मिलने जा रहा था,
कोई काम से,
कोई प्यार में,
तो कोई... पहली बार आसमान छूने की ख्वाहिश में।
🔸 रवि – 10 साल का बच्चा, पहली बार जहाज़ में बैठा। खिड़की के बाहर झांकता, हर बादल को छूना चाहता था।
🔸 सुहानी – नई दुल्हन, पहली बार ससुराल लौट रही थी। उसकी चूड़ियों की खनक जैसे पूरे जहाज में बज रही थी।
🔸 बाबू खान – 64 साल के बुज़ुर्ग, अपनी बेटी से मिलने जा रहे थे – पांच साल बाद।
और पायलट सीट पर थे – कैप्टन विनोद राठौड़, 20 वर्षों का अनुभव, 5000 घंटे की उड़ान।
"सभी यात्रियों से निवेदन है कि सीट बेल्ट बांध लें..."
घंटी बजी, इंजन गरजे, और फ्लाइट AX-271 रनवे पर दौड़ी।
चेतावनी आसमान से
8:52 AM – टेकऑफ के सिर्फ 7 मिनट बाद, कॉकपिट से संदेश आता है:
“इंजन 2 में असामान्य कंपन देखा जा रहा है।”
कंट्रोल टावर को सूचना दी गई। रिटर्न की अनुमति मिली।
पर हालात बिगड़ते जा रहे थे।
इंजन नंबर 2 बंद हो गया था।
प्लेन असंतुलित होने लगा।
कैप्टन विनोद ने लैंडिंग की कोशिश की – हंसपुरा गांव के पास एक खेत की ओर।
अंदर… खामोशी थी।
🔹 किसी ने भगवान को याद किया
🔹 किसी ने बच्चों की तस्वीर को सीने से लगाया
🔹 किसी ने जेब से फोन निकाल आख़िरी मैसेज भेजा –
“माँ… माफ करना… प्यार करता हूँ… शायद अब न मिल सकूं…”
जब आसमान टूटा
9:02 AM
प्लेन ज़मीन से टकराया।
धड़ाम!
एक तेज़ धमाका, धुआँ, आग की लपटें…
हर तरफ चीखें, भगदड़, और एक अनकही तबाही।
गांव वाले दौड़े – कुछ पानी लेकर, कुछ दुआओं के साथ।
🔻 रवि का स्कूल बैग – वहीं पड़ा था, अंदर क्रेयॉन्स अब राख बन चुके थे।
🔻 उसकी माँ अस्पताल में जली हालत में – बार-बार बेटे का नाम पुकारती थी।
🔻 सुहानी की चूड़ियाँ – अब टूट चुकी थीं। उसका पति बेहोश हो गया, बस एक ही सवाल –
“कहां गई मेरी सुहानी…?”
🔻 बाबू खान की बेटी – अस्पताल की गलियों में दौड़ती रही,
“अब्बू… आप ऐसे कैसे जा सकते हैं...?”
सिर्फ मातम नहीं, सबक भी
सरकार ने जांच बैठाई, ₹10 लाख मुआवजे का ऐलान किया…
पर क्या कोई कीमत उस मासूम हँसी की भरपाई कर सकती है?
