ध्वनि तरंगे की गति 334m/s
व विद्युत तरंगों की गति 300000000m/s,,, बोल कर किया गया जाप चारो दिशायों में जाता है और ओर ब्रमण्ड में व्याप्त ऊर्जा से सम्पर्क जुड़ने के बाद जो फल मिलना होता है मिलता है,, ओर जब हम मानसिक जाप करते है तो विद्युत की गति से दिमाग की चोटी के स्थान स
के केंद्र से emw उतपन होती है ,जो कुछ ही पलों में उस ऊर्जा के स्रोत से जुड़ जाती है जंहा से जन्म से पहले से ही हम जुड़े होते है ,ओर फिर यही तरंगे carrier waves बन कर उस सिग्नल को उस software को ,या यूं कह सकते है उस msg को छोटी के पास घूमते चक्र को दे देती है,जो वँहा तुरन्त ही decode हो जाता है ,ओर उस ऊर्जा से सम्बंदित defect को सही करना शुरू कर देता है ,जिससे इंसान की सोच और शब्द ही ऐसे बनते है कि वो जब इस जिव्हा से बाहर आते है तो अच्छा फल प्रदान करते है ,
कियोकि शरीर का ओरा बी शुद्ध होना शुरू हो जाता है,तो हम जिसके भी सम्पर्क में आते या जाते है अपना प्रभाव छोड़ना शुरू कर देते है ,,,to be continued
Original thought based on my spiritual knowledge and fruit of meditation
Ritesh nagi
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