Sunday 2 June 2024

likho jo bhi likhna hai

#लिखना_है?
तो लिखो उस फीमेल डॉग की आँखों के बारे में जिसके पिल्ले का धड़ सड़क से गुज़र रहे टायरों में थोड़ा-थोडा चिपक चिपक कर साफ़ हो रहा है !

लिखो उस शर्मिंदा हिजड़े के नाक के पसीने के बारे में जो सब कुछ होना चाहता है सिवाय एक हिजड़े के !

तुम लिख सकते हो उस जवान हाथ की कंपकंपाहट जो ब्लेड लिए नस काटने के नफे-नुक्सान को तौल रहा है !

कभी लिखकर देखो उस चिड़िया के फडफडाते परों के बारे में जो एक चील को अपने सामने से अपना बच्चा दबोचते हुए देख रही है !

या लिखो उस मुर्गे के कानों के बारे में जो ध्यान से सुन रहा है दो ग्राहकों की झटके और हलाल की डिबेट !

तुम लिखो एक झोपड़ी में रात भर चली वो फुसफुसाती अन्ताक्षरी को जो टूटी छत से पानी टपकने की वजह से हो रही है !

तुम लिखकर देखो उस बाँझ आँख की चमक जिसे वाश-बेसिन में पड़ी उलटी में एक उम्मीद की रंगोली दिख रही है !

चाहो तो लिखो शहर की सबसे ऊंची बिल्डिंग की रेलिंग पर खड़े एक हारे नौजवान की उड़ान, वो उड़ान जो वो नौजवान बस लेने ही वाला है !

तुम लिखो आसमान में बिन-मौसम काले बादल देखते हुए एक किसान की बेबसी और वहीँ थोड़ी दूर पर खेत में मिल रहे एक नए जोड़े के चेहरे की बूँदें !

या लिखो शमशान में एक कंधे पर गोल घूम रहे घड़े के छेद से गिरते पानी की छींटें जो सामने पड़ी आग में किसी को जगाने की कोशिश कर रही हैं !

लिखो सब कुछ जो लिखना है मगर एक पतिविहिन औरत की दास्तान भी लिखो जिसके सारे सपने एक पल में धाराशाही हुए हो गये होंगे ,जब उसकी चूड़िया तोड़ी गई होगी,मांग का सिन्दूर मिटाया गया होगा !

लिख सकते हो तो लिखो उस बच्चे के भरोसे के बारे में जो छत से गोल घूम कर बस कूदने वाला है कि शक्तिमान आएगा !

लिखना है कभी तो लिखो उन आंसुओ के बारे मे जो ना जाने किस डर से आंखो की दहलीज पार ना कर सके , और अंदर ही कहीं दम तोड़ गए !

और लिखो उन दोस्तों की ठिठोली के बारे में भी जिन्हें लग रहा है कि ये सिर्फ मज़ाक है !

लिखो दूर गाँव से बड़े शहर आई अकेली उस बूढ़ी औरत के बारे में जिसे अस्पताल में अकेले इलाज कराना एक पूरा जंगल काटने से ज्यादा कठिन लग रहा है !

लिखो उस भिखारी की फैली पुतलियों और अचानक उठे दर्द के बारे में जो सामने से आती एक बड़ी गाड़ी को देखकर बढ़ गया है !

लिखो उस रिश्तेदार के भेडिये जैसे दांतों के बारे में जो एक लड़की को कमरे में अकेले सोते हुए देखकर लार चुवा रहे हैं !

लिखो किसी गार्ड की बोरियत का बहीखाता जिसमे सुबह से एक हजार कार और दो हजार मोटरसाइकिल का डेबिट क्रेडिट हो चुका है !

लिखो उस देहाती ग़रीब की उलझन के बारे में जिसके इकलौते लड़के की आखों में अपनी बारात धूमधाम से बैंड बाजे से साथ गुजरने के ख़्वाब पल रहे है !

लिखो कुछ ऐसा जिसपर किसी का ध्यान नहीं गया! लिखो क्यूंकि तुम्हारे पास बहुत सी कहानियाँ है तुम्हारी आत्मा के हिडन फोल्डर में !

लिखो, जिसको पढ़कर कोई वाह-वाह न करे!  लिखो कि तुम्हारे लिखे का चर्चा न हो! लिखो बस कि अभी बहुत कुछ लिखना है तुम्हे !

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