नहीं।
पूरे देश ने वो दृश्य देखा:
📺 जलता हुआ विमान
📺 खून से लथपथ ज़मीन
📺 तड़पते परिजन, और
📺 टूटे हुए सपनों की राख
समापन: स्मृति स्थल और वो एक पंक्ति
आज, हंसपुरा गांव के उस खेत में एक स्मारक है।
एक पत्थर पर लिखा है:
“यहां वो सपने गिरे, जो उड़ना चाहते थे।”
पायलट राठौड़ की तस्वीर के नीचे खुदा है:
"उन्होंने आख़िरी सांस तक प्रयास किया।"
अंतिम विचार – जो हर दिल को झकझोर दे:
🕊️ ज़िंदगी बहुत नाज़ुक है।
🕊️ हर सफर अनिश्चित है।
🕊️ और हर अलविदा... शायद आख़िरी भी हो।
तो जब अगली बार किसी को गले लगाओ…
तो पूरे दिल से लगाना।
जब अगली बार किसी को अलविदा कहो…
तो मुस्कुरा कर कहना।
क्योंकि…
कभी-कभी एक उड़ान… पूरी ज़िंदगी बदल देती है।
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यहाँ एयर इंडिया विमान दुर्घटना (अहमदाबाद, 12 जून 2025) से जुड़ी ताज़ा हिंदी में जानकारी दी गई है:
यहाँ एयर इंडिया विमान दुर्घटना (अहमदाबाद, 12 जून 2025) से जुड़ी ताज़ा हिंदी में जानकारी दी गई है:
🛫 दुर्घटना की पूरी घटना
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एयर इंडिया की बोइंग 787‑8 ड्रीमलाइनर फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेक-ऑफ के कुछ मिनटों बाद ही क्रैश हो गई।
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विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास एक स्टूडेंट हॉस्टल पर गिरा।
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दुर्घटना में कुल 270 लोगों की मौत हुई – 241 विमान में सवार और 29 ज़मीन पर मौजूद लोग।
👤 इकलौता जीवित बचा व्यक्ति
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40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वेशकुमार रमेश इस हादसे में अकेले जीवित बचे।
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वह विमान के आपातकालीन दरवाजे के पास बैठे थे और उसी से बाहर निकलकर चमत्कारी रूप से बच गए।
🛡️ पायलट की बहादुरी
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कैप्टन सुमीत सभरवाल ने दुर्घटना से ठीक पहले मेडे कॉल (आपातकालीन संदेश) भेजा और विमान को भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र से हटाकर एक हॉस्टल की तरफ मोड़ा।
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उन्हें "हीरो पायलट" कहा जा रहा है – जिन्होंने ज़्यादा जानें बचाने के लिए खुद की कुर्बानी दी।
📦 जांच और ब्लैक बॉक्स
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विमान का ब्लैक बॉक्स (डेटा रिकॉर्डर और वॉइस रिकॉर्डर) मिल चुका है।
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भारत, अमेरिका और ब्रिटेन की संयुक्त जांच एजेंसियाँ मिलकर इसकी जाँच कर रही हैं।
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प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिले हैं कि टेकऑफ के वक्त इंजन पावर में समस्या आई थी।
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विमान के इमरजेंसी पावर सिस्टम के एक्टिव रहने के भी प्रमाण मिले हैं।
📹 वीडियो और मानवीय पीड़ा
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सीसीटीवी और मोबाइल वीडियो में देखा गया कि हादसे के बाद छात्र हॉस्टल से भागते नज़र आए।
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बचा हुआ यात्री आपातकालीन दरवाजे से निकलता दिखा, बिल्कुल शांत मन से।
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मुंबई में कैप्टन सुमीत का अंतिम संस्कार हुआ, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
🚨 अब क्या होगा?
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एयर इंडिया ने कई ड्रीमलाइनर विमानों को अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिया है।
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बोइंग पर भी दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि यह ड्रीमलाइनर का पहला बड़ा फेटल क्रैश है।
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अगले 2-3 महीनों में विस्तृत रिपोर्ट आने की उम्मीद है, जिससे यह साफ होगा कि असल वजह क्या थी – तकनीकी खराबी, मानवीय चूक या कुछ और।
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Friday, 13 June 2025
plane crashed in ahemdabad
Here’s a comprehensive overview of the Air India Flight AI 171 crash in Ahmedabad:
🛩️ What happened
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Flight details: On June 12 2025 at 13:38 IST, Air India flight AI 171 (Boeing 787‑8 Dreamliner, tail VT‑ANB) departed Sardar Vallabhbhai Patel International Airport (Ahmedabad) en route to London Gatwick (en.wikipedia.org).
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Crash: Just under 30 seconds after takeoff, at an altitude of about 625 ft, the aircraft stalled, descended, and crashed into a students' hostel and doctors' quarters at B.J. Medical College, Meghaninagar neighbourhood (en.wikipedia.org).
⚠️ Casualties & Survivor
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Onboard: 242 occupants (230 passengers, 12 crew). Tragically, 241 lost their lives; one passenger survived — Viswashkumar Ramesh, a British-Indian in seat 11A (en.wikipedia.org).
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Ground casualties: At least 28 people were killed on the ground, with dozens more injured, including students in the hostel courtyard (en.wikipedia.org).
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Total: Minimum 269 fatalities and 60+ injuries (en.wikipedia.org).
