Sunday 2 June 2024

आपको शायद यकीन न हो, लेकिन ये सच है

48 डिग्री में उबल रहा शहर, मगर इन कॉलोनियों के किसी घर में AC नहीं, IAS अफसर भी पंखे से काम है.  चला रहे है.
 आपको शायद यकीन न हो, लेकिन ये सच है. यहां आज भी AC लगाने पर पाबंदी है. ऐसा नहीं है कि ये लोग AC (एयर कंडीशनर) नहीं खरीद सकते. दरअसल इन लोगों को कभी ऐसी की जरूरत ही नहीं पड़ी. क्योंकि यहां का तापमान शहर की अपेक्षा  बहुत कम है.
 आगरा: इन दिनों उत्तर भारत समेत कई शहरों में गर्मी ने अपने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. आगरा भी उस लिस्ट में शामिल है. यहां 124 सालों का रिकॉर्ड टूटा है. 124 सालों में दूसरी बार आगरा का तापमान 48 डिग्री के पार जा पहुंचा है. आगरा उबल रहा है .गर्मी से लोग परेशान हैं. गर्मी से बचने के लोग उपाय खोज रहे हैं. AC (air conditioner) की दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी हुई है. लेकिन इन सभी के उलट आगरा दयालबाग की एक दर्जन कॉलोनियों में आज भी AC नहीं है .
 आपको शायद यकीन न हो, लेकिन ये सच है. यहां आज भी AC लगाने पर पाबंदी है. ऐसा नहीं है कि ये लोग AC (एयर कंडीशनर) नहीं खरीद सकते. दरअसल इन लोगों को कभी ऐसी की जरूरत ही नहीं पड़ी. क्योंकि यहां का तापमान शहर की अपेक्षा कम है. इन कॉलोनी में आईएएस, आईपीएस और कई सारे जज भी रहते हैं. जो गर्मियों में सिर्फ कूलर और पंखे से कम चलाते हैं. 
 पेड़ लगाने से हो गया तापमान कम 
आगरा सिटी के बीचों-बीच में दयालबाग स्थित है. यहां पर 50 से 90 साल पुरानी लगभग एक दर्जन कालोनियां है. शहर की अपेक्षा इन कॉलोनी के तापमान में  kafi कमी देखने को मिलती है .इसके पीछे की वजह यहां का शानदार इको सिस्टम और हरियाली युक्त माहौल. यहां हर घर के आगे पेड़ लगे हैं. साथ ही घरों की बनावट ऐसी है कि वेंटिलेशन अधिक होने की वजह से हवा और नमी रहती है . घरों तापमान भी बेहद कम रहता है. आसपास की कॉलोनी में अत्यधिक पेड़ लगे हुए हैं. किसी भी घर की छत पर आपको एयर कंडीशनर लटका हुआ नहीं दिखाई देगा

. यह कॉलोनी स्वामी नगर, दयाल नगर, प्रेम नगर ,विद्युत नगर, श्वेत नगर, कार्यवीर नगर, राधा नगर, सरन नगर ,मेहर बाग और DEI कॉलोनी है. इन सभी कॉलोनी में 1500 ज्यादा परिवार रहते हैं. इसमे से किसी के घर में एयर कंडीशनर नहीं लगा है. सिर्फ पंखा और कूलर से काम चलता है. हमने पेड़ लगाए एयर कंडीशनर नहीं… दयाल नगर के रहने वाले एडवोकेट CM सिंह बताते हैं, ‘हमारे घर इसलिए ठंडा हैं क्योंकि हमने पेड़ लगाए air conditioner नहीं. air conditioner परमानेंट सॉल्यूशन नहीं है.

 एक पेड़ कई air conditioner जितनी ठंडक देता है .हमारा घर चारों तरफ से पेड़ों से घिरा हुआ है. धूप कम आती है और अंदर के जो कमरे हैं उनका तापमान भी बेहद कम रहता है. सिर्फ कूलर या पंखे में ही काम चल जाता है. लोगों को चाहिए कि वह air conditioner छोड़कर पेड़ लगाए. दयालबाग है इको फ्रेंडली यहां हर चीज है ऑर्गेनिक राधा नगर के गुरमौज चावड़ा ने बताया कि उनकी कॉलोनी में air conditioner लगाने की इजाजत नहीं है. ऐसा नहीं है कि लोग air conditioner खरीद नहीं सकते. यहां के रहने वाले लोगों को इसकी कभी जरूरत महसूस ही नहीं हुई. क्योंकि पेड़ों की वजह से तापमान बेहद कम है. दयालबाग को इको फ्रेंडली बनाने की यह पहल है. पर्यावरण बचाने में हम सभी का योगदान होना चाहिए .बढ़ता तापमान हम सब के लिए खतरा है.

