Thursday, 27 January 2022

ग्रहो की मित्रता शत्रुता,एवम तात्कालिक मित्रता एवम

ग्रहों की मित्रता 
मित्र 
1.सूर्य के मित्र – वृ. मं चन्द्र
2.चंद्रमा के मित्र – सूर्य बुध
3.मंगल के मित्र – सू. च. वृ.
4.बुध के मित्र – सूर्य, शुक्र, राहु,
5.बृहस्पति के मित्र – सू. च. मं
6.शुक्र के मित्र – श. बु. के.
7.शनि के मित्र – बुध-शुक्र-राहु
8.राहु के मित्र – बु. श. के.
9.केतु के मित्र – शु. राहु


शत्रु ता
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1.सूर्य – शुक्र, शनि, राहु
2.चन्द्र – केतु, राहु
3.मंगल – बुध, केतु
4.बुध – चंद्रमा
5.बृहस्पति – शुक्र, बुध
6.शुक्र – सूर्य , चन्द्र, राहु
7.शनि – सूर्य , चन्द्र , मंगल
8.राहु – सूर्य , शुक्र, मंगल
9.केतु – चन्द्र , मंगल

सामान्य 

सूर्य- बुध
चन्द्र – शुक्र, शनि , मंगल , बृहस्पति
.मंगल – शुक्र, शनि
बुध – शनि , मंगल, बृहस्पति, केतु
बृहस्पति – रा. के. शनि
शुक्र – मं, बृहस्पति
शनि- केतु ,बृहस्पति
राहु – बृहस्पति , चंद्रमा ,
.केतु – वृ. श, बु. सू


तात्कालिक मित्रता- शत्रुता

मित्रता 

कुंडली में 2, 3, 4, 5, 10, 11, 12, में बैठे ग्रह तात्कालिक मित्र होते है।

शत्रु 

1, 5,6,7, 8 एवं भावों में बैठे ग्रह आपस में शत्रु होते है।

नोट 
किसी भी खाने को खाना – 1मान कर मित्रता –शत्रुता के लिए यही सूत्र लगये

Tuesday, 25 January 2022

राहु के खराब होने के 34 कारण-लक्षण,

राहु के खराब होने के 34 कारण-लक्षण, जीवन में अचानक देता है बड़ा झटका,
किसी की कुंडली में राहु की स्थिति अच्छी अर्थात नेक या खराब अर्थाद बद है तो उसका अलग असर होता है परंतु कई बार अन्य कारणों से भी राहु खराब होकर अशुभ फल देने लगता है, फिर चाहे  कुंडली में राहु की स्थिति अच्छी हो। आओ  आज बात करते है  उन 34 कारणों और लक्ष्णों की जिन्हें आप जान उनका समाधन करके राहु द्वार जीवन में खड़ी होने वाली अचानक परेशान से बच सकते हैं।


 
 1 बिजली के उपकरणो के खराब होने का सिलसिलशुरू होना,
2 घर की साफ सफाई न रखना
3. शौचालय का गंदा या टूटा फूटा रहना।
4. घर का नैऋत्य कोण दूषित होना।
5. पेट के बल सोना
6. अतीत का रोना रोते रहना और भविष्य की कल्पना कर खयालीपुलाव पकाना। 
7.  जादू, तंत्र, मन्त्र टूना टोना आदि के चक्कर में पड. अनावश्यक कल्पना, आशंका, कुशंका, डर और बेचैनी का बना रहना।
9. रात को नींद न आना। रात को सपने ही सपने ही आना।
10. दिमाग में विचार या निर्णयों का बार-बार बदलते रहना। 
12. पानी, आग और ऊंचाई से ज्यादा डरना।
13. किसी पर भी विश्वास नहीं करना आदि।
14. दूसरों के खिलाफ षड़यंत्र की बातें सोचना।
15. भयभीत करने वाले स्वप्न आना या चमककर उठ जाना।
16. अचानक शरीर अकड़ने लगे।
17. बेकार के दुश्मन पैदा होना।
18. बेईमान या धोखेबाज बन जाना।
19. मद्यपान  व ध्रूमपान करना।
20. अतिसंभोग करना।
21. सिर में  अक्सर चोट लग जाना।
22. घटना दुर्घटना का बढ़ जाना।
23. किसी न किसी से क्लेश करते रहना।
24. दिमाग का हमेशा  भ्रमित ही रहना।
25. राहु वाले स्थान पर रहना। जैसे जहां मटन-मांस बिकता है, शराब बिकत
26 घर की दहलीज का दब जाना, खराब हो जाना।
27  सीढ़ियों का वास्तु अनुसार नहीं बनना या खराब रहना।
29 घर की औरतों का बालो में तेलन लगाना व उन्हें खुला रखना
30 नाखून बड़े रखना, उनको समय पर नही काटना,