बिलकुल 🌟
यह कहानी सिर्फ एक बच्ची के NASA तक पहुँचने की नहीं है, बल्कि भारत के गाँवों से उठती उस नई पीढ़ी की प्रेरक कहानी है, जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को पंख दे रही है।
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🚀 “कभी ट्रेन में नहीं बैठी थी” — अब जा रही है NASA, 12 साल की आदिति पारथे की प्रेरक कहानी
✨ गाँव की मिट्टी से उड़ान भरती एक बच्ची की कहानी
महाराष्ट्र के पुणे जिले के एक छोटे से गाँव देवघर (बोर तहसील) की 12 वर्षीय बच्ची आदिति संदीप पारथे ने वो कर दिखाया है जो शायद ही किसी ने सोचा होगा।
एक साधारण किसान-मजदूर परिवार की बेटी, जिसने कभी ट्रेन में सफर तक नहीं किया था, अब जल्द ही अमेरिका के नासा (NASA) की यात्रा पर जाएगी।
आदिति का चयन महाराष्ट्र ज़िला परिषद (ZP) और IUCAA (Inter-University Centre for Astronomy and Astrophysics) द्वारा आयोजित एक विशेष छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत हुआ है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के मेधावी छात्रों को विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र से जोड़ना है।
👧 आदिति का बचपन और संघर्ष
आदिति का बचपन बहुत सादगी और संघर्ष से भरा रहा।
उसके पिता संदीप पारथे और मामा प्रशांत पारथे पुणे के मार्केट यार्ड में पोर्टर (मालवाहक) का काम करते हैं — यानी ट्रक से सब्जियाँ, फल और अनाज ढोने का काम।
घर की आर्थिक स्थिति कमजोर है।
माँ अपने मायके में रहती हैं, और घर में स्मार्टफोन तक नहीं है।
गाँव में बिजली अक्सर चली जाती है, इंटरनेट बहुत कमजोर है, और स्कूल में कंप्यूटर तो हैं, लेकिन चालू नहीं होते।
ऐसे माहौल में पली-बढ़ी इस बच्ची का NASA तक पहुँचना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
🏫 स्कूल का संघर्ष और शिक्षकों की भूमिका
आदिति निगुडागर ज़िला परिषद स्कूल में पढ़ती है।
स्कूल गाँव से करीब 3.5 किलोमीटर दूर है।
हर दिन सुबह 9 बजे वह पैदल स्कूल जाती है — बारिश, धूप या ठंड, कोई फर्क नहीं पड़ता।
स्कूल में संसाधन बहुत सीमित हैं, लेकिन शिक्षकों की मेहनत ने बच्चों में बड़ा विश्वास जगाया है।
प्रधानाध्यापक राजेंद्र वाघ बताते हैं,
“जब बच्चों को कम्प्यूटर आधारित परीक्षा देनी थी, तब हमने अपनी निजी लैपटॉप इस्तेमाल की। आदिति ने जल्दी-जल्दी सीख लिया कि माउस कैसे चलाते हैं, और फिर उसने हर टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन किया।”
🧠 तीन चरणों में हुआ चयन
NASA टूर के लिए चयन की प्रक्रिया तीन चरणों में हुई:
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पहला चरण:
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पुणे ज़िले के 13,671 छात्रों ने MCQ आधारित परीक्षा दी।
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यह परीक्षा विज्ञान, गणित, सामान्य ज्ञान और तर्कशक्ति पर आधारित थी।
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दूसरा चरण:
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500 से अधिक चयनित छात्रों ने ऑनलाइन टेस्ट दिया, जिसमें अंतरिक्ष, ग्रह, उपग्रह, और खगोल विज्ञान से जुड़े प्रश्न पूछे गए।
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तीसरा चरण:
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अंतिम इंटरव्यू IUCAA के वैज्ञानिकों द्वारा लिया गया।
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इस राउंड में 235 छात्र शामिल हुए और अंततः 25 छात्रों का चयन NASA भ्रमण के लिए हुआ।
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✈️ पहली बार अमेरिका की यात्रा
आदिति के लिए यह सब कुछ नया है।
वह कहती है,
“मैंने कभी ट्रेन में सफर नहीं किया। अब पहली बार हवाई जहाज़ में बैठकर अमेरिका जाऊँगी। जब मुझे बताया गया कि मेरा चयन NASA के लिए हुआ है, तो मैं रो पड़ी थी। मैंने सबसे पहले माँ को फोन किया।”
उसकी माँ बताती हैं कि उन्होंने उस दिन 15 बार कॉल किया, क्योंकि यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनकी बेटी इतनी बड़ी जगह जा रही है।
🌍 NASA भ्रमण में क्या होगा
चयनित छात्रों को अमेरिका के Kennedy Space Center (Florida) और Smithsonian National Air and Space Museum (Washington DC) का भ्रमण कराया जाएगा।
वहाँ वे अंतरिक्ष यात्रियों से मिलेंगे, रॉकेट लॉन्च सिस्टम और सिमुलेशन लैब्स देखेंगे, और छोटे प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लेंगे।
IUCAA टीम के वैज्ञानिकों के अनुसार,
“यह यात्रा सिर्फ भ्रमण नहीं है, बल्कि बच्चों को यह सिखाने का अवसर है कि विज्ञान सपनों से शुरू होता है और मेहनत से साकार होता है।”
💬 आदिति के सपने
आदिति अब बड़ी होकर अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहती है।
वह कहती है,
“मुझे तारों को देखना बहुत अच्छा लगता है। जब आसमान में चाँद दिखता है, तो मैं सोचती हूँ — एक दिन मैं भी वहाँ तक जाऊँगी।”
उसकी यह मासूम बात आज पूरे गाँव की प्रेरणा बन गई है।
गाँव के बच्चे अब कहते हैं,
“अगर आदिति NASA जा सकती है, तो हम भी कुछ बड़ा कर सकते हैं।”
🏛 प्रशासन की मदद
पुणे ज़िला परिषद ने छात्रों के लिए पासपोर्ट और वीज़ा की व्यवस्था खुद की है।
कुल बजट ₹2.2 करोड़ रखा गया है, जिसमें यात्रा, भोजन, कपड़े, पासपोर्ट, बीमा, और प्रशिक्षण सभी शामिल हैं।
छात्रों को IUCAA के वैज्ञानिकों द्वारा अतिरिक्त अंग्रेज़ी और विज्ञान प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे अमेरिका में आसानी से संवाद कर सकें।
❤️ प्रेरणा की मिसाल
आदिति पारथे की यह कहानी सिर्फ एक बच्ची की सफलता नहीं है, बल्कि यह संदेश है कि अगर संघर्ष में भी सपने देखे जाएँ, तो कोई भी दूरी बड़ी नहीं होती।
एक ऐसी बच्ची, जिसने कभी ट्रेन में सफर नहीं किया, अब आसमान के उस पार अंतरिक्ष एजेंसी तक जा रही है — यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।
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IUCAA आधिकारिक साइट: https://www.iucaa.in