👤 Survivor’s account
Viswashkumar Ramesh survived miraculously. He described the plane struggling to climb, lights flickering, and impact on the building. Seat 11A landed on the ground floor with enough space after the door was sheared off. He unbuckled and escaped through the opening (npr.org).
🔍 Investigation & Technical Focus
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Black boxes: The Flight Data Recorder (FDR) was recovered June 13; the Cockpit Voice Recorder (CVR) status is pending (apnews.com).
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Primary areas under review: Engine thrust, flap configuration, landing gear position, and weight/temperature input variables (apnews.com).
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Regulatory actions: The DGCA ordered one-time take-off parameter checks and enhanced inspections across all Air India Boeing 787‑8/9s using GE GEnx engines starting June 15 (reuters.com).
📱 Response & Aftermath
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Rescue efforts: NDRF, CRPF, army, CISF, municipal teams, and sniffer dogs mobilized for search, recovery, and medical support (en.wikipedia.org).
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Identification: Bodies badly charred, DNA profiling underway; crash site visited by PM Modi, who met the survivor and expressed deep sorrow (apnews.com).
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Air India & Boeing: Air India (now under Tata) pledged full cooperation and support. Boeing, GE Aerospace, and U.S. agencies are assisting investigation (reuters.com).
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Global response: Leaders in India and the UK conveyed condolences. Boeing’s stock dropped ~5% after the crash (reuters.com).
📋 Flight & Aircraft specifics
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Route: Ahmedabad → London Gatwick.
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Aircraft: Boeing 787‑8 Dreamliner, delivered in 2014. The first fatal crash of a 787 since entering service in 2009
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Occupants: 169 Indians, 53 British, 7 Portuguese, 1 Canadian on board
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India’s worst single-plane air disaster — 269+ killed.
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Boeing 787’s first fatal crash, raising safety concerns.
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Survivor escape highlights the chaos and fragility of the accident.
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Investigation led by India’s AAIB, with international cooperation.
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Regulatory response may impact fleet inspections and future operations.
survival of a man in ahemdabad plane crash ,a great miracle
Friday, 6 June 2025
Errol Musk in India: Elon Musk’s Father Praises Lord Shiva, Hinduism, and PM Modi's Leadership
“From Doctor to Fraud Kingpin? The Shocking $149M Scam of Tonmoy Sharma”
🎬
“From Doctor to Fraud Kingpin? The Shocking $149M Scam of Tonmoy Sharma”
🎙️ Opening Hook
"He was once a respected psychiatrist, born in the quiet corners of Assam, India. A man who dreamt of healing minds... but now finds himself in a U.S. jail, accused of running one of the biggest healthcare frauds in recent history. The amount? A staggering $149 million. This... is the rise and fall of Dr. Tonmoy Sharma."
📜 Act 1: From Assam to America (00:30 -
Tonmoy Sharma was born in Guwahati, Assam. He completed his MBBS from Dibrugarh University in 1987 and obtained a medical license in the UK a year later. A promising psychiatrist with a sharp mind and bigger dreams, he moved to the United States.
But Sharma wasn't just here to heal patients. He was here to build an empire — and that empire came at a cost.
🏥 Act 2: The Empire of Sovereign Health
In 2011, Sharma launched Sovereign Health Group in Southern California — a chain of mental health and addiction treatment centers.
On paper, it was a mission-driven organization. Behind the scenes, it was a well-oiled fraud machine. Patients checked in for help. But their names... were being used for something far more sinister.
💰 Act 3: The $149 Million Fraud Scheme
Between 2014 and 2020, Sharma and his co-conspirators:
-
Filed $149 million in false insurance claims
-
Paid $21 million in illegal kickbacks to doctors and treatment brokers
-
Enrolled patients into insurance plans without their knowledge, using a fake “charity” story
-
Billed insurance companies $29 million for unnecessary and unauthorized urine tests
Patients were misled. Insurance companies were drained. And Sharma's personal wealth skyrocketed.
🕵️♂️ Act 4:
In 2017, suspicions reached the FBI. Investigators raided Sovereign Health’s headquarters in San Clemente, Sharma’s home in San Juan Capistrano, and other facilities. Evidence piled up — emails, invoices, insurance data, and shocking testimonies.
By 2018, the Sovereign Health empire collapsed. But Sharma had disappeared from the spotlight.
