अने अखां खोलण पये
अने अखां खोलण पये
थाँ थां तनु तोलण लग पाए
नी वेख के तनु हसदी नु
मेरे शहर दे गूंगे बोलण लग पाए
तू मुर्दे
अंधो को भी दिखने लग गया है कुछ ऐसा नूर है तेज है तुममे
हर जगह सिर्फ तुम्हारी ही बाते हो रही है
तुम को हँसता देख कर तो सरे शहर के गूंगे भी बोलने लग पड़े है
मेरे शहर दी सब तो चंगी खुशबु
तेरे कोलो संगदी
नी तू मुर्दे जिन्दा कर देंदी
जे कब्रा कोलो लंगदी
तू मेरे शहर की सबसे सुंदर सुंगंध है ,सबसे सूंदर लड़की है
इस शहर की सबसे सूंदर खुशबु होगी या है या सबसे सूंदर लड़की है या होगी वो भी तेरे आगे आने से बचती है
तुम अगर मुर्दा घर के पास से निकलो तो ,मुर्दा भी जिन्दा हो जायेंगे तुम इतनी सूंदर हो
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