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Friday 5 May 2023
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Sunday 17 April 2022
किस दिन क्या दान करे ?
किस दिन क्या दान करे ?
ज्योतिष शास्त्र दान से पाप का नाश मानता है ,किस ग्रह के लिए कोनसी वास्तु दान दे सकते है।
शास्त्रों में बताया गया है कि दान करने से सुख-शांति एवं धन संपत्ति का लाभ मिलता है। लेकिन लाल किताब कहता है कि दान भी मुसीबत में डाल सकता है। जो ग्रह कुण्डली में मजबूत स्थिति में हों उस ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए। मजबूत ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करने से ग्रह कमज़ोर हो जाता है, और उस ग्रह से संबंधित शुभ फलों में कमी हो जाती है। लाल किताब में दान संबंधी विशेष दिशा-निर्देश हैं।
चन्द्र- सोमवार साय जल दूध चावल चांदी, कांस्य, दूध, दही, , शंख, सफेद सीपी, सफेद वस्त्र, सफेद पुष्प, निर्मल जल, कपूर, सफेद गाय, सफेद कुत्ता, खरगोश, सफेद बिल्ली, सफेद चंदन, चकोर, हंस, बर्फ, सफेद मोती।
मंगल- मंगलवार दोपहर मीठी रोटी तंदूर की रेवड़िया ,बताशे तांबा, मतान्तर से सोना, केसर, कस्तूरी, गेहूं, लाल चंदन, लाल गुलाब, सिन्दूर, शहद, लाल पुष्प, शेर, मृगछाला, मसूर की दाल, लाल कनेर, लाल मिर्च, लाल पत्थर, लाल मूंगा।मंगल के नीच राशि में होने पर नमक का सेवन कम करें ,विद्यर्थियों की सहायता करें
बुध- प्रतः पन्ना साबुत मुंग ,काली दतु हरा वस्त्र,स्वर्ण मतान्तर से कांस्य, स्टेशनरी का सामान, हरे वस्त्र, केला, हरी सब्जियां, मूंग की दाल, तोता, मिट्टी का घड़ा, घी, हरे रंग का पत्थर, हरे रंग की वस्तुएं एवं पन्ना। बुध नीच का हो तो देर तक मत सोयें, विष्णु जी की उपासना करें,आयरन युक्त खाद्य खाए
बृहस्पति- सुबह पुखराज ,पिली दाल,पीपल,हल्दी,शकर गोदा पीला फूल सोना (मतान्तर से चांदी), दाल, चना, हल्दी, केसर, पीला रंग, पीली वस्तुएं, लुकाठ, कांस्य, पीत पुष्प, कस्तूरी, सेब, मेंढक, घोड़ा, घी, पीपल का वृक्ष, पीली मिट्टी, पीला पुखराज। बृहस्पति नीच राशि में हो तो झूठ मत बोलें, मांस-मदिरा से बचें,अपने गुरु और माता पिता की सेवा करें.
शनि- निर्धन निर्बल मजबूर मजदूर नीलम,लोहा फौलाद,चमड़ा पाथेर खेत कोय अंगीठी,चिंता तवा भेज तेल सरसो शराब टिल,कला कपडा साबुत उड़द अलसी, लोहा, लोहे की वस्तुएं, नीले वस्त्र, सरसों का तेल, काले माश, काली मिर्च, काले वस्त्र, काले चने, काला सूरमा, भैंस, काला सांप, चमड़ा, कुलथी, गर्म मसाले, पत्थर का कोयला, नीले पुष्प, नीला पत्थर, नीलम।
राहु- कोड़ी गोमेध सरसो नीलम कोयला खोते सिक्के कला नीला कपडा ,कम्बल सीसा, सर्प, काला रंग, काले तिल, जौ, सरसों का तेल, काले रंग के पुष्प, हाथी, कच्चे कोयले, अभ्रक, मछली, गर्म कपड़े, बिजली के यंत्र, नीलगाय, धुआं, कुंडली में राहु जिस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता हो उस ग्रह की वस्तुएं, गोमेद।
केतु- युवा को कुत्ते दोरंगा कपडा झंडा ,ऊनि कपड़ा सात अनाज काजल सात अनाज लोहा, चूहा, पलंग, चितकबरा कुत्ता, चितकबरे रंग, सर्प, पेशाब, चितकबरा कंबल, छिपकली, काले-सफेद तिल, चितकबरी गाय, श्मशान भूमि, चितकबरा पत्थर, कुंडली में केतु जिस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता हो उस ग्रह की वस्तुएं, लहसुनिया।
अपनी श्रद्धानुसार एक या उससे अधिक वस्तुओं का दान ग्रहो के तयवार को किसी गरीब अथवा जरुरतमंद को करना चाहिए दान का बखान व उल्लेख कभी नहीं करना चाहिए ,इससे पुण्य कम हो जाता है व कार्य भी सिद्ध नहीं होता है।
Wednesday 9 March 2022
कुंडली में गुरु (jupiter )
गुरुवार के दिन,गुरु की ,दादा की व भगवान विष्णु की विशेष रूप से सेवा व पूजा करनी चाहिए. इनके आशीर्वाद से मनुष्य को सभी तरह की दुःख व परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। यदि किस्मत साथ नहीं दे रही है ,समस्याएं ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है। तो गुरुवार के दिन कुछ आसान उपाय करने से आपकी किस्मत बदल सकती है।
हिंदू शास्त्रों में गुरूवार को सुख समृद्धि व् धन के लिए खासतौर पर माना जाता है। भगवान विष्णु की आराधना के लिए गुरूवार का दिन शुभ माना गया है। गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करने से मनुष्य का जीवन सुखों से भर जाता है। गुरुवार को लक्ष्मी-नारायण दोनों की एक साथ पूजा करने से जीवन में खुशियां आती है और पति-पत्नी के बीच मनमुटाव व् दूरियां नहीं आतीं। साथ ही धन की कमी दूर होती है।