Until May 29, 2025 — when U.S. authorities arrested him at Los Angeles International Airport, just as he was trying to leave the country.
⚖️ 08:00)
Sharma now faces 8 serious federal charges — including wire fraud, conspiracy, and paying illegal kickbacks.
If convicted, he could face decades in prison.
His co-defendant, Paul Jin Sen Khor, is set to stand trial in July 2025.
The message is clear: no matter how big the scam, justice catches up — even with those who wear a doctor’s coat.
🎯
"Was Tonmoy Sharma a healer who lost his way? Or a businessman who used healthcare as a mask for greed? Either way, his story is a chilling reminder of what happens when the pursuit of profit overtakes the oath to serve."
📌
"Doctor or Fraudster? Indian-Origin Tycoon Arrested in $149 Million U.S. Healthcare Scam"
📌
Tonmoy Sharma, an Indian-origin psychiatrist and founder of Sovereign Health, has been arrested in the U.S. for orchestrating a $149 million healthcare fraud scheme. Learn how his empire rose — and collapsed under the weight of lies, illegal kickbacks, and FBI investigations.
📌
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📌
🟥 “$149 MILLION FRAUD?”
🟨 “DOCTOR OR CONMAN?”
🟦 “INDIAN TYCOON ARRESTED IN U.S.”
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Monday, 19 May 2025
jokes
अमेरिका के न्यूयार्क में 2
भिखारी एक ॐ का चिन्ह
और दूसरा जीसस का
क्रॉस लेकर बैठे हुए थे
सब लोग ॐ वाले भिखारी
को गुस्से से कुछ न कुछ
बोल कर ,लाल आंखों से
देखकर क्रॉस पकड़े हुए
भिखारी को डॉलर देकर
आगे निकल जाते थे
कुछ घंटों बाद वहां से एक
रहम दिन इंडियन,
converted फादर
निकला ,उसने जब
देखा कि ॐ वाले को
लोग इंग्लिश में गालियां
दे रहे है और पैसे भी
नहीं दे रहे है तो उसे
ॐ वाले पर बहुत दया
आई ,उसने ॐ वाले
भिखारी से कहा अरे
भाई... ये क्रिस्चन देश
है यहां कोई तुम हिन्दू
को भीख नहीं देगा!
लोग तो तुम्हे किलसाने
कल्पनाने वा जलाने के
लिए क्रॉस वाले भिखारी
को जरूर देंगे ,
ॐ वाले भिखारी ने क्रॉस
वाले भिखारी को देखा
और हंसते हुए गुजराती
में बोला- जिग्नेश भाई
क्रॉस वाला बोला ..
. बोलो मनसुख भाई ॐ
वाला बोला .
अब ये हमें धंधा
सिखाएगा भाई
एक औरत हाथ में हथौड़ा
लिये, अपने बेटे के स्कूल
में पहुंची और चपरासी
से पूछने लगी ?
"बर्मा सर" की
क्लास कौन सी है?"
"क्यों पूछ रही हैं?"
हथौड़े को देखकर,
चपरासी ने डरते हुए पूछां
वर्मा जी ने ऐसा क्या
के दिया बहनजी
"अरे वो मेरे बेटे के
क्लास टीचर हैं।"
हथौड़ा हिलाते हुए,
वो औरत बेताबी
से बोली।
चपरासी ने दौड़ कर
वर्मा सर को खबर
दी, कि एक औरत
हाथ में हथौड़ा
लिये आपको ढूंढ रही है।
बर्मा सर के पसीने
छूट गये। वो दौड़कर
प्रिसिंपल की पनाह
में पहुंचे।
प्रिंसिपल तत्काल
उस औरत के पास
पहुंचा, और विनय
पूर्वक बोला, "
कृपया करके
आप शांत हो जाइये।"
मुझे बताईए हुआ क्या है
ऐसे खून खराबा
करना ठीक बात नहीं है
औरत बोली
में शांत ही हूं।'
प्रिंसिपलः आप मुझे
बताईये, कि बात क्या है?
औरतः बात कुछ
भी नहीं हैं। मुझे
बस वर्मा सर की
क्लास में जाना है
प्रिंसिपलः लेकिन क्यों?
