Sunday 6 August 2023

कुंवारे लड़को को बेचुलर तो कुंवारी लड़कियों को क्या कहते है

अविवाहित  लड़को को बेचुलर तो अविवाहित लड़कियों को क्या कहते है

कुंवारे लड़को को बेचुलर तो कुंवारी लड़कियों को क्या कहते हैइस प्रश्न का जवाब आप किसी से पूछ लीजिए उसे नही पता होगा ,क्योंकि उन सबका यही मानना है की कुंवारी लड़कियों को भी बेचूलर ही कहा जाता 



कुंवारा शब्द हम सभी बचपन से सुनते आ रहे है 






जब किसी लड़के या लड़की की शादी nhi हुई होती तो उसे अविवाहित कहते है , 



अविवाहित लड़को को इंग्लिश में BACHELOR कहते है ।


अविवाहित लड़की को भी अधिकतर लोग इंग्लिश में Bachelor ही कहते है,



जब किसी की शादी से पहले पार्टी होती है तो उसे बैचलर पार्टी कहते है ।

क्या कभी आपने सोचा की कुवारे लड़के शादी से पहले की पार्टी को बैचलर पार्टी क्यों कहते है।


क्योंकि कुवारें को इंग्लिश में बैचलर कहते है।



कुंवारी लड़की को क्या कहते है ।

काफी लोग कहते है कुवारां हो या कुवारीं दोनो को बैचलर ही कहते है ।




कुंवारी लड़की को इंग्लिश में spinster कहते है ।




भारत की इकलौती नदी जिसे लोग अपवित्र मानते है वा छूने से भी डरते है

उस देश में जंहा नदियों पूजा जाता है क्या कोई कल्पना भी कर  सकता है की  एक नदी ऐसी भी हो सकती है जिसे लोग छूने  से  भी डरते है कोई तो कारन होगा जो लोग छूने  से  भी डरते है , क्या है वह  कारण  आईये जानते है 







भारत में सभी नदियों को बहुत पवित्र माना जाता है, लोग इनकी पूजा करते है ,लेकिन एक ऐसी भी नदी है भारत में जिसे लोग अपवित्र मानते है , छूने से डरते है ,कांपते है इस नदी से 




कितना अजीब लगता है सुन कर ,विश्वास  नही होता , पर ऐसा ही है ,जिस देश में नदियों को पवित्र माना जाता है वहां एक नदी को छूने से डरते है लोग।



कारण क्या होगा की लोग इतना खौफ खाते है इस नदी को छूने के नाम मात्र से ।




इस नदी का नाम है कर्म नाशा नदी ,यह बिहार और यूपी में बहती है ।


कर्मनाशा नाम दो शब्दो से मिल कर बना है 
कर्म वा नाश , कर्म का मतलब कोई काम वा नाश का मतलब विनाश



ऐसा माना जाता है की युद्ध के दौरान राजा सत्यव्रत उलटे लटक कर युद्ध रहे थे ,उनके मुंह से लगातार लार नीचे गिर रही थी, उसी लार से इस नदी का जन्म हुया ।



गुरु वशिष्ठ ने राजा सतायवर्त को इस घृणित कार्य के लिए श्राप दिया चंडाल होने का , बस तब से ही राजा सत्यव्रत की लार से  उत्पन इस नदी को क्षरापित माना जाता है ।





इस नदी के पानी को लोग छूने  वा इसका पानी पीने से डरते है।


एक समय था जो लोग इस नदी के आसपास रहते थे फल खा एक समय गुजार लेते थे पर इसका पानी नही पीते थे।




एक नदी को यमराज की बहिन व सूर्य की पुत्री कहा जाता है।

नदियों का मायका है यह राज्य

क्यों सास बहू कहा जाता इन नदियों को 

दुनिया का इकलौता मंदिर जंहा भगवान् शिव गोपी के रूप में वास करते है

कुत्ते जीभ बाहर अक्सर क्यों निकाल रखते है। why most of the times dogs keep their mouth open and tongue outside

ट्रैफिक उलंघन करने पर कैमरे कैसे पकड़ लेते है ,How cameras control the Traffic violations

