ज्योतिष में ग्रहों के सम्बन्ध ,स्थान और स्थिति से बहुत तरह के शुभ और अशुभ योग बनते हैं. इनमे पांच तरह के योग बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं, जिनको "पंचमहापुरुष योग" कहा जाता है. ज्योतिष में पांच ग्रहों से ही जीवनचर्या,जीवन केसा बीतेगा निर्धारित होता है, और क्योकि ये योग इन्ही पांच ग्रहों से बनते हैं अतः ये महत्वपूर्ण माने जाते हैं, वो पांच ग्रह हैं- बुध, शुक्र ,मंगल ,बृहस्पति,और शनि ,, . इनके बारे में विस्तृत उल्लेख वराहमिहिर की पुस्तक "वृहज्जातक" में सबसेप्रमाणिक रूप से पाया जाता है. इन ग्रहों की विशेष स्थिति से पंच -महापुरुष योग बनता है,जो व्यक्ति को विशेष बना देता है.
ऐसे योग कुंडली में जब आ जाते हैं व्यक्ति को महान व महापुरुष बना देते हैं पंच महापुरुष योगो में से कोई एक योग भी अगर आपकी कुंडली में आ जाता है तो वह आपकी किस्मत बदल सकता है और अगर पंचमहापुरुष योग में से कोई एक योग भी आपकी कुंडली में है तो हमें किस प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए ,किस तरह के बातो का ध्यान रखना चाहिए।
यह कुछ ऐसे योग हैं जो कुंडली में जब आ जाते हैं या बन जाते हैं विभिन्न प्रकार की ग्रहों की परिस्थितियों के कारण तो व्यक्ति को महान वा महापुरुष बना देते हैं
कुंडली में ग्रहों के संबंध और विभिन्न भावों में स्थिति से शुभ व अशुभ योग बनते हैं यह पांच प्रकार के योग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं इसलिए ने पंचमहापुरुष योग कहा जाता है
सूर्य व चंद्र प्राण प्रवाहित करते हैं बाकि के ग्रह मंगल, बृहस्पति ,शनि ,शुक्र ,व ,बुध यह व्यक्ति के जीवन की दिनचर्या या व्यक्ति का जीवन कैसा होगा इस बात को निश्चित करते हैं , कि व्यक्ति किस रास्ते पर चलेगा यह भी यही 5 ग्रह ही निश्चित करते हैं आचार्य वराह मिहिर की पुस्तकें वृहद पराशर होरा शास्त्र वा वृहज्जातक ,इन पुस्तकों में इन योगो का स्पष्ट उल्लेख है।
1 ,,,,,,,,, सबसे पहले योग को कहते हंस योग
हंस पक्षियों में सबसे ज्यादा विद्वान व पवित्र माना जाता है क्योंकि वह दूध और पानी को अलग करने की क्षमता रखता है ,दूध और पानी को अलग कर देता है, दूध का दूध और पानी का पानी कर देता है
बृहस्पति जब कर्क, धनु या मीन राशि में हो तो यह योग बनता है पंचमहापुरुष योग बनेगा इस योग के बनने से व्यक्ति तपस्वी विद्वान व ज्ञानी होता है ऐसे लोग जिनकी कुंडली में हंस योग होता है ऐसे लोग बिना प्रयास के ही नाम ,यश व सम्मान पा जाते हैं ऐसे लोग राजनीति कानून व शिक्षा क्षेत्र व धर्म के क्षेत्र में सफल होते हैं ऐसे लोग जहां जाते हैं वहीं उन की जय जयकार होने लगती है यदि बृहस्पति कर्क या धनु या मीन राशि में हो तो व्यक्ति का राज योग बनता है।
ऐसे योग वालो को खाने की आदत होती है व अहंकार होता है इन्हें अपने अहंकार को कंट्रोल करना चाहिए अहंकार की आदत भी कूट-कूट कर भरी जाती है अगर आपकी कुंडली में हंस महायोग है तो अपने अहंकार की आदत से बचिए
2 ,,,,,,दूसरा योग होता है शश योग
यह शनि से बनता है यदि शनि तुला ,मकर या कुंभ राशि में हो तो यह योग बनता है 7 10 अथवा 11 नंबर की राशि में है तो यह योग बनता
- अगर यह योग कुंडली में है तो व्यक्ति शासक होता है और नेतृत्व वाला होता है ,छोटी जगह पर जन्म लेकर भी सर्वोच्च शिखर पर पहुंच जाते हैं इनकी मेहनत करने की व समय पहचानने की क्षमता अद्भुत होती है ,बहुत मेहनती होते हैं, किस समय कौन सा काम करना है इन से बेहतर कोई नहीं जानता यदि कुंडली में शश महायोग हो तो व्यक्ति जमीन से निकल कर आसमान में पहुंच जाता है।