 इसके लिए दयालबाग के लोगों ने सालों पहले से तैयारी शुरू कर दी थी’. एसी पर्यावरण के लिए घातक कई सालों से दयालबाग में रहने वाले एडवोकेट अमन चौहान बताते हैं कि air conditioner वातावरण से नमी खींचकर हीट पैदा करता है. किसी भी लिहाज से air conditioner वातावरण के लिए ठीक नहीं है. हमने अपने घरों के सामने पेड़ लगाए हैं. ताजा हवा मिलती है. लोगों से अपील है कि वह air conditioner छोड़े और पेड़ लगाने पर जोर दें;.




In a city boiling at 48 degrees, some colonies still lack ACs, with even IAS officers relying on fans for comfort. Surprisingly, there's no ban on ACs; residents simply never felt the need due to the city's generally lower temperatures. Among these colonies are homes to IAS, IPS, and various judges, who manage with just fans and coolers during summers.

The temperature dropped thanks to planting trees Dayalbagh, situated amidst Agra city, boasts about a dozen colonies ranging from 50 to 90 years old. These colonies maintain lower temperatures compared to the rest of the city due to their lush greenery and eco-friendly environment. Every home here is surrounded by trees, aiding ventilation and maintaining cooler indoor temperatures. These colonies, like Swami Nagar, Dayal Nagar, Prem Nagar, Vidhyut Nagar, Shwet Nagar, Karyaveer Nagar, Radha Nagar, Sarnai Nagar, Meher Bagh, and DEI Colony, accommodate over 1500 families, none of whom rely on ACs. Fans and coolers suffice for their needs.

"We planted trees instead of installing ACs..." Residents like Advocate CM Singh from Dayal Nagar affirm that their homes remain cool without ACs due to abundant tree cover. Trees provide natural cooling, making ACs unnecessary. Their homes are surrounded by greenery, reducing direct sunlight and maintaining comfortable temperatures inside. They advocate for planting trees over relying on ACs.

Eco-friendly Dayalbagh: everything here is organic Gurmouj Chawda from Radha Nagar mentions that their colony prohibits AC installations, not because residents can't afford them but because they've never felt the need. Trees keep temperatures low, making Dayalbagh an eco-friendly neighborhood. They emphasize the importance of environmental conservation and urge others to prioritize tree planting to combat rising temperatures.

ACs are harmful to the environment Advocate Aman Chauhan, a long-time resident of Dayalbagh, highlights how ACs contribute to environmental degradation by expelling heat. He advocates for tree planting as a sustainable alternative to combat rising temperatures and urges people to reconsider their reliance on ACs.



likho jo bhi likhna hai

#लिखना_है?
तो लिखो उस फीमेल डॉग की आँखों के बारे में जिसके पिल्ले का धड़ सड़क से गुज़र रहे टायरों में थोड़ा-थोडा चिपक चिपक कर साफ़ हो रहा है !

लिखो उस शर्मिंदा हिजड़े के नाक के पसीने के बारे में जो सब कुछ होना चाहता है सिवाय एक हिजड़े के !

तुम लिख सकते हो उस जवान हाथ की कंपकंपाहट जो ब्लेड लिए नस काटने के नफे-नुक्सान को तौल रहा है !

कभी लिखकर देखो उस चिड़िया के फडफडाते परों के बारे में जो एक चील को अपने सामने से अपना बच्चा दबोचते हुए देख रही है !

या लिखो उस मुर्गे के कानों के बारे में जो ध्यान से सुन रहा है दो ग्राहकों की झटके और हलाल की डिबेट !

तुम लिखो एक झोपड़ी में रात भर चली वो फुसफुसाती अन्ताक्षरी को जो टूटी छत से पानी टपकने की वजह से हो रही है !

तुम लिखकर देखो उस बाँझ आँख की चमक जिसे वाश-बेसिन में पड़ी उलटी में एक उम्मीद की रंगोली दिख रही है !

चाहो तो लिखो शहर की सबसे ऊंची बिल्डिंग की रेलिंग पर खड़े एक हारे नौजवान की उड़ान, वो उड़ान जो वो नौजवान बस लेने ही वाला है !

तुम लिखो आसमान में बिन-मौसम काले बादल देखते हुए एक किसान की बेबसी और वहीँ थोड़ी दूर पर खेत में मिल रहे एक नए जोड़े के चेहरे की बूँदें !