क्यों केवल एक नदी है जिसे पुरुष नदी माना जाता है /why only one river in India is called male river

क्यों उलटी बहती है भारत की यह नदी /why this river flows in opposite direction

कृष्ण सुरदर्शन धारी थे karm ka fal

आखिर सच हो ही गयी अल्बर्ट आइंस्टीन की १०० वर्ष पहले की गयी भविष्यवाणी ,खुलेंगे बहुत से नए रहस्य व राज ब्रह्माण्ड।

ज्ञान जन्मो जन्मो तक रहता है knowledge remains as eternal









Friday 4 August 2023

भारत की इकलौती नदी जिसे लोग अपवित्र मानते है वा छूने से भी डरते है।

भारत की इकलौती नदी जिसे लोग अपवित्र मानते है वा छूने से भी डरते है।

उस देश में जंहा नदियों पूजा जाता है क्या कोई कल्पना भी कर  सकता है की  एक नदी ऐसी भी हो सकती है जिसे लोग छूने  से  भी डरते है कोई तो कारन होगा जो लोग छूने  से  भी डरते है , क्या है वह  कारण  आईये जानते है 






भारत में सभी नदियों को बहुत पवित्र माना जाता है, लोग इनकी पूजा करते है ,लेकिन एक ऐसी भी नदी है भारत में जिसे लोग अपवित्र मानते है , छूने से डरते है ,कांपते है इस नदी से 



कितना अजीब लगता है सुन कर ,विश्वास  नही होता , पर ऐसा ही है ,जिस देश में नदियों को पवित्र माना जाता है वहां एक नदी को छूने से डरते है लोग।


कारण क्या होगा की लोग इतना खौफ खाते है इस नदी को छूने के नाम मात्र से ।



इस नदी का नाम है कर्म नाशा नदी ,यह बिहार और यूपी में बहती है ।

कर्मनाशा नाम दो शब्दो से मिल कर बना है 
कर्म वा नाश , कर्म का मतलब कोई काम वा नाश का मतलब विनाश


ऐसा माना जाता है की युद्ध के दौरान राजा सत्यव्रत उलटे लटक कर युद्ध रहे थे ,उनके मुंह से लगातार लार नीचे गिर रही थी, उसी लार से इस नदी का जन्म हुया ।


गुरु वशिष्ठ ने राजा सतायवर्त को इस घृणित कार्य के लिए श्राप दिया चंडाल होने का , बस तब से ही राजा सत्यव्रत की लार से  उत्पन इस नदी को क्षरापित माना जाता है ।




इस नदी के पानी को लोग छूने  वा इसका पानी पीने से डरते है।


एक समय था जो लोग इस नदी के आसपास रहते थे फल खा एक समय गुजार लेते थे पर इसका पानी नही पीते थे।



एक नदी को यमराज की बहिन व सूर्य की पुत्री कहा जाता है।

नदियों का मायका है यह राज्य

क्यों सास बहू कहा जाता इन नदियों को 

दुनिया का इकलौता मंदिर जंहा भगवान् शिव गोपी के रूप में वास करते है

कुत्ते जीभ बाहर अक्सर क्यों निकाल रखते है। why most of the times dogs keep their mouth open and tongue outside

ट्रैफिक उलंघन करने पर कैमरे कैसे पकड़ लेते है ,How cameras control the Traffic violations

क्यों केवल एक नदी है जिसे पुरुष नदी माना जाता है /why only one river in India is called male river

क्यों उलटी बहती है भारत की यह नदी /why this river flows in opposite direction

कृष्ण सुरदर्शन धारी थे karm ka fal

आखिर सच हो ही गयी अल्बर्ट आइंस्टीन की १०० वर्ष पहले की गयी भविष्यवाणी ,खुलेंगे बहुत से नए रहस्य व राज ब्रह्माण्ड।

ज्ञान जन्मो जन्मो तक रहता है knowledge remains as eternal






Thursday 3 August 2023

भारत के इटली जैसे दिखने वाले स्विजरलैंड जैसे सुंदर हिल स्टेशन बिक गया।

 भारत के इटली जैसे दिखने वाले स्विजरलैंड जैसे सुंदर हिल स्टेशन बिक गया।


 लवासा एक  भारत का  हिल स्टेशन  है इटली जैसा है व सूंदर है स्विज़रलैंड जैसा है महाराष्ट्र में 