औरतः क्यों, क्योंकि
मुझे वहाँ उस् बेंच की
कील ठोक्नी है, जिस
पर मेरा बेटा बैठता है।
क्योंकि वो स्कूल से
तीन दिन में तीसरी
पेट, फाड़ कर आया
है।! ये है मां की असीम
ममता में छुपा गहन प्यार
Sunday, 18 May 2025
sadhu va jivan
इस कहानी में गहरा आध्यात्मिक संदेश है, जिसे थोड़ा और रोचक, भावनात्मक और आधुनिक स्पर्श देकर वीडियो स्क्रिप्ट के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। नीचे इसका स्पिन किया गया और ज्यादा दिलचस्प व प्रभावशाली रूप देखें:
[Background: हल्की ध्यान संगीत, जंगल का दृश्य, महात्मा ध्यान में लीन]
Narrator (कहानीकार की आवाज में)
एक घना जंगल… नीरवता… और उसी मौन के बीच एक महात्मा साधना में लीन थे… कई वर्षों से…
पर अचानक उनकी आंख खुलती है… और सामने खड़ी हैं… चार सुंदर युवतियां।
महात्मा (आश्चर्य से)
"तुम कौन हो? और इस निर्जन वन में क्या कर रही हो? मैंने तो आज तक तुम्हें यहां नहीं देखा…"
युवतियां (मुस्कुराते हुए)
"हम यहीं रहती हैं बाबा… तुम्हारे साथ… तुम्हारे भीतर।"
महात्मा (चौंकते हुए)
"मेरे भीतर?"
पहली युवती (गंभीर स्वर में)
"मैं बुद्धि हूं… तुम्हारे मस्तिष्क में निवास करती हूं।"
दूसरी (नम्रता से)
"मैं लज्जा हूं… तुम्हारी आंखों में रहती हूं।"
तीसरी (ममता से)
"मैं दया हूं… तुम्हारे हृदय में वास करती हूं।"
चौथी (सबल स्वर में)
"और मैं शक्ति हूं… तुम्हारे पूरे शरीर में समाई हूं।"
Narrator (धीरे से)
महात्मा मुस्कराए… और बोले…
महात्मा
"तुम सब मेरे भीतर हो… लेकिन मैं यह शरीर नहीं हूं… मैं तो उस चेतना का अंश हूं जो सबके पार है…"
[Background fades into ध्यान मुद्रा, फिर थोड़ी देर बाद आंख खुलती हैं]
अब सामने खड़े हैं चार नवयुवक… तेजस्वी, लेकिन आंखों में एक अलग सी चमक।
महात्मा (फिर से)
"तुम कौन हो? और कहां से आए हो?"
पहला युवक (तेज़ आवाज में)
"मैं क्रोध हूं… तुम्हारे मस्तिष्क में घर करता हूं। जब मैं आता हूं… तो बुद्धि भाग जाती है…"
दूसरा युवक (आंखें तरेरते हुए)
"मैं काम हूं… आंखों में रहता हूं… और मेरे आते ही लज्जा चली जाती है… पहचान मिट जाती है…"
तीसरा (लोभी स्वर में)
"मैं लोभ हूं… दिल में रहता हूं… और जब मैं आता हूं… दया भाग जाती है…"
चौथा (धीमी, भारी आवाज में)
"मैं मोह हूं… पूरे शरीर को जकड़ लेता हूं… और जब मैं आता हूं, तो शक्ति निष्क्रिय हो जाती है…"
Narrator
महात्मा शांत होकर बोले…
महात्मा
"तुम सब मेरे शरीर में हो… लेकिन मैं न बुद्धि हूं, न क्रोध… न मोह… मैं इन सबसे परे हूं… मैं आत्मा हूं, मैं साधक हूं… और मेरी यात्रा है प्रभु तक…"
[Background music crescendo – दिव्यता का आभास]
Narrator (ऊँची आवाज में)
जब कोई साधक गुरु के मार्गदर्शन में साधना करता है, तो एक-एक करके ये सभी गुण और दुर्गुण उससे बाहर निकल आते हैं। वह जान जाता है… वह शरीर नहीं है… वह आत्मा है…
और फिर उसके अंतर्मन में होता है प्रभु का साक्षात्कार।
[Visual: संत की आंखें बंद, हल्की मुस्कान, प्रकाश से उनका चेहरा दमकता है]
Narrator (भावुक होकर)
तभी तो कहा गया है —
"गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपकी, गोविंद दियो बताय…"
[End Screen – शांत संगीत के साथ]
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धन्यवाद!
