Thursday, 6 July 2023

कृष्ण सुरदर्शन धारी थे

 



सीता के रखवाले राम थे 

जग में सबसे निराले  राम थे      

शक्ति अवतार  थी सीता 

जब हरण हुआ तब कोई नहीं 


                                                                     जय श्री राम 



दशरथ के थे चार दुलारे

पिता में उनके बस्ते  थे प्राण  

जब दशरथ  प्राण तजे 

तब पास में  कोई नहीं 



पांच थे पांडव द्रोपदी के 

एक से बढ़ कर  एक बलशाली 

कोई नहीं था सानी  जिनका 

 जब चीर  हरा तब कोई नहीं 




कृष्ण सुरदर्शन धारी  थे 

खुद ही वो  त्रिपुरारी थे 

प्यारे मोहन मीत  मुरारी थे 

जब तीर लगा तब कोई नहीं 



रावण भी शक्तिशाली  था

शिव का भक्त अनूठा 

 चारो वेदो का ज्ञाता था 

नवग्रह थे उसकी मुठ्ठी  में 

 जब लंका जली तब कोई नहीं 

                                                                                                                                    




      शरशैया पर पड़े पिता माह                                             इच्छा मृत्यु वरदानी थे  

कृष्ण के जानी  ध्यानी थे 

पीड़ा का सांजी कोई नहीं

 





लक्ष्मण भी थे भारी  योद्धा 

शेशनाग अवतारी थे       

अकेले ही सब पर भारी  थे 

जब शक्ति लगी तब कोई नहीं 




अभिमन्यु राजदुलारे थे 

कृष्ण अर्जुन  के बहुत प्यारे थे 

पर चक्रव्यू में कोई नहीं 











सच यही है  दुनिया वालो 

संसार में अपना कोई नहीं 

जो लेख लिखे है कर्मो ने 

उस लेख के आगे कोई नहीं 










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