जीवन में कई बार इस तरह की परेशानियां आती हैं जिनका हम चाहते हुए भी हल नहीं निकल पाते है। कुछ समस्याएं का कड़ी मेहनत करने पर भी फल नहीं मिलता। सही जीवनसाथी नहीं मिल रहा होता। घरेलू समस्याएं, मानसिक तनाव जैसी समस्याये गुरुवार को पूजा करने से दूर होती है। अगर कुंडली में अगर गुरु खराब है तो मनुष्य अपने जीवन में कभी भी उतनी तरक्की नही कर सकता जितनी उसमे क्षमता होती है । गुरु को दादा ,धन, वैवाहिक जीवन और संतान का कारक भी माना जाता है। कुंडली में गुरु तीन घरो का स्वामितत्व रखता है व गुरु की तीन दृष्टि होती है ,गुरु सुरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है ,
गुरुवार को केसर, पीला चंदन या फिर हल्दी का दान मंदिर में करना शुभ माना गया है। ऐसा करने से गुरु मजबूत होता है, जिससे ,धन ,आरोग्य और सुख की वृद्धि होती है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास होता है। अगर आप दान नहीं कर सकते हैं तो कोई बात नहीं इन्हें तिलक के रूप में लगाने से भी लाभ मिलता है इस दिन अगर आप कुछ उपाय करते हैं तो आपको जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या की नहीं होगी।
तो चलिए जानते हैं गुरुवार के इन उपायों के बारे में…
गुरुवार के उपाय (Guruwar ke Upay)
- सुबह तड़के उठकर स्नान करें।
- स्नान के बाद ‘ॐ बृ बृहस्पते नमः’ का मानसिक जाप भी करें।
-कोई एक
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का मानसिक जाप जरूर करें।
गुरु के भी प्रकार के दोष को दूर करने के लिए आप गुरुवार के दिन नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें।
- गुरुवार का व्रत रखें और केले के पौधे में जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें। ऐसा करने से विवाह में आने वाली रुकावटों का समाधान होता है और अगर आप विवाहित हैं तो आपके वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती।
- स्नान के बाद पीले रंग को वस्त्र धारण करें। कमर के नीचे नहीं ,
- स्नान के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा व चित्र का सामने घी का दीया जलाएं।
- भगवान विष्णु को पीले रंग के फूलों के साथ तुलसी का एक छोटा सा पत्ता अर्पित करें।
- अपने माथे पर हल्दी, पीले चंदन या केसर का तिलक धारण करें।
- भगवान बृहस्पति को पीले रंग की चीजें बहुत पसंद हैं। इसलिए इस दिन मंदिर में पीले रंग की वस्तुएं जैसे- चने की दाल, फल आदि दान करें।
- इस दिन सुबह के समय चने की दाल और थोड़ा-सा गुड़ चींटियों को डाले
- इस दिन को धार्मिक महत्व के लिहाज भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। घर में धन की बरक्कत के लिए गुरुवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन पीले रंग की चीजों को विशेष महत्व दिया जाता है।
- गुरुवार के दिन न कर्ज दे न ले
- अगर आप गुरुवार का व्रत रखते हैं तो, इस दिन सत्यनारायण की व्रत कथा जरूर सुनें या पढ़े।
बृहस्पति के दिन इन मंत्रों का करें जाप,धन-संपदा और वैभव में होगी बरकत
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
Thursday 27 January 2022
ग्रहो की मित्रता शत्रुता,एवम तात्कालिक मित्रता एवम
ग्रहों की मित्रता
मित्र
1.सूर्य के मित्र – वृ. मं चन्द्र
2.चंद्रमा के मित्र – सूर्य बुध
3.मंगल के मित्र – सू. च. वृ.
4.बुध के मित्र – सूर्य, शुक्र, राहु,
5.बृहस्पति के मित्र – सू. च. मं
6.शुक्र के मित्र – श. बु. के.
7.शनि के मित्र – बुध-शुक्र-राहु
8.राहु के मित्र – बु. श. के.
9.केतु के मित्र – शु. राहु
शत्रु ता
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1.सूर्य – शुक्र, शनि, राहु
2.चन्द्र – केतु, राहु
3.मंगल – बुध, केतु
4.बुध – चंद्रमा
5.बृहस्पति – शुक्र, बुध
6.शुक्र – सूर्य , चन्द्र, राहु
7.शनि – सूर्य , चन्द्र , मंगल
8.राहु – सूर्य , शुक्र, मंगल
9.केतु – चन्द्र , मंगल
सामान्य
प
सूर्य- बुध
चन्द्र – शुक्र, शनि , मंगल , बृहस्पति
.मंगल – शुक्र, शनि
बुध – शनि , मंगल, बृहस्पति, केतु
बृहस्पति – रा. के. शनि
शुक्र – मं, बृहस्पति
शनि- केतु ,बृहस्पति
राहु – बृहस्पति , चंद्रमा ,
.केतु – वृ. श, बु. सू
तात्कालिक मित्रता- शत्रुता
मित्रता
कुंडली में 2, 3, 4, 5, 10, 11, 12, में बैठे ग्रह तात्कालिक मित्र होते है।
शत्रु
1, 5,6,7, 8 एवं भावों में बैठे ग्रह आपस में शत्रु होते है।
नोट
किसी भी खाने को खाना – 1मान कर मित्रता –शत्रुता के लिए यही सूत्र लगये