या लिखो शमशान में एक कंधे पर गोल घूम रहे घड़े के छेद से गिरते पानी की छींटें जो सामने पड़ी आग में किसी को जगाने की कोशिश कर रही हैं !

लिखो सब कुछ जो लिखना है मगर एक पतिविहिन औरत की दास्तान भी लिखो जिसके सारे सपने एक पल में धाराशाही हुए हो गये होंगे ,जब उसकी चूड़िया तोड़ी गई होगी,मांग का सिन्दूर मिटाया गया होगा !

लिख सकते हो तो लिखो उस बच्चे के भरोसे के बारे में जो छत से गोल घूम कर बस कूदने वाला है कि शक्तिमान आएगा !

लिखना है कभी तो लिखो उन आंसुओ के बारे मे जो ना जाने किस डर से आंखो की दहलीज पार ना कर सके , और अंदर ही कहीं दम तोड़ गए !

और लिखो उन दोस्तों की ठिठोली के बारे में भी जिन्हें लग रहा है कि ये सिर्फ मज़ाक है !

लिखो दूर गाँव से बड़े शहर आई अकेली उस बूढ़ी औरत के बारे में जिसे अस्पताल में अकेले इलाज कराना एक पूरा जंगल काटने से ज्यादा कठिन लग रहा है !

लिखो उस भिखारी की फैली पुतलियों और अचानक उठे दर्द के बारे में जो सामने से आती एक बड़ी गाड़ी को देखकर बढ़ गया है !

लिखो उस रिश्तेदार के भेडिये जैसे दांतों के बारे में जो एक लड़की को कमरे में अकेले सोते हुए देखकर लार चुवा रहे हैं !

लिखो किसी गार्ड की बोरियत का बहीखाता जिसमे सुबह से एक हजार कार और दो हजार मोटरसाइकिल का डेबिट क्रेडिट हो चुका है !

लिखो उस देहाती ग़रीब की उलझन के बारे में जिसके इकलौते लड़के की आखों में अपनी बारात धूमधाम से बैंड बाजे से साथ गुजरने के ख़्वाब पल रहे है !

लिखो कुछ ऐसा जिसपर किसी का ध्यान नहीं गया! लिखो क्यूंकि तुम्हारे पास बहुत सी कहानियाँ है तुम्हारी आत्मा के हिडन फोल्डर में !

लिखो, जिसको पढ़कर कोई वाह-वाह न करे!  लिखो कि तुम्हारे लिखे का चर्चा न हो! लिखो बस कि अभी बहुत कुछ लिखना है तुम्हे !

shyad aap ka bhi mn kre ki hum paryavan ko surakshit kre

48 डिग्री में उबल रहा शहर, मगर इन कॉलोनियों के किसी घर में AC नहीं, IAS अफसर भी पंखे से चला रहे काम

आपको शायद यकीन न हो, लेकिन ये सच है. यहां आज भी AC लगाने पर पाबंदी है. ऐसा नहीं है कि ये लोग AC (एयर कंडीशनर) नहीं खरीद सकते. दरअसल इन लोगों को कभी ऐसी की जरूरत ही नहीं पड़ी. क्योंकि यहां का तापमान शहर की अपेक्षा कम है.

आगरा: इन दिनों उत्तर भारत समेत कई शहरों में गर्मी ने अपने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. आगरा भी उस लिस्ट में शामिल है. यहां 124 सालों का रिकॉर्ड टूटा है. 124 सालों में दूसरी बार आगरा का तापमान 48 डिग्री के पार जा पहुंचा है. आगरा उबल रहा है .गर्मी से लोग परेशान हैं. गर्मी से बचने के लोग उपाय खोज रहे हैं. AC (air conditioner) की दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी हुई है. लेकिन इन सभी के उलट आगरा दयालबाग की एक दर्जन कॉलोनियों में आज भी AC नहीं है .








आपको शायद यकीन न हो, लेकिन ये सच है. यहां आज भी AC लगाने पर पाबंदी है. ऐसा नहीं है कि ये लोग AC (एयर कंडीशनर) नहीं खरीद सकते. दरअसल इन लोगों को कभी ऐसी की जरूरत ही नहीं पड़ी. क्योंकि यहां का तापमान शहर की अपेक्षा कम है. इन कॉलोनी में आईएएस, आईपीएस और कई सारे जज भी रहते हैं. जो गर्मियों में सिर्फ कूलर और पंखे से कम चलाते हैं.