Monday, 12 May 2025
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Sunday, 11 May 2025
सोते हुए भी खुली रहती है
Friday, 9 May 2025
आत्मज्ञान का: सफलता के लिए आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति और आंतरिक शक्ति की प्रेरणादायक कहानी
आत्मज्ञान का: सफलता के लिए आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति और आंतरिक शक्ति की प्रेरणादायक कहानी
यह शिक्षाप्रद हिंदी कहानी चार विद्वानों के दृष्टिकोण से यह समझाती है कि आत्मज्ञान, आत्मविश्वास, कठोर परिश्रम और इच्छाशक्ति कैसे जीवन में महान सफलता की ओर ले जाते हैं।
मर्म आत्मज्ञान का – सफलता की कुंजी
हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की तलाश करता है, लेकिन सच्ची सफलता केवल बाहरी संसाधनों या भाग्य से नहीं मिलती। यह कहानी "मर्म आत्मज्ञान का" हमें बताती है कि भीतर की शक्ति को पहचानना, आत्मज्ञान प्राप्त करना और अपने ऊपर विश्वास रखना ही असली सफलता का रास्ता है। आइए जानते हैं चार विद्वानों के विचारों के माध्यम से सफलता के मूल स्तंभों को।
चार विद्वानों की दृष्टि – सफलता की परिभाषा
पहला विद्वान – कार्य के प्रति समर्पण
"जो भी कार्य करो, उसे पूरे मन और लगन से करो। जब इंसान अपने कार्य में पूरी तरह डूब जाता है, तो सफलता उसे अवश्य मिलती है।"
पहला विद्वान कार्य के प्रति समर्पण को सबसे बड़ा गुण मानता है। वह कहता है कि यदि कोई व्यक्ति अपने काम को पूरे दिल से करे, तो उसे रोकने की ताकत किसी में नहीं होती।
दूसरा विद्वान – आत्मविश्वास की शक्ति
"खुद पर अटूट विश्वास रखने वाला व्यक्ति कोई भी कार्य कर सकता है। आत्मविश्वास से बड़ी कोई शक्ति नहीं।"
दूसरा विद्वान आत्मविश्वास को सफलता की सबसे सशक्त चाबी मानता है। जो व्यक्ति खुद पर विश्वास करता है, वह किसी भी कठिनाई से पार पा सकता है।
तीसरा विद्वान – इच्छाशक्ति और परिश्रम
"तीव्र इच्छाशक्ति और कठोर परिश्रम ही सफलता का दूसरा नाम है। इसका कोई विकल्प नहीं।"
तीसरे विद्वान के अनुसार मेहनत और इच्छाशक्ति का मेल ही किसी भी बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने की राह बनाता है।
चौथा विद्वान – आत्मज्ञान का मर्म
"हर व्यक्ति के भीतर शक्ति का भंडार छिपा होता है, बस जरूरत है उसे पहचानने की।"
चौथा विद्वान आत्मज्ञान को सबसे बड़ा रहस्य मानता है। जब कोई व्यक्ति खुद को जान लेता है, अपनी शक्ति और महत्व को समझ जाता है, तो उसे प्रेरणा देने की ज़रूरत नहीं होती। वह अपने आप ही सफलता की राह पर चल पड़ता है।
आत्मज्ञान – सफलता की सबसे गहरी जड़
जब इंसान अपने भीतर झाँकता है, तो उसे पता चलता है कि वह कितना सक्षम है। आत्मज्ञान वह रोशनी है जो व्यक्ति को अंधकार से बाहर निकालती है। यही आत्मज्ञान, आत्मविश्वास, परिश्रम और इच्छाशक्ति को जन्म देता है।
कहानी से सीख – आत्मज्ञान क्यों ज़रूरी है?
