सुखंवरो ki mehfil me itna shur ho adna
Knha khamoshi aachi Khan bolna aacha
लगा के देख ले तुझे
जो भी हिसाब आता है
घटा के हमको फिर
गिनती में तू भी रह नही सकता
जिस बात को पी गया में
वो बात खा गई मुझको
E खुदा मुझे इतनी खुदाई ना दे
की मुझे अपने सिवा कोई दिखाई न दे
Plo ke फैसले सदियों तलक रुलाते है
इस एतिहात से लेना जो भी फैसला लेना
खिलाफ रहने को मजबूर कर दिया तूने
बहुत करीब थे हम तो पर दूर कर दिया तूने
तब बात और थी हवायो से खौफ खाते थे
अब हवाओ से कहना चिरागो से सावधान रहे
तेरा दिल तो है सनम आशना
तुझे मस्जिद में क्या मिलेगा
कहां ढूंढोगे मेरे कातिल को
मेरे कत्ल का इल्जाम मुझ पर ही डाल दो
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