ऐसे योग वाले लोग अक्सर नशो में डूब जाते हैं ,नशे में डूबने से बचना है नहीं तो इनका जीवन का बहुत पढ़ाई व सारी मेहनत बेकार हो जाती है और व्यसन से भी बचना है अथवा यह योग नष्ट हो जाएगा निष्फल हो जाएगा हर प्रकार के बुरे कार्य से बचना होगा नहीं तो यह योग नष्ट हो जाएगा तो वह फल नहीं देगा जो इसे देना चाहिए
3 ,,,,,तीसरे योग को बोलते मालव्य योग
यह योग बनता है शुक्र से,, शुक्र यदि मीन, वृषभ,या तुला राशि में हो तो यह मालव्य योग बनता है। मालव्य नमक राजयोग कुंडली में अगर हो तो व्यक्ति को अपार वैभव व विलास मिलता है शुक्र यदि मीन वृष या तुला राशि में हो 2 ,7 अथवा 12वी राशि में हो तो यह योग बनता है ग्लैमर उसके आगे पीछे नाचने लगता है वह ग्लैमर की दुनिया का बादशाह बन जाता है। ऐसे योग वाले व्यक्तियों को कहा जाता है कि born with silver spoon in his mouth ऐसे लोगों को सुख समृद्धि धन व आकर्षण बल प्राप्त होता है। जितनी भी भौतिक संपनता है मेटेरियल प्रोस्पेरिटी है वह उनके पास बहुत अधिक रहती है। इस योग वाले लोग फिल्म ,मीडिया ,कला ,सौंदर्य, चिकित्सा के क्षेत्र में होते हैं खूब सफलता पाते हैं ग्लैमर इनके पीछे भागता है। यदि ऐसे योग वाले लोग ग्लैमर के क्षेत्र में नहीं भी होंगे वो जिस भी क्षेत्र में होंगे ग्लैमर इनके पीछे पीछे भागने लग पड़ेगा।
इनको विलास कि व धन की बर्बादी से बचना चाहिए क्योंकि यदि भोग-विलास में डूब जाएंगे कोई अपने शरीर व धन को बर्बाद कर लेंगे। ऐसे बर्बादी करते हैं कि कितना भी धन तो फिर इनके पास से दूर चला जाता है लक्ष्मी मां नाराज हो जाती है।
4 ,,,,,रूचक योग
अगर मंगल मकर, मेष या वृश्चिक राशि में हो तो रूचक योग बनता है 1 ,8 ,10 नंबर में हो तो यह योग बनता है अगर यह योग हो तो यह व्यक्ति को बहुत अधिक पराक्रमी व साहसी बना देता है ,,,,,, कैसी भी कठिन से कठिन परिस्थितियां क्यों ना हो अपने पराक्रम से उनसे पार पा जाता है भूमि ,संपत्ति व शक्ति का अपार सुख मिलता है प्रशासन में सेना में पुलिस में ऐसे योग वाले लोग बहुत अधिक पाए जाते हैं यह योग बहुत अच्छा सर्जन भी बना देता है। शातिर होते है
इस योग वाले लोग बहुत अधिक क्रोधी भी होते हैं , विध्वंसक प्रवृती पर नियंत्रण रखना चाहिए क्रोध वा हिंसात्मक प्रवृति पर नियंत्रण रखना चाहिए ,यह दोनों बातें जीवन को बहुत बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकती है।
5 ,,,,भद्र योग
बुध यदि कन्या या मिथुन राशि में हो तो भद्र योग बनता है धनवान व बुद्धिमान बनाता है आपकी कुंडली में यह योग होता है खूबसूरती का वाणी का बुद्धि का और चतुराई का वरदान मिलता है उनकी हर चीज के अंदर आपको perfection ,,,की आप कोई कमी न निकल पाएंगे ,,,,मिलेगी। बोलने की क्षमता इनकी बहुत ताकतवर होती है, हर चीज को प्रेजेंट बहुत बढ़िया ढंग से करते है। ऐसे लोग अभिव्यक्ति के क्षेत्र में पाए जाते हैं वाणी के क्षेत्र में पेंटिंग ,कलाकारी पॉलिटिक्स आर्थिक क्षेत्रों में भी उच्च पदों पर पाए जाते हैं बन जाते हैं टॉप लेवल के मैनेजर भी बन जाते हैं। यदि यह भद्र योग बन जाता है तो कुंडली में उंचाइयों पैदा कर देता है ,,,,कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते की हर काम को भद्र योग वाले व्यक्तिइतने सिस्टेमेटिक कर देता है प्रेज़ेंटेशन करने का तरीका ,बोलने का तरीका बिल्कुल सिस्टेमेटिक व खूबसूरत कर देता है। ऐसे लोगो में ऊर्जा बहुत होती है ,जो ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेती है। ऐसे योग वाले लोग लंबे समय तक जवान बने रहते हैं।