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आत्मज्ञान से आत्मविश्वास आता है
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कार्य में मन लगाना आसान होता है
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मनोबल मजबूत होता है
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सफलता अपने आप पास आती है
निष्कर्ष – खुद को जानो, दुनिया को जीतो
इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि असली परिवर्तन बाहर नहीं, भीतर से शुरू होता है। जब हम अपनी क्षमताओं को पहचान लेते हैं, तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं लगता। सफलता का मार्ग आत्मज्ञान से होकर ही जाता है।
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Thursday, 8 May 2025
pizza
एक दिन गणित के एक समझदार और शांत स्वभाव वाले शिक्षक अपने छात्रों के साथ एक रेस्टोरेंट में पिज्जा खाने गए। मेनू देखकर उन्होंने दो 9 इंच व्यास वाले पिज्जा का ऑर्डर दिया, ताकि सभी बच्चों को भरपेट स्वादिष्ट पिज्जा मिल सके। कुछ देर बाद वेटर (थोड़ा आत्मविश्वास के साथ) चार गोल पिज्जा लेकर आया, जो पांच-पांच इंच व्यास के थे। उसने मुस्कुराते हुए कहा, “सर, 9 इंच का पिज्जा तो खत्म हो गया है, इसलिए हम आपको 5 इंच के चार पिज्जा दे रहे हैं। आपको तो 2 इंच एक्स्ट्रा पिज्जा मुफ्त में मिल रहा है!”
गुरुजी मुस्कुराए, लेकिन मुस्कान में गणित की गंभीरता छिपी हुई थी। उन्होंने बड़े ही सौम्य स्वर में वेटर से कहा, “बेटा, रेस्टोरेंट के मालिक को बुला दो, उनसे थोड़ी पढ़ाई की बात करनी है।” कुछ ही पलों में मालिक हाजिर हो गया, आत्मविश्वास से भरा हुआ, मानो उसने कोई बड़ी सेवा कर दी हो।
गुरुजी ने विनम्रता से पूछा, “बेटा, आप कितने पढ़े-लिखे हैं?”
मालिक ने गर्व से कहा, “सर, मैं B.Sc. ग्रेजुएट हूँ।”
गुरुजी ने मुस्कुरा कर अगला सवाल दागा, “गणित कहां तक पढ़ा है?”
“सर, ग्रेजुएशन तक।”
“बहुत बढ़िया,” गुरुजी बोले, “तो बताइए, वृत्त का क्षेत्रफल कैसे निकालते हैं?”
“सर, πr²,” मालिक ने तुरंत जवाब दिया।
अब गुरुजी का चेहरा गंभीर हो गया। बोले, “मैंने आपसे दो 9 इंच डायमीटर के पिज्जा मंगवाए थे। यानी हर पिज्जा का रेडियस 4.5 इंच। उसका क्षेत्रफल होगा π × 4.5² यानी करीब 63.62 स्क्वायर इंच। दो पिज्जा का टोटल हुआ करीब 127.24 स्क्वायर इंच। आप सहमत हैं?”
मालिक बोला, “बिलकुल सर।”
गुरुजी ने आगे कहा, “अब आपने जो चार 5 इंच के पिज्जा दिए हैं, उनका रेडियस 2.5 इंच हुआ। एक का एरिया 19.64 स्क्वायर इंच। चार का टोटल एरिया हुआ 78.56 स्क्वायर इंच। यानी आपने न सिर्फ मेरी मात्रा घटाई, बल्कि यह कहकर उल्लू भी बनाया कि मुझे 2 इंच का पिज्जा मुफ्त में दिया जा रहा है!”
मालिक अब थोड़ा पसीने-पसीने हो गया। गुरुजी रुके नहीं, बोले, “अगर आप मुझे एक और 5 इंच का पिज्जा दे भी दें, तब भी टोटल एरिया 98.2 स्क्वायर इंच ही होगा, जो मेरे ऑर्डर के एरिया से कहीं कम है। अब बताइए, कहां है वो ‘फ्री’ वाला पिज्जा?”
रेस्टोरेंट का मालिक निशब्द खड़ा था। चेहरे पर अब वो आत्मविश्वास नहीं, बल्कि पश्चाताप झलक रहा था। आखिरकार, उसने चुपचाप वही चार पिज्जा एक साथ गुरुजी को सौंप दिए और दिल में ये सीख ले ली — "गणित के शिक्षक को कभी भी बेवकूफ समझने की भूल मत करना।"
और बच्चों ने उस दिन सिर्फ पिज्जा ही नहीं, ज़िंदगी का एक बड़ा पाठ भी सीखा — "हर चीज़ का हिसाब सिर्फ स्वाद से नहीं, अक्ल से भी लगाना चाहिए!"
शिक्षकों को कभी भी अंडरएस्टिमेट न करें। धन्यवाद!