Saturday, 29 July 2023

जामुन का वृक्ष एक ऐसा वृक्ष है जिसका कण कण में दैवीय औषधिय गुण हैं

जामुन का वानस्पतिक या वैज्ञानिक नाम - सिजीजियम क्यूमिनाइ
जामुन का अंग्रेजी का नाम - ब्लैक प्लम, जम्बुल ट्री

🍇अगर जामुन की लकड़ी का मोटा  टुकडा पानी की टंकी में रख  दिया जाए तो टंकी में शैवाल, वा हरी काई नहीं जमती वा पानी सड़ता  भी नहीं। 
🍇जामुन की लकड़ी की इसी  इस खुबी के कारण इसका इसका नाव बनाने में बड़े पैमाने पर इस्तमाल  होता है।
🍇 बहुत पहले जब भी  गांवो में जब किसी कुंए की खुदाई होती  थी तो उसके तले में जामून की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता था जिसे जमोट कहते है। 
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🍇दिल्ली की निजामुद्दीन बावड़ी  की जब कुछ समय पहले मरमत  की गई तो पता  चला की 700 साल बाद भी गाद  वा  अन्य कई  और रूकावटो के बावजूद कुएं में पानी आना  बन्द  nhi huya 
  

🍇भारतीय पुरातत्व विभाग के प्रमुख के.एन. श्रीवास्तव के अनुसार  यहां आज भी वो लकड़ी का फट्टा सही सलामत है 
जिसपर ये बावड़ी bni थी,उत्तर भारत में ज्यादातर बावड़ियों की तल में जामुन की लकड़ी का इस्तमाल होता था ।



���विटामिन  c  वा आयरन से भरपूर जामुन शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता।  शुगर  ,एसिडिटी ,पेट दर्द, डायबिटीज, गठिया, पेचिस, पाचन संबंधी कई समस्यायों को ठीक करने में बहुत मददगार साबित होता है ।


🍇 आर्युवेद केवनुसार  जामुन के पत्तियों में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो रक्त शुगर को नियंत्रित करते है। जामुन की पत्तियों की चाय से डायबिटीज के मरीजों को काफी लाभ 💪 मिलता है 

सीधा पतियों या पतियों का पाउडर बना कर चाय बनाई जा सकती है ,जिसे शहद अथवा नींबू के साथ pi sakte  है




🍇जामुन की पत्तियों में किटाणु नाशक 👽👽👽👿👽(एंटी बैक्टीरियल) पाए जाते है ,मुंह के छालो, मसूड़ों के खून,,मुंह की दुर्गंध, खून की शुद्धि, वा खून में लोह तत्व ,बड़ाने के लिए जामुन की पत्तियों को उबालकर, या पाउडर बना kr ,ya दातुन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है 

 जामुन के पाउडर  se  बालो को भी प्राकृतिक रूप से काला करने में मदद मिलती है।

🍇जामुन की लकड़ी जमीन के नीचे पानी भी पता लगाने के लिए जल सुंगा के रूप मे इस्तेमाल करते है 

रक्तपित्त में जामुन की पतियों को इस्तेमाल करते है।

लीवर की बीमारी में जामुन के सिरके का उपयोग किया जा


मुहांसों को दूर करने में जामुन के पत्तों  को पीस कर उसके पाउडर का,या पत्तो के रस का  उपयोग किया जाता है 

मोतियाबिंद ,श्वेत प्रदर ,va भूख ना लगना, वजन न बड़ना की स्मास्य में जामुन  की गुटली को सुखा कर उसके पाउडर का प्रयोग किया जाता है।


जामुन   की कोमल पतियों को पीस कर काली मिर्च के साथ खानें से , पथरी का इलाझ होता है ।















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