गर्मियों में लोग  अक्सर   उन्हीं जगहों पर जाते हैं, जिनके बारे में सुना हो या पढ़ा  हो या टीवी में देखा हो 
भारत में भी कई जगहे ऐसी है जो बेहद सूंदर व कम भीड़भाड़ वाली है लवासा उन में से एक है 

​लवासा लेकशोर वाटरस्पोर्ट्स ​

​<strong>लवासा लेकशोर वाटरस्पोर्ट्स </strong>​

लवासा वरसगांव झील के किनारे स्थित है ,देश विदेश से लोग यंहा आते है ,यंहा बहुत साडी वाटर स्पोर्ट एक्टिविटीज भी है 




​घानगढ किला के बारे में ​

​<strong>घानगढ किला के बारे में </strong>​

 लवासा में स्थित घानगढ किला वा  इस किले के आसपास कई जलकुंड जैसी कई खूबसूरत जगह देखने के लिए है 


​टेमघर डैम भी घूम आएं ​

​<strong>टेमघर डैम भी घूम आएं </strong>​

लवासा का  का टेमघर डैम तो और भी ज्यादा हसीन है। यहां मुथा नदी पर स्थित  है 

 बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस है ,सेल्फी पॉइंट है ,यंहा हरियाली खूब है  है 



​Dasve व्यूपॉइंट​

​<strong>Dasve व्यूपॉइंट</strong>​

हिल स्टेशन पर एक व्यूपॉइंट बनया गया है    फोटोग्राफी में इंटरेस्ट रखने वालो को   इस व्यूपॉइंट से माउंटेन रेंज की हरियाली, शानदार झीलें और खूबसूरत नदियों के नजारो  की पिक्स लेना का मजा आ जाएगा  एक बार Dasve व्यूपॉइंट ज़रूर घूमने जाएं। 

​प्रोमेनेड लवासा के बारे में ​

​<strong>प्रोमेनेड लवासा के बारे में </strong>​

ये जगह पुणे में है,  घूमने केलिए बहुत अच्छी जगह है बहुत से विदेशी खाने यंहा मिल जायेंगे ,प्राकृतिक सुंदरता अनुपम है 


​कैसे जाएं लवासा ​

​<strong>कैसे जाएं लवासा </strong>​

लवासा पुणे के पास एक शानदार टूरिस्ट प्लेस है, जहां आप रेल से हवा,हवा मार्ग ,व सड़क मार्ग तीनो से पहुंच सकते है 


    




साइकिल चलाना क्यों अर्थव्यस्था को चौपट कर सकता है,

साइकिल चलाना क्यों  अर्थव्यस्था को चौपट कर सकता है,
साइकिल चलाना क्यों  अर्थव्यस्था को चौपट कर सकता है, और बड़े पेट वालो के बड़े पेट पर लात मार सकता है, ,उनके सारे मंसूबे फेल कर सकता है की  हर देश में उनका घर होगा , हर देश के बैंक में उनका पैसा होगा , उनके बच्चे सिर्फ जूस पियेंगे,पानी की तरफ तो देखेंगे भी नही , वो डालरो पर सोएंगे,डॉलर ओढ़ेगें,डॉलर खायेंगे डॉलर हगेंगे, 



साइकिल की सवारी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था (GDP) के लिए कितनी हानिकारक हो सकती है ये आप आज जान  मान जायेंगे,

सुनने में  मजाक लग सकता है , परन्तु  है सत्य 

एक साइकिल चलाने वाला देश के लिए बहुत बड़ी मुसीबत है  आपदा है, क्योंकि.......
वो गाड़ी नहीं खरीदता,
वो लोन नहीं लेता,
वो गाड़ी का बीमा नहीं करवाता,
वो तेल नहीं खरीदता,
वो गाड़ी की सर्विसिंग नहीं करवाता,
स्पेयर पार्ट वालो को मुंह चिड़ाता हुया जाता है

वो पैसे देकर गाड़ी पार्किंग नहीं करता,
पार्किंग के लिए झगड़ते लोगो को देख वह और अधिक शांति महसूस करता है की वो इन झमेलो से बचा हुया है।






वो ट्रैफ़िक चालान नहीं देता ,




और तो और
वो मोटा (मोटापा) नहीं होता।

वो गाड़ी साफ करने वाला भी  नही लगाता






जी हां .....यह सत्य है कि एक स्वस्थ व्यक्ति
अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है, क्योंकि...