पेड़ लगाने से हो गया तापमान कम
आगरा सिटी के बीचों-बीच में दयालबाग स्थित है. यहां पर 50 से 90 साल पुरानी लगभग एक दर्जन कालोनियां है. शहर की अपेक्षा इन कॉलोनी के तापमान में कमी देखने को मिलती है .इसके पीछे की वजह यहां का शानदार इको सिस्टम और हरियाली युक्त माहौल. यहां हर घर के आगे पेड़ लगे हैं. साथ ही घरों की बनावट ऐसी है कि वेंटिलेशन अधिक होने की वजह से हवा और नमी रहती है . घरों तापमान भी बेहद कम रहता है. आसपास की कॉलोनी में अत्यधिक पेड़ लगे हुए हैं. किसी भी घर की छत पर आपको एयर कंडीशनर लटका हुआ नहीं दिखाई देगा. यह कॉलोनी स्वामी नगर, दयाल नगर, प्रेम नगर ,विद्युत नगर, श्वेत नगर, कार्यवीर नगर, राधा नगर, सरन नगर ,मेहर बाग और DEI कॉलोनी है. इन सभी कॉलोनी में 1500 ज्यादा परिवार रहते हैं. इसमे से किसी के घर में एयर कंडीशनर नहीं लगा है. सिर्फ पंखा और कूलर से काम चलता है.



हमने पेड़ लगाए एयर कंडीशनर नहीं…
दयाल नगर के रहने वाले एडवोकेट CM सिंह बताते हैं, ‘हमारे घर इसलिए ठंडा हैं क्योंकि हमने पेड़ लगाए air conditioner नहीं. air conditioner परमानेंट सॉल्यूशन नहीं है. एक पेड़ कई air conditioner जितनी ठंडक देता है .हमारा घर चारों तरफ से पेड़ों से घिरा हुआ है. धूप कम आती है और अंदर के जो कमरे हैं उनका तापमान भी बेहद कम रहता है. सिर्फ कूलर या पंखे में ही काम चल जाता है. लोगों को चाहिए कि वह air conditioner छोड़कर पेड़ लगाए.



दयालबाग है इको फ्रेंडली यहां हर चीज है ऑर्गेनिक
राधा नगर के गुरमौज चावड़ा ने बताया कि उनकी कॉलोनी में air conditioner लगाने की इजाजत नहीं है. ऐसा नहीं है कि लोग air conditioner खरीद नहीं सकते. यहां के रहने वाले लोगों को इसकी कभी जरूरत महसूस ही नहीं हुई. क्योंकि पेड़ों की वजह से तापमान बेहद कम है. दयालबाग को इको फ्रेंडली बनाने की यह पहल है. पर्यावरण बचाने में हम सभी का योगदान होना चाहिए .बढ़ता तापमान हम सब के लिए खतरा है. इसके लिए दयालबाग के लोगों ने सालों पहले से तैयारी शुरू कर दी थी’.

एसी पर्यावरण के लिए घातक 
कई सालों से दयालबाग में रहने वाले एडवोकेट अमन चौहान बताते हैं कि air conditioner वातावरण से नमी खींचकर हीट पैदा करता है. किसी भी लिहाज से air conditioner वातावरण के लिए ठीक नहीं है. हमने अपने घरों के सामने पेड़ लगाए हैं. ताजा हवा मिलती है. लोगों से अपील है कि वह air conditioner छोड़े और पेड़ लगाने पर जोर दें;.














Saturday 1 June 2024

manik ki kimat bs johri hi jaanta hai

Ek baar ek vyakti ko ek bhut hi pyara ratn mil gya , 
Vo usko le kr sabji vale ke pass gya , bola iske badle kya de sakte ho
Sabji vala bola dekhne me bhut sunder hai , iske badle me me koi bhi ek kilo sabji de sakta hu

Vo ab 
gya , 
Vo usko le kr dukandaar ke pass gya , bola iske badle kya de sakte ho
Dukandaar bola dekhne me bhut sunder hai , iske badle me me koi bhi 5 kg samaan  de sakta hu



Vo usko le kr jeweller ke pass gya , bola iske badle kya de sakte ho
Jeweller bola dekhne me bhut sunder hai , iske badle me me 10000rs de sakta hu


Vo  ab usko le kr  ek johri ke pass gya , bola iske badle kya de sakte 

bola dekhne me bhut sunder hai

Usne us ratan ko liya 

Ek laal resham ka kapda bichaya , us ratn ko us pr rkha  matha teka , 
Va us vyakti se bola me apna sb kuch iske liye de sakta hu , bs ye ratan muje de do
Vo ek beshkimti  ratan mean gem ruby tha , all stones are precious, but the most precious gem is ruby
Called manikya pink colour stone, 
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