वो दवाईयां नहीं खरीदता,
वो अस्पताल व चिकित्सक के पास नहीं जाता
वो राष्ट्र की GDP में कोई योगदान नहीं देता।



ठीक इसके विपरित एक फ़ास्ट फूड की दुकान 30 नौकरी पैदा करती है........


10 हृदय चिकित्सक,
10 दंत चिकित्सक,
10 वजन घटाने वाले...!
 हर हफ्ते doctor से सलाहलेने वाले की  कुछ ठीक नही लग रहा

 और भाईसाब पैदल वाला उसकी भी 🌞 सुन लो
 पैदल चलना  तो इससे भी अधिक ख़तरनाक होता है,
 क्योंकि पैदल चलने वाला व्यक्ति तो साइकिल भी नहीं खरीदता

संसार का सबसे अधिक लापरवाह पक्षी

पक्षियों में भी खास गुण होते है, कुछ पक्षी अपना घोंसला इतनी कुशलता से बनाते है की कोई कारीगर भी क्या बनाएगा, कुछ पक्षी खाना इतनी तमीज से खाते है की कुछ भी बिखेरते नही, कुश पक्षी जीवन भर एक ही साथी के साथ रहते है, कुछ पक्षी इतने समझदार होते है की आप उनकी निजी जिंदगी को कभी भी देख नही सकते, कुछ पक्षी अपने अंडो को बचाने या अपने बच्चो को बचाने के लिए हर हद से गुजर जाते है ।
लेकिन एक पक्षी ऐसा भी है ,जिसमे इन्मेसे से एक भी गुण नही है।

कुछ पक्षी घोंसला बहुत सुंदर बनाते है।



कुछ पक्षी जीवन भर एक साथ रहते है।

यह पक्षी अपना घोंसला कहीं भी बना लेता है


यह पक्षी अपना घोंसला इतना बेतरतीब ,इतने बुरे ढंग से, चुबने  वाली लकड़ियों से बनाता है की यह समझ नही आता की यह खुद केसे रहता है ,उन पर


यह कहीं भी अंडे दे देता है,


यह कभी भी अंडे दे देता है कोई खास मौसम इसको nhi चाहिए

ये उन एंड
अंडो  को उनमें से उत्पन नवजातो को  बचाने के लिए संघर्ष भी नही करता।


ये अपने ही नवजात को छोड़ कर रात को गायब हो जाता है



यह अभी नवजात को बड़ा कर ही रहा होता है की वही मादा फिर से अंडे दे देती है , 



यह खाना इतना बिखेरता है की कुछ पूछो ही मत



यह हर समय सिर्फ खाने वा प्रजन्न की ही फिराक में रहता है।




यह कभी भी अपना साथी बदल लेता है ,या दूसरे ताकतवर के आगे से डर कर भाग जाता है, 



ये साथी के लिए अपने  परो से खूब लड़ता है दूसरे हमलावर से 




इसकी संख्या संसार में हर जगह सबसे अधिक है


इसको इसलिए संसार के सबसे लापरवाह पक्षियों की लिस्ट में पहला नंबर प्राप्त है 





इसका नाम है कबूतर

लाली पक्षी की मदद में आई गिलहरी ,ऐसा दृश्य कभी देखा न होगा।


यह भूरी चिड़िया जिसे लाली कहते है बिल्ली को देख कर शोर मचाने लग गई, इसे ऐसा करते देख गिलहरी भी उसकी मदद करने आ गई,दोनो ने इतना शोर मचाया की बिल्लो को भागना पड़ा।





लाली पक्षी की मदद को आई गिलहरी,देखा न होगा ऐसा दृश्य कभी